Edited By Seema Sharma,Updated: 26 Sep, 2019 03:57 PM
जंग से हमें ना डर, जीत की हमें ना भूख,
चाहे तो मिटा दे तुम्हारे इस नाम को,
चाहे तो मिटा दे तुम्हारे हर काम को।
पीठ पीछे हमला करने से ना होते तुम बड़े,
बड़े हो तुम भले पर उससे बड़ा तुम्हारा पाप है,
भूल गए क्या तुम की तुम्हारा कौन बाप है।
हर गलती तुम्हारी माफ की है,
हर बार जंग में तुम्हें हार दी है,
फिर भी तुम नहीं सुधरते, सामने नहीं लड़ते,
तुम हो वो कचरा जो हमेशा रहोगे सड़ते।
मानते थे तुमको अपने दोस्त जैसा,
पर जो दोस्त को भी कांट ले तुम हो सांप वैसे,
बस अब नहीं सहन होता तुम्हारा ये काम,
बस अब नहीं सहन होता तुम्हारा ये नाम।
सब्र कर लो थोड़ा नहीं अब तुम बचोगे,
हमला करने से भी अब तुम डरोगे,
आक्रोश हर हिन्दुस्तानी का बरसेगा अब तुम पर,
हर शहीद जवान का डर रहेगा अब तुम पर।
ये नया हिंदुस्तान है कभी ना पीछे जाएगा,
अब ये तुम्हे घर में घुस के ही मारेगा।
श्रद्धांजलि अर्पण करते हैं उन शहीद जवानों को,
जिनसे रक्षा मिलती है हमारे परिवारों को।
अब हम साथ है यही तुम्हारे पास है,
तुम हो देश के रक्षक, दुश्मनों के भक्षक,
ये देश है हमारा,
बस अब बंद होगी उनकी बक-बक।।
गौरव श्रीवास्तव