Edited By ,Updated: 23 Apr, 2017 02:37 PM
अपने करियर के अंतिम दौर में पहुंचने और चोटों से जूझने के बावजूद स्टार भारतीय पहलवान योगेश्वर दत्त अब भी खेल में बने रहना चाहते हैं और उन्होंने कहा कि संन्यास का विचार ...
नई दिल्ली: अपने करियर के अंतिम दौर में पहुंचने और चोटों से जूझने के बावजूद स्टार भारतीय पहलवान योगेश्वर दत्त अब भी खेल में बने रहना चाहते हैं और उन्होंने कहा कि संन्यास का विचार उनके दिमाग में कभी नहीं आया।
लंदन ओलंपिक 2012 में कांस्य पदक जीतने वाले 34 वर्षीय योगेश्वर ने घोषणा की थी कि रियो ओलंपिक उनके आखिरी ओलंपिक खेल होंगे लेकिन वहां पदक जीतने में नाकाम रहने के बाद उनकी शानदार विदाई का सपना बना हुआ है। पिछले आठ महीनों से बाहर रहने और चोटों से जूझने वाले हरियाणा के इस पहलवान ने संन्यास के अपने फैसले का फिलहाल टाल दिया है।
योगेश्वर ने कहा कि मैंने संन्यास के बारे में सोचा तक नहीं है। मैं खेल को अलविदा कहने से पहले अंतरराष्ट्रीय स्तर पर वापसी करना चाहूंगा। इसलिए फिलहाल संन्यास लेने की कोई योजना नहीं है। चोटों से जूझने के बावजूद खेल के प्रति उनका जुनून पहले की तरह बना हुआ है और वह देश की तरफ से एक और पदक जीतकर अपने करियर का अंत करना चाहते हैं।
उन्होंने कहा कि मैं पिछले एक वर्ष से कई चोटों से जूझता रहा इसलिए मेरा ध्यान अपनी फिटनेस पर है। चोटमुक्त होने के बाद ही मैं यह आकलन कर पाउंगा कि मैं किस स्थिति में हूं और फिर फैसला करूंगा कि कब मैं प्रतियोगिताओं में भाग ले सकता हूं। योगेश्वर ने कहा कि मैं निश्चित तौर पर वापसी करूंगा लेकिन कब मैं पक्के तौर पर नहीं कह सकता। अभी मेरा ध्यान पूर्ण फिटनेस हासिल करना है और उसी के बाद मैं फैसला करूंगा कि मुझे किस टूर्नामेंट में खेलना है। ’’ योगेश्वर ने रियो ओलंपिक में पुरूषों के 65 किग्रा फ्रीस्टाइल के पहले दौर में हारने के बाद किसी प्रतियोगिता में हिस्सा नहीं लिया।