Edited By ,Updated: 23 Aug, 2016 05:19 PM
एक बेटी पढ़ना चाहती है, कुछ बनना चाहती है लेकिन किसी भी स्कूल में उसे एडमिशन नहीं मिल पा रही। इसकी वजह है उसका बदसूरत हाेना।
धौलपुरः एक बेटी पढ़ना चाहती है, कुछ बनना चाहती है लेकिन किसी भी स्कूल में उसे एडमिशन नहीं मिल पा रही। इसकी वजह है उसका बदसूरत हाेना। जानकारी के मुताबिक, राजस्थान के धौलपुर जिले के सीताराम कॉलोनी के रहने वाले वीरेंद्र कुशवाह की 11 साल की बेटी प्रिया ढाई साल की उम्र में 24 दिसंबर 2007 की सुबह मुंह के बल अलाव में गिर गई थी। इस घटना में उसका मुंह और हाथ की उंगलियां बुरी तरह जल गईं।
चेहरा देख डर जाएंगे बच्चे
परिवार ने कई अस्पतालाें में उसका इलाज कराया, लेकिन प्रिया का हाथ-मुंह पूरी तरह ठीक नहीं हो पाया। अब वह 11 साल की हो चुकी है और पढ़ना चाहती है। लेकिन हर स्कूल यही कह रहा है कि वह उसे दाखिला नहीं दे सकते, क्याेंकि उसका चेहरा देखकर बाकी बच्चे डर जाएंगे। पढ़ने-लिखने में होशियार किताब पढ़ना, एबीसीडी, अंग्रेजी के मीनिंग, गिनती पहाड़े जानती है।
नहीं करा सकते प्लास्टिक सर्जरी
प्रिया की बड़ी बहन पूजा ने बताया कि प्रिया की कैचिंग पॉवर बहुत अच्छी है। पीड़िता के पिता निजी बस पर परिचालक हैं और मां गृहणी हैं। इसलिए वे प्लास्टिक सर्जरी कराने में भी आर्थिक रूप से समक्ष नहीं हैं। स्कूल जाने के लिए तरसती प्रिया बार-बार अपने माता-पिता से यही पूछती है कि क्या मैं इतनी बदसूरत हूं कि अब मुझे पढ़ने का ही हक नहीं रहा। क्या मेरे बचपन की गलतियों की सजा मुझे जिंदगी भर दी जाएगी। प्रिया के मार्मिक सवालों का किसी के पास कोई जवाब नहीं है।
हरकत में अाया शिक्षा विभाग
खबर है कि मीडिया में खबर फैलने पर शिक्षा विभाग ने तुरंत हरकत में अाते हुए बच्ची का सनातन धर्म शिक्षा सदन उच्च माध्यमिक विद्यालय में निःशुल्क एडमिशन कराया है। इसके साथ ही शिक्षा अधिकारी बच्ची को दाखिला नहीं देनेवाले स्कूलों पर कार्रवाई करना चाहते थे, लेकिन बच्ची कार्रवाई नहीं करने की जिद पर अड़ गई, तो प्रशासनिक अधिकारियों ने उन पर काेई कार्यवाई नहीं की।