Edited By Punjab Kesari,Updated: 02 Jun, 2018 03:16 PM
28 मई 2018 को फ़ोर्स संस्था द्वारा माहवारी स्वच्छता दिवस का आयोजन वसंत कुंज की हरिजन बस्ती में किया गया. दिल्ली की अलग अलग बस्तियों से सौ से ज्यादा महिलाओं ने इसमें भागीदारी की. इस आयोजन में महिलाओं और किशोरियों ने माहवारी से जुडी समस्याओं के बारे...
28 मई 2018 को फ़ोर्स संस्था द्वारा माहवारी स्वच्छता दिवस का आयोजन वसंत कुंज की हरिजन बस्ती में किया गया. दिल्ली की अलग अलग बस्तियों से सौ से ज्यादा महिलाओं ने इसमें भागीदारी की. इस आयोजन में महिलाओं और किशोरियों ने माहवारी से जुडी समस्याओं के बारे में पहली बार खुलकर महिला रोग विशेषज्ञ डॉ. मीरा चावला के साथ बातचीत की. इस चर्चा में सामान्य से लेकर गम्भीर उन समस्याओं पर बातचीत रही जो माहवारी के दौरान स्वच्छता ना अपनाने की वजह से होते हैं. महिला रोग विशेषज्ञ और महिला एवं किशोरियों के बीच हुए संवाद और सवाल जवाब के दौरान चौंकाने वाले तथ्य सामने आये जिसमें अधिकांश महिलाएं और किशोरियां माहवारी के दौरान स्वच्छतापूर्ण तरीके ना अपनाने की वजह से किसी न किसी तरह के संक्रमण को झेल रहीं हैं.
इस दौरान महिला रोग विशेषज्ञ ने माहवारी से जुड़े तमाम पहलुओं पर जानकारी के साथ यह सलाह भी दी कि महिलाओं के साथ साथ किशोरियों को भी माहवारी शुरू होने पर अल्ट्रासाउंड अवश्य कराना चाहिए ताकि समय रहते यह मालूमात हो सके कि अंदरूनी अंग ठीक से विकसित हो रहे हैं या नहीं. हरिजन बस्ती की ही एक महिला सविता ने कहा कि पहले हम कभी माहवारी के बारे में किसी से भी बात नहीं कर पाते थे और जो भी समस्या होती थी, उसे चुपचाप सहते रहते थे. पर फ़ोर्स एनजीओ के साथ जुड़कर हमने न केवल यह जाना कि माहवारी के दौरान किस तरह स्वच्छता के तौर तरीके अपनाने चाहिए वरन हमने माहवारी से जुडी तमाम पुरानी धारणाओं से न केवल खुद को बाहर निकाला बल्कि अपनी बस्ती की दूसरी महिलाओं और किशोरियों को भी जागरूक करने के प्रयास में फ़ोर्स के साथ जुड़ रहे हैं.
माहवारी स्वच्छता दिवस के इस आयोजन में स्थानीय विधायक देविंदर सहरावत भी आने वाले थे, पर किसी वजह से वे नहीं आ सके, उन्होंने फ़ोर्स से जुडी इन change ambassador के प्रयास की सराहना करते हुए माहवारी स्वछता दिवस की शुभकामनायें प्रेषित कीं. कार्यक्रम के अंत में फ़ोर्स की अध्यक्ष ज्योति शर्मा ने कहा कि “आज हम शपथ लेते हैं कि पूरी दिल्ली में फ़ोर्स एनजीओ ऐसा माहौल बनाने का प्रयास करेगा जिसमें महिलाएं माहवारी से जुड़ी समस्याओं पर चुप्पी तोड़ें और खुलकर अपनी तकलीफों पर बात करें”.
स्नेहलता