Edited By ,Updated: 29 Oct, 2015 05:58 PM
अमेरिका में एक भारतीय बुजुर्ग पर एक पुलिसकर्मी के हमले की घटना में अत्यधिक बल के प्रयोग के मामले की फिर से सुनवाई में दो साथी पुलिसकर्मियों ने गवाही दी कि पीड़ित ने कोई खतरा पैदा नहीं किया था।
वाशिंगटन: अमेरिका में एक भारतीय बुजुर्ग पर एक पुलिसकर्मी के हमले की घटना में अत्यधिक बल के प्रयोग के मामले की फिर से सुनवाई में दो साथी पुलिसकर्मियों ने गवाही दी कि पीड़ित ने कोई खतरा पैदा नहीं किया था। इस मामले में भारतीय बुजुर्ग आंशिक रूप से लकवाग्रस्त हो गये थे। मैडिसन के पुलिस अधिकारी चाल्र्स स्पेंस ने गवाही दी कि 58 वर्षीय सुरेशभाई पटेल ने पुलिस के सामने कोई खतरा पैदा नहीं किया था। उन्होंने कहा, ‘‘मैं अपनी बताउं, तो मुझे एेसा लगा कि उनकी उम्र 70 वर्ष के करीब है।’’
दूसरे अधिकारी क्लाइंट हारेल ने गवाही दी कि पटेल के खिलाफ कोई आपराधिक आचरण का दस्तावेजी सबूत मौजूद नहीं है और पटेल पर हमला करने के लिए भी कोई तार्किक संदेह नहीं था। हारेल के हवाले से ‘एएल डाट काम’ ने कहा, ‘‘अगर वह किसी के आरोपी भी हैं तो भी आपको सही ढंग से व्यवहार करना होता है।’’
पटेल को आंशिक रूप से लकवाग्रस्त करने वाले हिंसक हमले के आरोपी पुलिस अधिकारी एरिक पारकर के खिलाफ फिर से सुनवाई अलाबामा की एक संघीय अदालत में इस सप्ताह शुरू हुई। पारकर पर छह फरवरी को कंट्रीलाइन रोड के पास मैडिसन में तकरार के बाद पटेल के नागरिक अधिकारांे के उल्लंघन का आरोप है। संघीय अभियोजकों ने कहा कि अलाबामा में अपने नवजात पोते से मिलने अपने बेटे के पास आए पटेल पर हमला किया गया था जबकि उन्होंने पांच बार गुहार लगाई थी कि उन्हें अंग्रेजी नहीं आती है।