Edited By Punjab Kesari,Updated: 16 Jun, 2017 03:46 PM
पिता के साथ रेलवे स्टेशन में जाकर चाय बेचने वाले नरेंद्र मोदी ने देश के विकास का सपना देखा और आज हिंदोस्तान के सफल प्रधानमंत्री है।
भोपाल: पिता के साथ रेलवे स्टेशन में जाकर चाय बेचने वाले नरेंद्र मोदी ने देश के विकास का सपना देखा और आज हिंदोस्तान के सफल प्रधानमंत्री है। उन्ही की राह में आनंद सिंह कुशवाहा चलना चाहते हैं। 20 चुनाव हार चुके आनंद ने चौथी बार राष्ट्रपति चुनाव के लिए नामांकन भरा है। ग्वालियर के रहने वाले चायवाले ने बताया कि वह उपराष्ट्रपति का चुनाव लड़ चुका है। उन्होंने बताया कि वह मैं यूपी के विधायकों और सांसदों के संपर्क में हूं। पहले उन्हे पर्याप्त वोट नहीं मिल पाए लेकिन इस बार विश्वास है कि उसे समर्थन मिलेगा। आनंद रोज अपनी कमाई का एक हिस्सा चुनाव लडऩे के लिए बचाते हैं।
एक बार सफल होना चाहता है आनंद
वर्ष 2013 के विधानसभा चुनावों में उन्हे 376 वोट मिले थे। उन्होंने कहा कि मैं कम से कम एक बार सफल होना चाहता हूं। मैं गाड़ी का इंतेजाम नहीं कर सकता इसलिए पैदल ही अपना प्रचार करता हूं। जब मैं प्रचार पर निकलता हूं तो मेरी बीवी चाय की दुकान संभालती है। 2014 के लोकसभा चुनाव में दाखिल पर्चे के मुताबिक आनंद के पास 5000 रुपए कैश और 10 हजार अचल संपत्ति थी। राष्ट्रपति पद के लिए चुनाव लडऩे के लिए 50 वैध वोटरों का समर्थन और 50 बैकर्स कम से कम चाहिए होते हैं।