Watch Pics: शिमला में ‘दिल लै गई कुड़ी गुजरात दी...’

Edited By ,Updated: 02 Jun, 2015 04:29 PM

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अंतर्राष्ट्रीय शिमला ग्रीष्मोत्सव की पहली संध्या पंजाबी गायक जसबीर जस्सी के नाम रही। जस्सी ने पंजाबी गीतों से ग्रीष्मोत्सव की पहली संध्या को यादगार बना दिया।

शिमला: अंतर्राष्ट्रीय शिमला ग्रीष्मोत्सव की पहली संध्या पंजाबी गायक जसबीर जस्सी के नाम रही। जस्सी ने पंजाबी गीतों से ग्रीष्मोत्सव की पहली संध्या को यादगार बना दिया। उन्होंने इस दौरान एक के बाद एक कई पंजाबी गीतों की झड़ी लगाकर दर्शकों को नाचने के लिए मजबूर कर दिया। उन्होंने अपनी प्रस्तुति की शुरूआत गुरुवाणी से की। 


इसके बाद उन्होंने कई पंजाबी गीत पेश किए। उन्होंने दिल लै गई कुड़ी गुजरात दी, कुड़ी कुड़ी व इक गेड़ा गिद्दे बिच्च होर आदि गीत पेश कर समां बांधा, वहीं थाप तिलक सब छीनी तोसे नैना मिलाई के, आवो नी सइयों नी और इश्क नचाया थइया थइया ने जमकर वाहवाही बटोरी। इससे पूर्व नृत्यरूपा नर्तक दल के कलाकारों ने भी बेहतरीन प्रस्तुतियां दीं। इस दल के कलाकारों ने दक्षिण भारत के नृत्य पेश कर खूब वाहवाही लूटी।


अंतर्राष्ट्रीय शिमला ग्रीष्मोत्सव की पहली संध्या पर हिमाचल के प्रसिद्ध लोक गायक विक्की चौहान ने अपनी सुरीली आवाज से दर्शकों को झूमने के लिए मजबूर कर दिया। विक्की चौहान ने अपनी प्रस्तुति के दौरान चमचमादें तेरे दंदड़ू हो, झुमके झुमके हो बांठणों तेरे झुमके, डाड़ी झुमा डाड़ी झुमा, चुड़पुरा रे चुड़पुरा व शालू पढ़दी आर.के.एम.वी. सहित कई पहाड़ी गीत पेश कर माहौल को रंगीन बना दिया। 


उन्होंने एक के बाद एक कई बेहतरीन गीत पेश किए जिनका दर्शकों ने खूब लुत्फ उठाया। विक्की चौहान के मंच पर आते ही रिज मैदान तालियों की गड़गड़ाहट से गूंज उठा। इसके बाद उन्होंने अपने गीतों का दौर शुरू किया और मधुर आवाज में गीत पेश कर दर्शकों को मंत्रमुग्ध कर दिया। उनके द्वारा पेश किए गए गीतों को दर्शकों ने खूब पसंद किया। उन्होंने इस दौरान कई पारंपरिक गीत भी प्रस्तुत किए जिसमें उवी किन्नौरी कुण जांदे व शिलोए ओ शिलोए पेश कर दर्शकों का मनोरंजन किया। 


विक्की चौहान ने अपनी प्रस्तुति के दौरान हिमाचल के विभिन्न क्षेत्रों की संस्कृति प्रस्तुत की। इस दौरान उन्होंने विभिन्न क्षेत्रों के डांस ग्रुप को अपनी प्रस्तुति के दौरान आमंत्रित किया था और डांस ग्रुपों ने विभिन्न जिलों के नृत्य विक्की चौहान की प्रस्तुति के दौरान पेश किए। विक्की चौहान इससे पहले भी अंतर्राष्ट्रीय शिमला ग्रीष्मोत्सव में प्रस्तुति दे चुके हैं और हर बार वह कुछ अलग करने का प्रयास करते रहते हैं। इससे पूर्व उन्होंने चोल्टी का नृत्य प्रदॢशत किया था। इससे पहले उन्होंने सोलन का ठोडा नृत्य भी प्रस्तुत किया था। इस दौरान पोर्टमोर स्कूल की छात्राओं ने चम्बा का नृत्य प्रस्तुत किया जिसे दर्शकों ने खूब सराहा। 


इसके अलावा दलीप सिरमौरी ने अपनी प्रस्तुति से दर्शकों को खूब हंसाया। दलीप सिरमौरी द्वारा पेश की गई प्रस्तुति पर मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह ने भी खूब ठहाके लगाए। इससे पहले प्रदेश के विभिन्न स्थानों से आए कलाकारों ने भी बेहतरीन प्रस्तुतियां दीं। बिलासपुर के गायक कलाकार लैहरू राम सांख्यान ने अपने गीतों को पेश कर दर्शकों का खूब मनोरंजन किया। ठियोग के  पहाड़ी गायक मोहिंद्र राठौर ने एक से बढ़कर एक पहाड़ी नाटियां पेश कीं। उन्होंने सबसे पहले साहिबा मेरी साहिबा नाटी गाकर दर्शकों को झूमने के लिए मजबूर कर दिया। उन्होंने इस दौरान लाड़ी सरजुए, हिरा लाडि़ए, घरोणियों कलेटी किलड़े बानों गीत पेश कर दर्शकों का मनोरंजन किया।

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