राष्‍ट्रपति चुनाव के बहाने सोनिया गांधी ने संभाली कमान, BJP को कड़ी चुनौती देने की तैयारी

Edited By ,Updated: 23 Apr, 2017 10:02 AM

sonia gandhi assumes command

राष्ट्रपति चुनाव जुलाई में होना है लेकिन उसके लिए जद्दोजहद अभी से शुरू हो गई है। भाजपा से लेकर विपक्ष तक सब इस पर रणनीति बना रहे हैं।

नई दिल्ली: राष्ट्रपति चुनाव जुलाई में होना है लेकिन उसके लिए जद्दोजहद अभी से शुरू हो गई है। भाजपा से लेकर विपक्ष तक सब इस पर रणनीति बना रहे हैं। जहां मोदी सरकार अपनी पंसद का राष्ट्रपति चाहती है वहीं अन्य विपक्षी दल सरकर का खेल बिगाड़ने की ताक में हैं। विपक्षी दलों ने सबसे बड़ी विपक्षी पार्टी कांग्रेस की अध्‍यक्ष सोनिया गांधी के मुलाकातें करने शुरू कर दी हैं। इस सिलसिले में बिहार के मुख्यमत्री नीतीश कुमार ने सबसे पहले कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी से उनके आवास पर मुलाकात की। नीतीश के बाद मार्क्‍सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा) के महासचिव सीताराम येचुरी ने कांग्रेस अध्‍यक्ष से मुलाकात की।

एकजुट हुुआ विपक्ष
सीताराम येचुरी ने कहा कि वाम मोर्चा राष्ट्रपति पद के उसी उम्मीदवार का समर्थन करेगा जो संवैधानिक ढांचे को मजबूती प्रदान करेगा और वर्तमान स्थिति से निकालकर देश को आगे ले जाएगा। येचुरी ने कहा कि वे निश्चित रूप से ऐसा उम्मीदवार चाहते हैं जिन्हें सभी दलों का समर्थन प्राप्त हो। माकपा ने इस मुद्दे पर राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के प्रमुख शरद पवार और राजद प्रमुख लालू प्रसाद यादव से भी अनौपचारिक चर्चा की। इस बारे में माकपा और भाकपा (भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी) के बीच बैठक भी हो चुकी है। भाकपा महासचिव एस सुधाकर रेड्डी ने कहा कि इस चुनाव में सहमति वाला उम्मीदवार खड़ा करने की संभावना पर चर्चा की है। फिलहाल हमारे पास कोई औपचारिक प्रस्ताव नहीं है, लेकिन हम इस सुझाव का स्वागत करते हैं।

"महागठबंधन" पर विचार
राष्ट्रीय जनता दल प्रमुख लालू प्रसाद यादव ने भी घोषणा कर दी कि वे जल्द ही इस सिलसिले में सोनिया गांधी से मुलाकात करेंगे। लालू यादव तो पहले ही "महागठबंधन" के बारे में कह चुके हैं कि सांप्रदायिक ताकतों से लड़ने के लिए वे एकजुट होना चाहते हैं और सभी को एक मंच पर आना चाहिए। इस संबंध में जनता दल (युनाइटेड) के नेता के.सी.त्यागी ने कहा कि सोनिया गांधी को जुलाई में होने वाले राष्ट्रपति चुनाव के लिए विपक्ष को एकजुट करने का नेतृत्व करना चाहिए।

पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने भी भाजपा का मुकाबला करने के लिए क्षेत्रीय पार्टियों से एकजुट होने की अपील की। इसी क्रम में उन्होंने ओडिशा के मुख्यमंत्री नवीन पटनायक से मुलाकात की थी। जानकार बताते हैं कि विपक्षी दल वर्तमान राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी के दूसरे कार्यकाल पर भी विचार कर रहे हैं, लेकिन खुद प्रणब मुखर्जी की इच्छा के बाद लेकिन राष्ट्रपति भवन के सूत्र बताते हैं कि प्रणब मुखर्जी इसी शर्त पर दोबारा राष्ट्रपति बनना पसंद करेंगे जब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी उनके नामांकन के लिए तैयार हो। भले ही विपक्षी दलों की इन मुलाकातों को राष्ट्रपति चुनाव से जोड़कर देका जा रहा है लेकिन इसके पीछे सबसे बड़ी वजह 2019 के लोकसभा चुनाव भी है। विपक्षी दलों के बीच में होने वाला संभावित 'महागठबंधन' मोदी सरकार का खेल बिगाड़ने में एक जुट हो रहा है।

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