Edited By Punjab Kesari,Updated: 18 Oct, 2017 12:43 PM
अपना रुख बदलते हुए रिलायंस जियो इंफोकॉम ने टैलीकॉम रैगुलेटरी अथॉरिटी ऑफ इंडिया (ट्राई) से मांग की है कि इंटरनैशनल कॉल टर्मिनेशन रेट्स को घटाकर 6 पैसे प्रति मिनट किया जाए और फिर आगे चलकर इसे पूरी तरह खत्म कर दिया जाए। इससे पहले जियो अपनी बड़ी...
नई दिल्ली: अपना रुख बदलते हुए रिलायंस जियो इंफोकॉम ने टैलीकॉम रैगुलेटरी अथॉरिटी ऑफ इंडिया (ट्राई) से मांग की है कि इंटरनैशनल कॉल टर्मिनेशन रेट्स को घटाकर 6 पैसे प्रति मिनट किया जाए और फिर आगे चलकर इसे पूरी तरह खत्म कर दिया जाए। इससे पहले जियो अपनी बड़ी प्रतिद्वंद्वी टैलीकॉम कम्पनियों की इस राय के साथ थी कि इस फीस को 53 पैसे के मौजूदा स्तर से बढ़ाकर एक रुपया किया जाना चाहिए। अब रुख बदलने से दोनों खेमों में जंग की एक और जमीन तैयार हो गई है।
इस जंग में दाव पर है इनकमिंग इंटरनैशनल कॉल्स से इंडस्ट्री को होने वाली करीब 5000 करोड़ रुपए की कमाई। इनमें से अधिकतर कॉल्स भारती एयरटैल, वोडाफोन इंडिया और आइडिया सैल्युलर के नैटवक्र्स पर टर्मिनेट होती हैं जिनके पास अभी इंडिया में वायरलैस यूजर बेस का 60 प्रतिशत से ज्यादा हिस्सा है। इंटरनैशनल टर्मिनेशन रेट (आई.टी.आर.) को घटाने या इसे खत्म करने से इन बड़ी कम्पनियों की आमदनी को चपत लग सकती है। जिस विदेशी करियर के नैटवर्क से कॉल शुरू होती है वह इंडिया में उस कम्पनी को आई.टी.आर. देती है जिसके नैटवर्क पर कॉल खत्म होती है।
जियो ने आई.टी.आर. में बड़ी कमी की मांग ओ.टी.टी. कॉल्स (वॉट्सएप कॉल्स, फेसटाइम ऑडियो आदि) की बढ़ती लोकप्रियता के कारण उठाई है, जो फ्री हैं। आई.टी.आर. घटने से विदेश से इंडिया में कॉल करने की लागत घटेगी, हालांकि तब भी ओ.टी.टी. एप्स से होने वाली कॉल्स जितनी सस्ती वे नहीं हो सकेंगी। जियो का यह भी मानना है कि आई.टी.आर. को लोकल इंटरकनैक्ट यूजेज चार्ज के बराबर होना चाहिए जिसे पहली अक्तूबर से घटाकर 6 पैसे कर दिया गया है। जियो ने इस बारे में अपनी राय सोमवार को टैलीकॉम रैगुलेटरी अथॉरिटी ऑफ इंडिया की ओर से आयोजित एक वर्कशॉप में रखी। उसकी राय से बड़े ऑप्रेटर्स हैरान दिख रहे हैं। सैल्युलर ऑप्रेटर्स एसोसिएशन ऑफ इंडिया (सी.ओ.ए.आई.) के डायरैक्टर जनरल राजन मैथ्यूज ने कहा कि रिलायंस (जियो) ने डोमैस्टिक और इंटरनैशनल के लिए एक जैसे चार्ज की बात की है।