श्वेतांग की अर्थी को मां ने दिया कंधा, बहन ने मुखाग्नि

Edited By ,Updated: 30 Aug, 2015 01:14 PM

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गुजरात उच्च न्यायालय की कल रात की ऐतिहासिक सुनवाई के बाद आज कड़ी सुरक्षा और सेना की तैनाती के बीच राज्य में पटेल समुदाय को ...

अहमदाबादः गुजरात उच्च न्यायालय की कल रात की ऐतिहासिक सुनवाई के बाद आज कड़ी सुरक्षा और सेना की तैनाती के बीच राज्य में पटेल समुदाय को आरक्षण दिलाने की मांग को लेकर हुए हालिया हिंसक आंदोलन के दौरान पुलिस हिरासत में मरे स्थानीय युवक श्वेतांग पटेल (32) की अहमदाबाद के लीलानगर श्मशान गृह में आज अंत्येष्टि कर दी गई।  
 
छावनी में तब्दील हो गए बापूनगर इलाके की मातृशक्ति सोसायटी से सुबह लगभग आठ बजे निकली भावुक शवयात्रा के बाद मृतक की बहन पलक ने अपने भाई के पार्थिव शरीर को मुखाग्नि दी जबकि उसकी मौत के मामले को अदालत तक ले जाने वाली माता प्रभाबेन ने अपने इकलौते बेटे की अर्थी को कंधा दिया। उसके पिता लंबे समय से लकवाग्रस्त होने के कारण गंभीर रूप से बीमार हैं।   
 
कड़ी सुरक्षा व्यवस्था और बापूनगर से लीलानगर श्मशानगृह तक जाने वाले रास्ते की अर्धसैनिक बलों की ओर से की गई जबरदस्त घेरेबंदी के बावजूद वहां कर्फ्यू नहीं लगाया गया था। पुलिस कमिश्नर शिवानंद झा ने एक न्यूज एजैंसी को बताया कि वस्त्राल और बापूनगर में सेना की 2 टुकड़ियों को भी तैनात किया गया था लेकिन वहां कल ही हटाए गए कर्फ्यू को दोबारा नहीं लगाया गया।  
 
पटेल समुदाय को आरक्षण की मांग को लेकर पाटीदार अनामत आंदोलन समिति (पास) की 25 अगस्त की यहां की विशाल रैली के बाद जी.एम.डी.सी. मैदान में आयोजित धरने के दौरान पुलिस कार्रवाई और इसके नेताओं की संक्षिप्त गिरफ्तारी के चलते राज्यभर में फैली हिंसा में 10 लोगों की मौत हो गई थी तथा 200 से अधिक वाहन जला दिए गए थे। उसी रात को पुलिस ने श्वेतांग को गिरफ्तार किया था। बाद में उसकी पुलिस हिरासत में मौत हो गई थी। 
 
बापूनगर निवासी श्वेतांग के परिजनों की याचिका पर अदालत ने उसके शव का दोबारा पोस्टमार्टम कराया था जिसमें मौत का कारण सिर के पिछले भाग में चोट के कारण दिमाग की नस का फट जाना (ब्रेन हेमरेज) बताया गया था। ऐसी अटकले लगाई जा रही थीं कि उसकी अंत्येष्टि के दौरान एक लाख से अधिक लोग जुट सकते हैं जिसके चलते शहर और राज्य में दोबारा जातीय हिंसा फैल सकती है। इसके मद्देनजर राज्य सरकार की पहल पर कल रात साढे आठ बजे उच्च न्यायालय के इतिहास में पहली बार छुट्टी के दिन रात को सुनवाई हुई। 
 
कार्यकारी मुख्य न्यायाधीश जयंत पटेल और न्यायमूर्ति एम वी अंजारिया की खंडपीठ ने इस दौरान सुरक्षा संबंधी निर्देश जारी किए और जरूरत पड़ने पर दोबारा कर्फ्यू लगाने के भी आदेश दिए। अदालती सुनवाई के बाद देर रात बापूनगर के प्रभारी पुलिस इंस्पेक्टर पी डी परमार का राजकोट तथा दूसरे इंस्पेक्टर आर आर वसावा का वडोदरा तबादला कर दिया गया।

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