घोटाला मुक्त शासन यही है अच्छे दिन: मोदी

Edited By ,Updated: 27 May, 2015 08:03 PM

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‘‘क्या ये अच्छे दिन नहीं हैं?’’ प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने लोकसभा चुनाव के दौरान ‘अच्छे दिन’ आने के अपने वायदे को उनके एक साल के शासन में कोई घोटाला नहीं होने से जोड़ा।

नई दिल्ली: ‘‘क्या ये अच्छे दिन नहीं हैं? ’’ प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने लोकसभा चुनाव के दौरान ‘अच्छे दिन’ आने के अपने वायदे को उनके एक साल के शासन में कोई घोटाला नहीं होने से जोड़ा। अपनी सरकार का एक साल पूरा होने के अवसर पर एक इंटरव्यू में मोदी नेे कहा, ‘‘आप मुझे बताइए, अगर कोई एक घोटाला नहीं हुआ, तो क्या अच्छे दिन नहीं हैं? ’’ मोदी इस सवाल का जवाब दे रहे थे कि क्या लोग बेसब्र हो रहे हैं और उनमें इस बात को लेकर शिकायत है कि पिछले साल चुनाव प्रचार के दौरान ‘अच्छे दिन’ का किया गया वायदा पूरा नहीं हुआ।

प्रधानमंत्री ने कहा, ‘‘ 21 वीं सदी भारत की सदी होनी चाहिए लेकिन 2004 से 2014 तक गलत विचारों और गलत कार्रवाइयों ने देश पर प्रतिकूल प्रभाव डाला। हर दिन एक नया खराब दिन होता था और नए घोटाले होते थे। लोगों में गुस्सा था। आज, एक साल बाद, हमारे विरोधियों तक ने हम पर गलत चलन का आरोप नहीं लगाया है। 
 
मोदी ने कहा कि सरकार भूमि अधिग्रहण विधेयक में ऐसा कोई भी संशोधन स्वीकार करने को तैयार है जिससे किसान, गरीब, गांव व देश का हित होता हो। इसके साथ ही उन्होंने कहा कि वस्तु एवं सेवाकर (जीएसटी) के साथ साथ इस विधेयक का पारित होना अब ‘‘थोड़े समय की ही बात’’ है। प्रधानमंत्री ने एक साक्षात्कार में कहा,‘ गांव, गरीब, किसान अगर सुझाव इन दबे कुचले तबकों के फायदे वाले होंगे और देश हित में होंगे, तो हम उन सुझावों को स्वीकार करेंगे।’ मोदी से पूछा गया था कि भूमि विधेयक पर गतिरोध को देखते हुए क्या सरकार विपक्ष के सुझावों को शामिल करेगी। भूमि व जीएसटी, दोनों विधेयकों को संसदीय समितियों के पास भेजा जा चुका है और सरकार को उमीद है कि इन्हें संसद के मानसून सत्र में पारित कर दिया जाएगा। 

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