Edited By ,Updated: 05 Mar, 2015 05:41 PM
सच्चाई और पारदर्शिता का दम भरने वाली आम आदमी पार्टी(आप) ने अपने नेताओं को राष्ट्रीय कार्यकारिणी की कल हुई बैठक का ब्यौरा सार्वजनिक नहीं करने का फरमान जारी किया है।
नई दिल्ली: सच्चाई और पारदर्शिता का दम भरने वाली आम आदमी पार्टी(आप) ने अपने नेताओं को राष्ट्रीय कार्यकारिणी की कल हुई बैठक का ब्यौरा सार्वजनिक नहीं करने का फरमान जारी किया है। पार्टी के वरिष्ठ नेता मयंक गांधी ने आज अपने ब्लाग में इसका खुलासा करते हुए कहा कि बैठक के बाद ही कल रात उन्हें चेतावनी दी गई थी कि बैठक के बारे में उन्होंने बाहर कुछ भी बताया तो उनके विरूद्ध कार्रवाई की जायेगी।
उन्होंने कहा कि वह कार्यकर्ताओं के प्रतिनिधि के रूप में बैठक में शरीक हुए थे और गैग आर्डर को मानना उनके लिये बेइमानी होगा। उन्होंने कहा कि लोगों को चुनींदा बातें मीडिया में लीक से पता चले इससे बेहतर है कि उनको तथ्यों से अवगत करा दिया जाये। गांधी ने याद दिलाया कि पार्टी संयोजक अरविंद केजरीवाल खुद कहते थे कि सच्चाई और पारदर्शिता उनकी पूंजी है। इस सिलसिले में उन्होंने 2011 की घटना का उल्लेख किया जब लोकपाल पर बैठक से बाहर आते समय पूर्व केंद्रीय मंत्री कपिल सिंबल ने केजरीवाल से कहा था कि वह बैठक के बारे में किसी को जानकारी नहीं दें।
तब केजरीवाल ने जवाब दिया था कि वह कोई नेता नहीं जनता के प्रतिनिधि हैं और यह उनकी जिम्मेदारी बनती है कि वह देश की जनता को इसके बारे में बतायें। उन्होंने कहा था, ‘सच्चाई और पारदर्शिता ही उनकी पूंजी है।’ गांधी ने कहा कि वह पार्टी के अनुशासित सिपाही हैं लेकिन वह गैग आर्डर को तोड रहे हैं और इसकी सजा भुगतने को तैयार हैं। उन्होंने साफ किया न तो यह बगावत है और न सस्ती लोकप्रियता हासिल करने का हथकंडा। पार्टी कार्यकर्ताओं से बनती है और उन्हें सच्चाई पता चलनी ही चाहिये।