Edited By Tanuja,Updated: 08 May, 2024 02:28 PM
विदेश मंत्री एस जयशंकर ने मंगलवार को कहा कि भारत को आज दुनिया भर में न केवल ‘‘मित्र और तटस्थ'' के रूप में, बल्कि ‘‘दृढ़ और मजबूत''...
इंटरनेशनल डेस्कः विदेश मंत्री एस जयशंकर ने मंगलवार को कहा कि भारत को आज दुनिया भर में न केवल ‘‘मित्र और तटस्थ'' के रूप में, बल्कि ‘‘दृढ़ और मजबूत'' इरादों वाले राष्ट्र के रूप में भी देखा जाता है जो संकट की स्थितियों में अपने लोगों का ख्याल रखता है और उनकी रक्षा करता है। जयशंकर ने दिल्ली विश्वविद्यालय (डीयू) के हंसराज कॉलेज में एक कार्यक्रम में ‘‘विकसित भारत 2047-युवाओं की आवाज'' विषय पर बोलते हुए यह टिप्पणी की। वह यूक्रेन जैसे युद्धग्रस्त देशों से अपने नागरिकों को वापस लाने के लिए भारत द्वारा चलाए गए बचाव अभियान का जिक्र कर रहे थे।
जयशंकर ने छात्रों को संबोधित करते हुए कहा कि विकसित भारत केवल लोगों को प्रेरित करने वाला नारा नहीं है, बल्कि यह पिछले 10 वर्षों में बनाई गई नींव है, जिस पर भारत के अगले 25 वर्षों का भविष्य निर्मित होगा। उन्होंने कहा, ‘‘अमृत काल के अगले 25 साल आपका भविष्य हैं। यह विकसित भारत की ओर यात्रा है और आप ही इस यात्रा को संभव बनाएंगे।'' विदेश मंत्री ने कहा कि वह इन 25 वर्षों को ‘‘अवसर और नयी चुनौती की अवधि'' के रूप में देखते हैं। जयशंकर ने अर्थव्यवस्था और प्रौद्योगिकी क्षेत्र में हुए विकास और वैश्विक मंच पर भारत के बढ़ते कद के बारे में कहा, ‘‘यह बदलाव उस तरह का है जैसा हमने पहले कभी नहीं देखा।''
जयशंकर ने देश के चंद्र मिशन का जिक्र करते हुए कहा कि भारत विश्व स्तर पर प्रौद्योगिकी नेतृत्वकर्ता के रूप में उभरा है और दुनिया पर इसकी पहली छाप चंद्रयान-3 की सफलता के साथ पड़ी, जिसपर एक फिल्म बनाने की लागत से भी कम खर्च आया। उन्होंने यह भी कहा कि भारत प्रति माह 12 अरब कैशलेस लेनदेन के साथ एक डिजिटल अर्थव्यवस्था के रूप में बढ़ रहा है, जो अमेरिका से अधिक है जहां एक वर्ष में ऐसे चार अरब लेनदेन होते हैं। जयशंकर ने सीमा पार आतंकवाद के प्रति भारत की कतई बर्दाश्त नहीं करने की नीति के बारे में भी बात की और बालाकोट एयरस्ट्राइक का उदाहरण दिया।