मध्यप्रदेश में लगाए गए छह करोड़ पौधे, बन सकता है गिनीज विश्व रिकार्ड

Edited By Punjab Kesari,Updated: 02 Jul, 2017 10:17 PM

six million plants planted in madhya pradesh

एक दिवसीय पौध-रोपण में रोपित किए जाने वाले पौधों का गिनीज विश्व रिकार्ड बनाने के लिए मध्यप्रदेश सरकार ने नर्मदा नदी के तटों पर 12 घंटे के ...

भोपाल: एक दिवसीय पौध-रोपण में रोपित किए जाने वाले पौधों का गिनीज विश्व रिकार्ड बनाने के लिए मध्यप्रदेश सरकार ने नर्मदा नदी के तटों पर 12 घंटे के अंदर लगभग छह करोड़ पौधे लगाने का दावा किया है। अब तक यह रिकार्ड उत्तर प्रदेश के पास है।

सुबह 7 बजे से शुरू हुआ कार्यक्रम
मध्यप्रदेश में पौध-रोपण का यह कार्य सुबह 7 से शुरू हुआ और शाम 7 बजे खत्म हुआ। इन्हें मध्यप्रदेश में नर्मदा के दोनों तट के किनारों और नदी के जलग्रहण क्षेत्र वाले कुल 24 जिलों में नर्मदा नदी के संरक्षण के लिए लगाया गया। मध्यप्रदेश जनसंपर्क विभाग के एक अधिकारी ने बताया, नर्मदा नदी के कैचमेन्ट एरिया के 24 जिलों में प्रदेश में एक दिन में एक साथ 6 करोड़ 67 लाख 50 हजार पौधे लगाने का लक्ष्य रखा गया था।

12 घंटे में लगाए गए छह करोड़ पौधे
उन्होंने कहा, अब तक मिली जानकारी के अनुसार हमने लगभग छह करोड पौधे 12 घंटे में लगाए हैं। इन सभी 24 जिलों में लगाए गए पौधों का डाटा कलेक्शन अब भी जारी है। मध्यप्रदेश के प्रधान मुख्य वन संरक्षक अनिमेश शुक्ला ने बताया, अब तक यह रिकार्ड उत्तर प्रदेश के पास है। उत्तरप्रदेश ने पिछले साल जुलाई में वहां के तत्कालीन मुख्यमंत्री अखिलेश सिंह के नेतृत्व में 24 घंटे में दो दिन में पांच करोड पौधे लगाकर इतिहास रचा था और गिनीज बुक में यह रिकार्ड दर्ज करवाया था।

वन विभाग ने रोपित किए तीन करोड़ पौधे
उन्होंने कहा, वन विभाग ने तीन करोड़ से अधिक पौधे रोपित किए हैं। जनसंपर्क अधिकारी ने बताया कि बाकी लगभग तीन करोड पौधों को प्रदेश के अन्य विभागों एवं नर्सरियों द्वारा रोपित किया गया है। मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने अमरकंटक में नर्मदा मंदिर परिसर में पेड लगाकर वृक्षारोपण के इस महाअभियान का शुभारंभ करते हुए कहा, प्रदेश में अब सार्वजनिक कार्यक्रमों की शुरुआत पौधा-रोपण एवं कन्या-पूजन से होगी।

सीएम चौहान ने नर्मदा के उद्गम स्थल पर की आरती
इससे पहले चौहान ने अपनी पत्नी साधना सिंह के साथ अमरकंटक में मां नर्मदा के उद्गम स्थल स्थित नर्मदा मंदिर में प्रात: कालीन आरती की। अमरकंटक में वृक्षारोपण करने के बाद मुख्यमंत्री चौहान ने जबलपुर के लम्हेटाघाट में, सीहोर जिले के छीपानेर में एवं खण्डवा जिले के ओंकारेश्वर में भी वृक्षारोपण किया। ग्लोबल वार्मिंग की वजह से धरती के बढ़ते तापमान पर चिंता व्यक्त करते हुए चौहान ने कहा कि भावी पीढ़ी को स्व‘छ पर्यावरण की सौगात देने के लिए पौधारोपण जरूरी है।

मुख्यमंत्री ने पर्यावरण संरक्षण की दृष्टि से हाल ही में पेरिस में हुए समझौते का जिक्र करते हुए कहा कि 2050 तक धरती का तापमान दो डिग्री सेल्सियस बढ़ जाएगा। इससे ग्लेशियर पिघलने लगेंगे, समुद्र उफन पड़ेंगे, गांव-टापू डूब जाएंगे, वर्षा चक्र अनियंत्रित हो जाएगा और मानव जाति के अस्तित्व पर संकट खड़ा हो जाएगा। पूरी दुनिया को जलवायु परिवर्तन की दुश्वारी से बचाने का प्रयास और संदेश देने का काम आज मध्यप्रदेश की धरती से हो रहा है।

पेड़ सुरक्षित रहेंगे तो मानव जीवन सुरक्षित
चौहान ने कहा कि वृक्षारोपण कर हम नर्मदा की सेवा तो कर ही रहे हैं, साथ ही पृथ्वी पर जन-जीवन की रक्षा के लिए भी अपना योगदान दे रहे हैं। उन्होंने कहा कि पेड़ सुरक्षित रहेंगे तो मानव जीवन सुरक्षित रहेगा। इस महावृक्षारोपण में लगभग 2 दर्जन से ज्यादा किस्म के पौधे लगाए गए। इनमें फलदार और छायादार किस्मों में आम, आंवला, नीम, पीपल, बरगद, महुआ, जामुन, खमेर, शीशम, कदम, बेल, अर्जुन, बबूल, बांस, इमली, गूलर, खेर तथा कृषि वानिकी के अमरूद, संतरा, नींबू, कटहल, सीताफल, अनार, अचार, चीकू, बेर, मुनगा आदि के पौधों का रोपण किया गया।  

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