वित्त मंत्रालय ने विभागों से मार्च तिमाही में अधिक खर्च से बचने को कहा

Edited By ,Updated: 20 Jan, 2017 05:21 PM

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वित्त मंत्रालय ने सरकारी विभागों से चौथी तिमाही में अधिक व्यय से बचने और चालू वित्त वर्ष के लिए आबंटित बजट के दायरे में रहने को कहा है। हालांकि, मनरेगा मद में व्यय को इससे अलग रखा गया है।

नई दिल्लीः वित्त मंत्रालय ने सरकारी विभागों से चौथी तिमाही में अधिक व्यय से बचने और चालू वित्त वर्ष के लिए आबंटित बजट के दायरे में रहने को कहा है। हालांकि, मनरेगा मद में व्यय को इससे अलग रखा गया है। इस बारे में चालू वित्त वर्ष के संशोधित अनुमान तथा अगले वित्त वर्ष के लिए बजट प्रस्तावों पर चर्चा के दौरान अन्य मंत्रालयों के अधिकारियों को यह जानकारी दी गई। 

एक अधिकारी ने कहा, ‘‘अधिकतर मंत्रालयों के संशोधित अनुमान बजट अनुमान के दायरे में रहने चाहिए चौथी तिमाही तथा मार्च महीने के लिए खर्च कटौती इस वित्त वर्ष में बनी रहेगी।’’ वित्त मंत्रालय ने विभागों को वित्त वर्ष की अंतिम तिमाही में व्यय में जल्दबाजी से बचने को कहा है और अंतिम तिमाही तथा मार्च में व्यय को कुल सीमा का क्रमश: 33 प्रतिशत और 15 प्रतिशत पर सीमित रखने को कहा है।  

राजकोषीय घाटा अप्रैल-नवंबर अवधि में बजट अनुमान का 85.8 प्रतिशत पर पहुंच गया। राजकोषीय घाटा सरकार के कुल व्यय और राजस्व प्राप्ति के बीच के अंतर को बताता है। चालू वित्त वर्ष के बजट में राजकोषीय घाटा जी.डी.पी. का 3.5 प्रतिशत या 5.33 लाख करोड़ रुपए रहने का अनुमान रखा गया है।  

अधिकारी ने कहा कि किसी भी मंत्रालय को अतिरिक्त अनुदान नहीं मिलेगा क्योंकि सरकारी खजाने को सातवें वेतन आयोग की सिफारिश लागू होने के कारण अतिरिक्त बोझ का वहन करना है। अधिकारी ने कहा, ‘‘कुछ मंत्रालयों में जो भी बचत होगी, उसे अन्य मंत्रालयों को दिया जाएगा। संशोधित अनुमान में मनरेगा में कुछ वृद्धि हो सकती है।’’  

सार्वजनिक व्यय की गुणवत्ता में सुधार के लिए वित्त मंत्रालय ने सभी मंत्रालयों तथा विभागों के वित्तीय सलाहकारों से अगले वित्त वर्ष से मासिक और तिमाही व्यय योजना का कड़ाई से पालन करने को कहा है। 

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