वाह रे प्रशासन! किसानों की उजड़ गई फसलें, गिरदावरी रिपोर्ट ‘ओके’

Edited By ,Updated: 14 Apr, 2015 06:25 AM

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सूबे की सरकार प्राकृतिक आपदा से प्रभावित किसानों की पीड़ा दूर करने के लिए मुआवजे का झुनझना बजा रही है,वहीं सरकार के ‘नौकर’ किसानों के...

सिरसा(का.प्र.): सूबे की सरकार प्राकृतिक आपदा से प्रभावित किसानों की पीड़ा दूर करने के लिए मुआवजे का झुनझना बजा रही है,वहीं सरकार के ‘नौकर’ किसानों के जख्मों को और अधिक कुरेद रहे हैं। जी, हां हम जिक्र कर रहे हैं उन किसानों का जिनकी फसलें बारिश व ओलावृष्टि से पूर्णतया नष्ट हो गई हैं, मगर सरकारी नौकरशाही ने विशेष गिरदावरी में यह दर्शा दिया कि इन फसलों पर बारिश का कोई असर ही नहीं हुआ। जिला के गांव नाथूसरी कलां तथा नाथूसरी खुर्द के रकबे में मार्च तथा अप्रैल माह में हुई बारिश से हजारों एकड़ गेहूं की फसल पूर्णतया बर्बाद हो गई है। दरअसल, यह इलाका सेम की चपेट में है।

जमीन में नमी अधिक होने के कारण मार्च माह में बार-बार हुई बारिश के कारण उस समय से ही इस रकबे में खड़ी गेहूं की फसल में जलभराव हो गया था। जलभराव से गेहूं की करीबन 3000 एकड़ की फसल बर्बाद हो गई थी। किसान सरकार से मुआवजे की उम्मीद लगाए बैठे थे। मगर किसानों का दर्द सुनने कोई नहीं आया। अप्रैल माह में भी बारिश का सिलसिला जारी रहा। प्रकृति की मार झेल चुके किसान आखिरकार गत 7 अप्रैल को प्रशासन के दर पहुंचे। किसानों ने चोपटा के नायब तहसीलदार को एक अर्जी देकर नष्ट हुई फसलों का मौका मुआयना करने, विशेष गिरदावरी करवाने तथा सरकार से मुआवजे की अनुशंसा करने की अपील की थी। साहब ने किसानों का मौका मुआयना करने का आश्वासन दे दिया। दूरभाष से संपर्क कर संदेशा भी भेजा गया कि साहब मौका मुआयना करने आएंगे। किसानों का कहना है कि अधिकारी फसलें देखने नहीं आए।

नायब तहसीलदार ने पटवारी को गिरदावरी करने के लिए भेज दिया। पटवारी ने गांव के रकबे का निरीक्षण कर कागजी कार्रवाई पूरी करते हुए गिरदावरी कर ली। किसानों ने गिरदावरी रिपोर्ट के बारे में पूछा तो कानूनगो बोले आपकी फसल को कोई नुक्सान नहीं हुआ। यह बात सुनकर किसानों की जमीन खिसक गई। किसानों को रिपोर्ट मिली तो उसमें लिखा था नाथूसरी कलां की गिरदावरी रिपोर्ट में संबंधित पटवारी व कानूनगो ने लिखा है कि 1000 एकड़ रकबा की फसल सेमग्रस्त इलाके में सेम से प्रभावित है। यह रिपोर्ट 10 अप्रैल को तैयार की गई है, जिससे किसान असंतुष्ट हैं। किसान राममूर्ति, रविंद्र, रामसिंह, जसवंत सहित कई अन्य ने बताया कि आज वे फिर से नायब तहसीलदार के पास गए।

तहसीलदार से गिरदावरी रिपोर्ट के बारे में पूछा तो तहसीलदार ने पटवारी को तलब किया। पटवारी ने काफी देर तक रिपोर्ट ढूंढी मगर 4 दिन पूर्व की गई रिपोर्ट का कोई अता-पता नहीं मिला। बाद में गिरदावरी रिपोर्ट मिली। किसानों के मुताबिक रिपोर्ट में अंकित किया गया कि किसानों की फसल को बारिश से कोई नुक्सान नहीं हुआ है। फसल सेम के कारण खराब हुई है। किसान इस बात से नाराज हो गए और प्रशासन व सरकार के खिलाफ रोष जताया। किसानों ने बताया कि अगर प्रशासन ने उनकी नहीं सुनी तो वे रोड जाम भी करेंगे। सरकार व अफसर झूठे लारे देकर किसानों को गुमराह कर रहे हैं।

किसानों ने बताया कि उनकी जमीन सेमग्रस्त है जिस कारण मामूली बारिश से उनकी फसल बर्बाद हो जाती है। सरकार उनको राहत देने की बजाए उनके जले में नमक छिड़क रही है, जो सही नहीं है। इस संदर्भ में चोपटा के नायब तहसीलदार ने कहा कि उन्होंने किसानों के आग्रह पर नाथूसरी खुर्द के रकबे का मुआयना किया था। दोनों के संबंधित पटवारियों को गिरदावरी के लिए कहा गया है। नाथूसरी कलां के पटवारी ने गिरदावरी कर ली है। नाथूसरी खुर्द के पटवारी जायजा ले रहे हैं। कल पटवारियों को बुलाया गया है। रिपोर्ट की समीक्षा कर रिपोर्ट सरकार तक भेज दी जाएगी।

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