निर्भया फंड और दुष्कर्म पीड़ितों पर राज्य सरकारों का दोहरा रवैया

Edited By Punjab Kesari,Updated: 26 Feb, 2018 06:08 PM

state government s double attitude on nirbhaya fund and rape victims

महिलाओं की सुरक्षा और सम्मान के बड़े-बड़े वादे के साथ सत्ता में आने वाली सरकारें सच में महिलाओं की सुरक्षा के प्रति कितना संवेदनशील हैं। इसका पता उस आदेश से चलता है कि सुप्रीम कोर्ट ने राज्य सरकारों और केंद्र शासित प्रदेशों से आदेश कर राज्यों में...

नेशनल डेस्क: महिलाओं की सुरक्षा और सम्मान के बड़े-बड़े वादे के साथ सत्ता में आने वाली सरकारें सच में महिलाओं की सुरक्षा के प्रति कितना संवेदनशील हैं। इसका पता उस आदेश से चलता है जिसमें सुप्रीम कोर्ट ने राज्य सरकारों और केंद्र शासित प्रदेशों से आदेश कर राज्यों में दुष्कर्म पीड़ित महिलाओं को मुआवजे में निर्भया फंड से कितना पैसा दिया गया है। कोर्ट के इस आदेश के बाद अब तक अधिकतर सरकारों ने अदालत में जानकारी नहीं दी है। आदेश के बाद भी जानकारी न देना सरकारों के सुस्त रवैयै को दर्शाता है। इस पर जस्टिस मदन बी लोकुर और जस्टिस दीपक गुप्ता की पीठ ने राज्य सरकारों के प्रति नाराजगी जाहिर की है।

बता दें कि पिछले महीने 9 जनवरी को सर्वोच्च अदालत ने निर्भया फंड को लेकर राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों से जानकारी देने को कहा था। लेकिन सरकारें सुप्रीम कोर्ट को यह जानकारी नहीं दे पाई हैं। जिन्होंने इसका ब्यौरा नहीं दिया है, उनमें असम, गोवा, छत्तीसगढ़, गोवा, हरियाणा, हिमाचल प्रदेश, जम्मू कश्मीर, महाराष्ट्र, मणिपुर आदि राज्य शामिल हैं। जिन राज्य सरकारों ने इसका ब्यौरा दिया, उससे कोर्ट संतुष्ट नहीं है। दुष्कर्म पीड़ित महिलाओं को दिए गए मुआवजे पर कोर्ट ने नाराजगी जताते हुए राज्य सरकार से कहा कि राज्य में पीड़तों की सख्या लगभग 1951 है। और सरकार  की मुआवजा राशि 6000 से 6500 रुपये तक है।

देश में होनी चाहिए एक समान नीति
अदालत ने टिप्पणी करते हुए कहा कि सरकारें दुष्कर्म पीड़िताओं को मुआवजा दे रहीं है या भीख। अदालत की टिप्पणी में पीड़ितों के प्रति दर्द साफ झलक रहा है। बता दें कि दिल्ली में हुए निर्भया कांड के बाद से ही सुप्रीम कोर्ट में दुष्कर्म पीड़ितों को मुआवजा, पुर्नवास और महिलाओं की सुरक्षा आदि पर दायर याचिकाओं पर सुनवाई कर रहा है। याचिकाकर्ताओं ने कोर्ट से कहा है कि महिला उत्पीड़न और दुष्कर्म के मामलों पर पूरे देश में एक समान नीति होनी चाहिए। याचिकाकर्ताओं की बात रखते हुए वकील इंदिरा जय सिंह ने पिछली सुनवाई में कोर्ट से कहा था कि देश के 29 राज्यों में से कुल 25 राज्यों ने मुआवजा योजना को अपने यहां अधिसूचित किया है। इंदिरा की दलील पर कोर्ट ने वकील का साथ देते हुए कहा कि ऐसे मामलों में एकरुपता जरूरी है। इसको लेकर सरकारें एक व्यापक नीति बनाएं जिससे कि पीड़ितों को उचित मुआवजा मिल सके।

सरकारें कर रहीं निर्भया फंड का दुरुपयोग
निर्भया की मां ने निर्भया फंड में मिलने वाली राशि पर कहा कि सरकार इसका दुरुपयोग कर रही हैं। इसका प्रयोग सड़क बनाने, कैमरे लगाने जैसे कामों में किया जा रहा है। इसका इस्तेमाल महिलाओं की सुरक्षा पर करना चाहिए। इस दौरान उन्होंने महिलाओं को सुरक्षा के टिप्स भी दिए। 

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