J&K में बाढ़ः IL-76 विमानों के साथ सेना तैयार, राहत कार्य के लिए मुफ्ती सरकार ने दिए 235 करोड़

Edited By ,Updated: 31 Mar, 2015 08:02 AM

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कश्मीर में बाढ़ राहत अभियान के लिए भारतीय सेना के 20 दल साजो सामान के साथ तैयार हैं। सेना के अधिकारियों ने कहा कि प्रत्येक दल में 100-125 सैन्यकर्मी, नौका और वाटर पंप को तैयार रखा गया है।

नई दिल्लीः कश्मीर में बाढ़ राहत अभियान के लिए भारतीय सेना के 20 दल साजो सामान के साथ तैयार हैं। सेना के अधिकारियों ने कहा कि प्रत्येक दल में 100-125 सैन्यकर्मी, नौका और वाटर पंप को तैयार रखा गया है। 

इसी बीच, आईएल-76 विमान से राष्ट्रीय आपदा प्रतिक्रिया दल (एनडीआरएफ) की दो कंपनियों को बठिंडा से श्रीनगर के लिए रवाना कर दिया गया है. सेना ने सोमवार को औपचारिक तौर पर बचाव और राहत अभियान में सहयोग के लिए आग्रह किया था. साथ ही वह सोनावाड़ में दो जगहों पर झेलम नदी के तटबंधों में आई दरार को भरने का काम भी कर रही है।


एक अधिकारी ने कहा कि झेलम नदी के आसपास के इलाकों और ऐसे इलाके जहां भूस्खलन और हिमस्खलन होते रहते हैं, वहां लगातार निगरानी रखी जा रही है। सेना के एक अधिकारी ने कहा, 'सेना ने बाढ़ राहत के लिए 20 दलों को तैनाती के लिए तैयार रखा है और संकेत मिलते ही उन्हें तैनात किया जाएगा।' बचाव अभियान के लिए 30 नौकाओं को पुलवामा, कुलगाम, बारामूला और खानाबल में रखा गया है। इसके अलावा, 19 नौकाओं को श्रीनगर में विभिन्न जगहों पर रखा गया है। श्रीनगर के पास बादामी बाग कैंट में एक संयुक्त नियंत्रण कक्ष (जेसीआर) की स्थापना की गई है। इसका आपात नंबर-2701083 है।


अधिकारी ने कहा, 'इंजीनियर टास्क फोर्स को 15 और 16 कोर इलाके में तैयार रखा गया है। इसके अलावा, शिवपोरा और श्रीनगर में जमा पानी को बाहर निकालने के लिए वाटर पंप लगाया गया है। प्रभावित इलाकों में इस्तेमाल के लिए अतिरिक्त पंपों को बीबी कैंट में रखा गया है।'
 
बाढ़ के चलते अभी तक 19 की मौत
कश्मीर घाटी में लगातार चार दिनों से हो रही भारी बारिश से आई बाढ़ और दो मकानों के ढहने से सोमवार को 16 लोग जिंदा दफन हो गए, जबकि कुल 19 लोगों की अब तक मौत हुई है। इनमें से 17 का ताल्लुक कश्मीर से और 2 का ताल्लुक जम्मू क्षेत्र से है। राहत और बचाव कार्य में लोगों ने अब तक 8 शव बरामद किए हैं, जबकि बडगाम में हुए भूस्खलन में 9 लोगों का कोई पता नहीं है।


झेलम नदी में लगातार बढ़ रहे जलस्तर से चिंतित लोग सुरक्षित स्थानों की ओर रुख कर रहे हैं। अधिकारियों ने सोमवार को जम्मू और एवं कश्मीर को बाढ़ प्रभावित घोषित कर दिया. लोगों को पिछले साल सितंबर में आई बाढ़ का डर सता रहा है, जिसके सैलाब में विनाश और मौत का तांडव हुआ था।


एक पुलिस अधिकारी ने कहा कि बडगाम जिले के लादेन गांव में भारी बारिश के कारण हुए भूस्खलन से दो मकान जमींदोज हो गए, जिसमें दो परिवारों के 16 लोग फंस गए. उन्होंने कहा, 'हमने मलबे से एक भी शव बरामद नहीं किया है.' जम्मू से आई खबर के मुताबिक, डोडा से एक वाहन में मवेशियों को लेकर उधमपुर जा रहा एक युवक अंग्रेज सिंह रास्ते में बाढ़ की चपेट में आ गया और बह गया. गंभीर होती स्थिति के मद्देनजर, लोग सुरक्षित स्थानों की ओर रुख कर रहे हैं।


श्रीनगर के गोजीबाग रिहायशी इलाके में रहने वाले निसार हुसैन (65) को तीन महीने बाद दोबारा अपने घर में वापस आने पर पछतावा हो रहा है। बाढ़ के कारण लगातार दूसरी बार उन्हें, उनकी पत्नी (60) और बेटी (27) को अपना घर-बार फिर से छोड़ना पड़ रहा है. चिंतित स्वर में निसार ने कहा कि अधिकारियों द्वारा बाढ़ की चेतावनी के बाद आनन-फानन में हम हब्बा कदाल स्थित अपने एक रिश्तेदार के घर गए।


उन्होंने कहा, 'यह आघात है. टेलीविजन चैनलों पर झेलम नदी में बढ़ते जलस्तर की खबर आने के बाद मेरी बेटी ने गोजीबाग में रहने से बिल्कुल इनकार कर दिया.' इस बीच, श्रीनगर से 12 किलोमीटर दूर स्थित पैंपोर कस्बे में जम्मू-श्रीनगर राजमार्ग पर पानी जमा होने के कारण बाढ़ की स्थिति पैदा हो गई है।


एक शीर्ष संभागीय प्रशासनिक अधिकारी ने बताया, 'सोमवार को अनंतनाग में संगम पर जलस्तर 22.8 फुट, श्रीनगर के राम मुंशीबाग पर 19 फुट और बांदीपोरा में अशिम पर 11.55 फुट दर्ज किया गया।' अधिकारी ने कहा कि झेलम नदी के तट पर बसे परिवारों को अतिरिक्त सतर्कता बरतने की सलाह दी गई है। उन्हें सुरक्षित स्थानों पर जाने के लिए कहा गया है. घाटी में भारी वर्षा के कारण बीते दो दिनों में 80 से ज्यादा सार्वजनिक और निजी संपत्तियों को क्षति पहुंची है।


घाटी को देश के अन्य हिस्से से जोड़ने वाले महत्वपूर्ण जम्मू-श्रीनगर राजमार्ग को शनिवार को बंद कर दिया गया। ऊंचाई वाले क्षेत्रों पर हिमस्खलन की भी आशंका को लेकर चेतावनी जारी की गई है। राज्य में सभी परीक्षाओं को तीन अप्रैल तक के लिए स्थगित कर दिया गया है. घाटी में अंतर-राज्य संपर्क भी बुरी तरह प्रभावित हुआ है।


श्रीनगर-गुलमर्ग, श्रीनगर-कुपवाड़ा और श्रीनगर-बांदीपोरा मार्गों को बाढ़ के कारण बंद करना पड़ा है। पुल और छोटी पुलिया बाढ़ में डूब चुके हैं। मौसम विभाग ने सोमवार के बाद मौसम में सुधार होने का पूर्वानुमान जताया है। स्थानीय मौसम कार्यालय की निदेशक सोनम लोटस ने कहा, 'तीन अप्रैल को एक अन्य पश्चिमी विक्षोभ के राज्य से टकराने की संभावना है. हालांकि यह पिछले दिनों की तरह ज्यादा सक्रिय नहीं होगा।'


केंद्रीय गृह मंत्रालय के एक अधिकारी ने कहा कि राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन समिति (एनसीएमसी) जम्मू एवं कश्मीर में आई बाढ़ पर नजर रख रही है. साथ ही गृह मंत्री राजनाथ सिंह ने राज्य में बाढ़ की स्थिति पर सोमवार को मुख्यमंत्री से बातचीत की है।
एहतियातन राज्य सरकार की सहायता के लिए राष्ट्रीय आपदा प्रतिक्रिया बल (एनडीआरएफ) के दो दलों को तैनात किया गया है, जबकि अन्य चार दलों को तैयार रखा गया है।


राहत के लिए मुफ्ती ने दिए 235 करोड़
जम्मू कश्मीर सरकार ने राज्य में बाढ़ की स्थिति से निपटने के लिये 235 करोड़ रूपये मंजूर किये हैं। मुख्यमंत्री मुफ्ती मोहम्मद सईद ने राज्य में बचाव और राहत कार्यों के लिये कश्मीर के मंडलीय आयुक्त के पक्ष में 225 करोड़ रूपये और जम्मू और राज्य आपदा राहत कोष (एसडीआरएफ) के मंडलीय आयुक्त के पक्ष में 10 करोड़ रूपये जारी करने की मंजूरी दी है।


उन्होंने कहा, 'पिछले कुछ घंटों से संकेत मिला है कि पानी घट रहा है, जहां पानी का स्तर खतरे के निशान से उपर होगा वहां के हालात से हम निपटेंगे। प्रशासन प्रशंसनीय काम कर रहा है और मैं सदन को आश्वस्त करना चाहता हूं कि दहशत में आने की जरूरत नहीं है।'


मुफ्ती ने कहा कि प्रभावित लोगों, अगर कोई हुआ तो, को ठहराने के बंदोबस्त किये जा रहे हैं। तीन संयुक्त नियंत्रण कक्ष गठित किए गए हैं जिनमें से प्रत्येक में प्रशासन, पुलिस और सेना के लोग हैं और वे लगातार काम कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि अगर जरूरत पड़ी, तो हम लोगों को सुरक्षित स्थान पर पहुंचाने के लिये विशेषज्ञों के आकलन और बाढ़ मैन्युअल के आधार पर काम करेंगे।


दूसरी ओर दक्षिणी कश्मीर के इलाकों में भी पानी का स्तर हल्का सा नीचे आया है. हालांकि अगले 48 घंटे महत्वपपूर्ण होंगे. दक्षिणी कश्मीर के संगम में पानी का स्तर 22 से 21 प्वाइंट के स्तर पर आ गया है, जबकि सेंट्रल कश्मीर में पानी का लेवल 19.7 पहुंच गया है. इन सभी इलाकों में अगले 48 घंटे महत्वपूर्ण होने जा रही है।


सेना ने बचाव कार्य तेज करते हुए ऑपरेशन मेघराहत-2 शुरू किया है। आर्मी के प्रवक्ता ने कहा कि पीरपंजाल के दक्षिण में बचाव और राहत कार्य के लिए सेना को तैयार रहने को कहा गया है। इस बीच सेना ने कलाई ब्रिज के पास चंडाक गांव के पास से 24 ग्रामीणों को बचाया है और स्थिति पर नजर रखी जा रही थी।


मुफ्ती से हुई राजनाथ की बात
गृह मंत्री राजनाथ सिंह ने मुफ्ती मोहम्मद सईद से बात की और बताया कि कम से कम समय में राहत सामग्रियां घाटी के बाढ़ प्रभावित इलाकों में विमानों द्वारा पहुंचाई जाएंगी फोन पर हुई बातचीत में मुफ्ती ने गृह मंत्री को कश्मीर घाटी की बाढ़ की स्थिति से अवगत कराया और उन कदमों के बारे में भी जानकारी दी जो प्रभावित लोगों को राहत पहुंचाने के लिए उठाए जा रहे हैं।


सिंह ने बाढ़ की स्थिति से निपटने के लिए केन्द्र की ओर से पूरी सहायता देने का आश्वासन दिया और बताया कि राज्य सरकार के बचाव और राहत कार्य में मदद के लिए राहत सामग्रियां जितना जल्दी संभव है, विमानों द्वारा कश्मीर घाटी में पहुंचाई जा रही हैं।


प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी स्थिति का जायज़ा लेने और राज्य को हर संभव सहायता उपलब्ध कराने के लिए केन्द्रीय मंत्री मुख्तार अब्बास नकवी को कश्मीर पहले ही भेज चुके हैं। कश्मीर घाटी में सात महीने पहले आई विनाशकारी बाढ़ के बाद पिछले कुछ दिनों से वहां हो रही लगातार वर्षा के कारण झेलम नदी का पानी कई रिहायशी इलाकों में फिर से घुस गया है। 

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