Edited By Ashutosh Chaubey,Updated: 29 May, 2025 01:50 PM
अभी हाल ही में अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के बीच तनाव बढ़ता नजर आ रहा है। खासकर रूस और यूक्रेन के बीच चल रही जंग को लेकर दोनों नेताओं के बयान ने दुनिया में तीसरे विश्व युद्ध का खतरा पैदा कर दिया है।
नेशनल डेस्क: अभी हाल ही में अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के बीच तनाव बढ़ता नजर आ रहा है। खासकर रूस और यूक्रेन के बीच चल रही जंग को लेकर दोनों नेताओं के बयान ने दुनिया में तीसरे विश्व युद्ध का खतरा पैदा कर दिया है। ट्रंप रूस से युद्ध बंद कराने की कोशिश कर रहे हैं, लेकिन पुतिन इस पर सहमत नहीं हैं। पुतिन ने तो सीधे तौर पर तीसरे विश्व युद्ध की धमकी भी दी है। ऐसे में सवाल उठता है कि अगर तीसरा विश्व युद्ध शुरू हो गया तो इसे कौन और कैसे रोक सकता है?
तीसरे विश्व युद्ध को रोकने के लिए कौन-कौन हैं जिम्मेदार?
दुनिया में कई ऐसे संगठन हैं जो युद्ध को रोकने और शांति बनाए रखने के लिए काम करते हैं। इनमें से सबसे महत्वपूर्ण है संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद। यह परिषद देश-देश के बीच बातचीत कर तनाव कम करने और युद्ध रोकने का प्रयास करती है। साथ ही अंतरराष्ट्रीय न्यायालय भी देशों के बीच कानूनी विवाद सुलझाने का काम करता है, जिससे सीधे युद्ध की संभावना कम हो जाती है। संयुक्त राष्ट्र के सदस्य देश मिलकर युद्ध प्रभावित क्षेत्रों में मानवीय सहायता पहुंचाते हैं, विकास कार्य करवाते हैं, और शांति स्थापना के लिए सैनिक भी भेजते हैं। परमाणु और अन्य विनाशकारी हथियारों के नियंत्रण के लिए भी ये संगठन गंभीर प्रयास करते हैं ताकि किसी भी देश के पास ऐसे हथियारों का इस्तेमाल न हो।
दूसरे विश्व युद्ध को कैसे रोका गया था?
दूसरे विश्व युद्ध ने दुनिया को भारी तबाही से गुजरना पड़ा। इस युद्ध को खत्म करने के लिए मित्र राष्ट्रों जैसे अमेरिका, ब्रिटेन और सोवियत संघ ने मिलकर जर्मनी और जापान को हराया।
-
जर्मनी ने 8 मई 1945 को बिना शर्त आत्मसमर्पण कर दिया, जिसके बाद यूरोप में युद्ध समाप्त हो गया। इस दौरान सोवियत सेना ने बर्लिन पर कब्जा किया और हिटलर ने आत्महत्या कर ली।
-
वहीं, जापान को आत्मसमर्पण करने के लिए मजबूर करने के लिए अमेरिका ने 6 और 9 अगस्त 1945 को हिरोशिमा और नागासाकी पर परमाणु बम गिराए। इस परमाणु हमले के बाद जापान ने 2 सितंबर 1945 को औपचारिक रूप से आत्मसमर्पण किया।
युद्ध के बाद ही संयुक्त राष्ट्र की स्थापना हुई ताकि भविष्य में ऐसी बड़ी तबाही न हो और विश्व में शांति बनी रहे।
तीसरे विश्व युद्ध को रोकने के लिए हमें क्या करना होगा?
तीसरे विश्व युद्ध को रोकने के लिए सिर्फ अंतरराष्ट्रीय संगठन ही नहीं, हर देश और आम लोगों की भी जिम्मेदारी है। इसके लिए जरूरी है:
-
देशों के बीच संवाद और समझौते को प्राथमिकता देना।
-
शांतिप्रिय नीति अपनाना और अपने विवादों को बातचीत के माध्यम से सुलझाना।
-
परमाणु और हतियार नियंत्रण समझौते को सख्ती से लागू करना।
-
युद्ध प्रभावित इलाकों में मानवीय सहायता और पुनर्वास कार्य बढ़ाना।
-
संयुक्त राष्ट्र जैसी संस्थाओं को मजबूत करना और उन्हें पूर्ण समर्थन देना।
अगर दुनिया के बड़े देशों के बीच आपसी विश्वास और सहयोग होगा तो तीसरे विश्व युद्ध का खतरा अपने आप कम हो जाएगा।
क्या इतिहास से हम सीख सकते हैं?
दूसरे विश्व युद्ध के अंत में जो भी निर्णय लिए गए, वे पूरी दुनिया के लिए एक बड़ा सबक थे। युद्ध को रोकने के लिए अंतरराष्ट्रीय सहयोग और कूटनीति कितनी जरूरी है, यह इतिहास ने साबित किया है। परमाणु हथियारों का इस्तेमाल इतना विनाशकारी साबित हुआ कि आज भी दुनिया के नेता इसे लेकर बेहद सतर्क हैं।