लोकसभा चुनावों में ‘दागी उम्मीदवारों की भरमार’

Edited By ,Updated: 24 May, 2024 05:15 AM

abundance of tainted candidates  in lok sabha elections

हालांकि देश में शासन की बागडोर संभालने वाले जनप्रतिनिधियों से बेदाग छवि वाले होने की उम्मीद की जाती है परंतु चुनाव लड़ने के लिए नामांकन पत्र भरते समय दिए जाने वाले हल्फिया बयानों से सिद्ध होता है कि सभी उम्मीदवार बेदाग छवि वाले नहीं होते।

हालांकि देश में शासन की बागडोर संभालने वाले जनप्रतिनिधियों से बेदाग छवि वाले होने की उम्मीद की जाती है परंतु चुनाव लड़ने के लिए नामांकन पत्र भरते समय दिए जाने वाले हल्फिया बयानों से सिद्ध होता है कि सभी उम्मीदवार बेदाग छवि वाले नहीं होते। चुनाव विश्लेषण संस्था ‘एसोसिएशन फार डैमोक्रेटिक रिफाम्र्स’ ने 2024 का लोकसभा चुनाव लड़ रहे 8337 उम्मीदवारों द्वारा दायर किए गए हल्फिया बयानों की पड़ताल के बाद बताया है कि इनमें से 1644 ‘दागी’ उम्मीदवारों के विरुद्ध आपराधिक मामले दर्ज हैं जिनमें से 1188 पर हत्या, हत्या के प्रयास, महिलाओं के विरुद्ध अपराध और नफरत फैलाने वाले भाषण जैसे गंभीर आरोप हैं। पहले चरण में 1618 उम्मीदवारों में से 252 उम्मीदवारों पर आपराधिक और 161 पर गंभीर आपराधिक मामले दर्ज पाए गए । दूसरे चरण के 1192 उम्मीदवारों में से 250 पर आपराधिक और 167 पर गंभीर आपराधिक आरोप हैं। 

तीसरे चरण में 1352 उम्मीदवारों में से 244 पर आपराधिक और 172 पर गंभीर आपराधिक मामले, चौथे चरण में सर्वाधिक 1710 उम्मीदवारों में से 360 पर आपराधिक और 274 पर गंभीर आपराधिक मामले, पांचवें चरण में 695 उम्मीदवारों में से 159 पर आपराधिक और 122 पर गंभीर आपराधिक मामले, छठे चरण के 866 उम्मीदवारों में से 180 पर आपराधिक और 141 पर गंभीर आपराधिक आरोप पाए गए हैं। 1 जून को कराए जाने वाले अंतिम अर्थात सातवें चरण में 904 उम्मीदवार मैदान में हैं, जिनमें से 199 अर्थात 22 प्रतिशत उम्मीदवारों के विरुद्ध आपराधिक और 151 के विरुद्ध गंभीर आपराधिक मामले दर्ज हैं। इस चरण में 4 उम्मीदवारों के विरुद्ध हत्या तथा 27 उम्मीदवारों के विरुद्ध हत्या के प्रयास से जुड़े मामले दर्ज हैं, 13 उम्मीदवारों के विरुद्ध महिलाओं के विरुद्ध अपराधों के मामले दर्ज हैं, जिनमें से 2 उम्मीदवारों पर बलात्कार से जुड़े मामले और 25 उम्मीदवारों के विरुद्ध भड़काऊ भाषण देने के मामले हैं। 

जहां तक उम्मीदवारों द्वारा घोषित दल वार आपराधिक मामलों का संबंध है, तृणमूल कांग्रेस के 9 में से 7, सपा के 9 में से 7, माकपा के 8 में से 5, शिअद के 13 में से 8, भाजपा के 51 में से 23, कांग्रेस के 31 में से 12, ‘आप’ के 13 में से 5, बीजद के 6 में से 2, भाकपा के 7 में से 2 और बसपा के 56 में से 13 उम्मीदवारों ने अपने ऊपर आपराधिक मामले दर्ज होने की घोषणा की है। बलिया से बसपा टिकट पर चुनाव लड़ रहे लल्लन सिंह यादव के विरुद्ध सर्वाधिक 22 आपराधिक मामले दर्ज हैं। उनके बाद दूसरे स्थान पर वाराणसी से कांग्रेस के उम्मीदवार अजय राय हैं, जिन पर 18 आपराधिक मामले दर्ज हैं। तीसरे स्थान पर कुशीनगर से ‘राष्ट्रीय शोषित समाज पार्टी’ के उम्मीदवार स्वामी प्रसाद मौर्य हैं। उन पर 9 आपराधिक मामले दर्ज हैं। 

इस रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि साफ-सुथरी छवि वाले उम्मीदवारों के चयन बारे सुप्रीमकोर्ट के निर्देशों का लोकसभा चुनावों 2024 के लिए उम्मीदवारों के चयन में राजनीतिक दलों पर कोई प्रभाव नहीं पड़ा क्योंकि उन्होंने फिर से आपराधिक मामलों वाले लगभग 22 प्रतिशत उम्मीदवारों को टिकट देने के अपने पुराने रिवाज का ही पालन किया है। राजनीतिक दल व जागरूक मतदाता ही ऐसे लोगों को जनता का प्रतिनिधित्व करने से रोक सकते हैं। अत: मतदाताओं को चुनावी उम्मीदवारों के अतीत और कार्यकलापों के बारे में भली प्रकार जांच-पड़ताल करने के बाद ही उन्हें अपना मूल्यवान वोट देना चाहिए। इस मामले में कुछ कानूनी सुधार भी आवश्यक हैं ताकि हमें स्वच्छ छवि वाले ईमानदार और दूसरों से हमदर्दी रखने वाले सेवाभावी नेता मिलें, जो आम जनता के कल्याण के लिए सुशासन दे सकें।—विजय कुमार 

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