Edited By ,Updated: 28 Apr, 2017 09:00 AM
नोटबंदी ने भारत में भ्रष्टाचार को कम किया व घूसखोरी में भी कमी आई है। खास बात यह है कि 2005 के मुकाबले पुलिस और न्यायिक सेवाओं में घूसखोरी बड़े पैमाने पर घटी है।
नई दिल्ली: नोटबंदी ने भारत में भ्रष्टाचार को कम किया व घूसखोरी में भी कमी आई है। खास बात यह है कि 2005 के मुकाबले पुलिस और न्यायिक सेवाओं में घूसखोरी बड़े पैमाने पर घटी है। थिंक टैंक सी.एम.एस. की ताजा रिपोर्ट में ये बातें सामने आई हैं। संस्था की यह 11वीं रिपोर्ट है। रिपोर्ट तैयार करने की प्रक्रिया में नोटबंदी के बाद इस साल जनवरी के दौरान 20 राज्यों में फोन पर एक सर्वे करवाया गया। इसमें 56 प्रतिशत लोगों ने कहा कि नोटबंदी की वजह से भ्रष्टाचार में कमी आई है जबकि 12 प्रतिशत लोगों की राय इससे उलट रही।
21 प्रतिशत के मुताबिक कोई बदलाव नहीं हुआ जबकि 11 प्रतिशत लोगों ने अपनी राय नहीं दी। सी.एम.एस.-आई.सी.एस. के नतीजे 20 राज्यों के 3000 परिवारों के अनुभव के आधार पर हैं। ये अनुभव 10 सार्वजनिक सेवाओं जैसे बिजली, राशन की दुकान, स्वास्थ्य सेवाएं, पुलिस, न्यायिक सेवाएं, पानी वगैरह पर आधारित हैं। वैसे रिपोर्ट में साफ कहा गया है कि वर्ष चाहे 2005 हो या फिर 2017, घूस देने की वजह कमोबेश समान ही है। मसलन तय रकम नहीं चुकाना, काम जल्दी करवाना, जरूरी कागजात की कमी और सेवा देने वाले पर खासी निर्भरता शामिल हैं।