Edited By Punjab Kesari,Updated: 25 May, 2017 05:33 PM
चमोली जिले में उच्च हिमालयी क्षेत्र स्थित प्रसिद्व सिख तीर्थस्थल हेमकुंड साहिब के कपाट बुधवार को परंपरागत पूजा अर्चना के बाद श्रद्वालुओं के लिए ...
गोपेश्वर : चमोली जिले में उच्च हिमालयी क्षेत्र स्थित प्रसिद्व सिख तीर्थस्थल हेमकुंड साहिब के कपाट बुधवार को परंपरागत पूजा अर्चना के बाद श्रद्वालुओं के लिए खोल दिए गए। हल्के बादलों के बीच सोलह हजार फुट की ऊंचाई पर स्थित इस तीर्थस्थल में कपाट खुलने के बाद श्रद्वालुओं ने पवित्र गुरुद्वारा के दर्शन किए। कपाट खुलने के मौके पर हेमकुंड साहिब में करीब पांच हजार श्रद्धालु मौजूद थे।
हेमकुंड गुरुद्वारा प्रबंधक समिति के अनुसार सुबह साढ़े नौ बजे कपाट खुलने के बाद पहली अरदास पढ़ी गई। उसके बाद सुखमनी साहिब का पाठ हुआ और फिर एक घंटे तक सबद कीर्तन चला। चारों आेर से हिम शिखरों से ढ़के होने और समुद्र तल से काफी ऊंचाई पर स्थित होने के कारण यहां अभी भी कड़ाके की ठंड पड़ रही है। इसके बावजूद तीर्थयात्रियों ने गुरुद्वारे में दर्शन करने से पहले पवित्र हेमकुंड सरोवर में डुबकी लगाई।
गुरुद्वारा प्रबंधक समिति द्वारा सभी तीर्थयात्रियों के लिए प्रसाद की व्यवस्था की गई थी। ऋषिकेश-बद्रीनाथ राष्ट्रीय राजमार्ग पर गोविंदघाट से 21 किलोमीटर की दूरी पर स्थित हेमकुंड साहिब के बारे में मान्यता है कि यहां सिखों के दसवें गुरु, गोविंद सिंह ने तपस्या की थी। यहां पहुंचने के लिए गोविंदघाट से अलकनंदा नदी को पार करके पुष्पावती नदी के किनारे-किनारे 15 किमी तक जाना पड़ता है। वहां से हेमकुंड साहिब के लिए छह किमी की चढ़ाई है। हेमकुंड साहिब के रास्ते में अभी भी हिमखंड जमा हंै और उन्हें बीच में से काटकर आवाजाही के लिए रास्ता बनाया गया है।
उच्च हिमालयी क्षेत्र स्थित बद्रीनाथ, केदारनाथ सहित चारों धामों की तरह हेमकुंड साहिब क्षेत्र के भी सर्दियों में भारी बर्फबारी और भीषण ठंड की चपेट में रहने के कारण उसके कपाट श्रद्वालुओं के लिए बंद कर दिए जाते हैं जो अगले साल गर्मियों में दोबारा खुलते हैं।