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नहीं थम रहा देश में नकली नोटों का घिनौना कारोबार

Edited By ,Updated: 29 Dec, 2019 12:18 AM

abusive business of fake notes is not stopping in the country

सरकार ने काला धन निकालने और नकली करंसी समाप्त करने के लिए 8 नवम्बर, 2016 को 500 और 1000 रुपए के पुराने नोट बंद करके 500 और 2000 रुपए के नए नोट जारी किए थे। बिना तैयारी के लागू की गई नोटबंदी से जहां लोगों को भारी परेशानी हुई वहीं जाली करंसी का धंधा...

सरकार ने काला धन निकालने और नकली करंसी समाप्त करने के लिए 8 नवम्बर, 2016 को 500 और 1000 रुपए के पुराने नोट बंद करके 500 और 2000 रुपए के नए नोट जारी किए थे। बिना तैयारी के लागू की गई नोटबंदी से जहां लोगों को भारी परेशानी हुई वहीं जाली करंसी का धंधा भी नहीं रुका। 

गत 20 और 23 दिसम्बर को दिल्ली पुलिस के स्पैशल सैल ने जाली करंसी का धंधा करने वाले पांच आरोपियों को गिरफ्तार करके एक बड़े नैटवर्क का पर्दाफाश किया और उनके कब्जे से 54 लाख रुपए के 2000, 500 और 100 रुपए मूल्य वाले जाली नोटों के अलावा एक करोड़ रुपए से अधिक के डालर, 2 पिस्तौल और 4 कारतूस जब्त किए। दिल्ली तथा देश के अन्य भागों में जाली करंसी का धंधा चलाने वाले इस गिरोह के सदस्यों की पहचान दानिश मलिक (मुस्तफाबाद), तबरेज अहमद (लक्ष्मी नगर), शोएब मलिक (सीलमपुर), रघुराज सिंह (बुलंदशहर) और दिल्ली विश्वविद्यालय से स्नातक उस्मान अंसारी (दरियागंज) के रूप में हुई है। 

इसी प्रकार 25 दिसम्बर को पंजाब में नाभा जिले के गांव रोहटी बस्ता सिंह में काऊंटर इंटैलीजैंस की टीम ने छापा मार कर नकली नोट बनाने वाले 3 आरोपियों साबर खान उर्फ गोगी खान उर्फ गोगी सिंह, अवतार सिंह और सतपाल सिंह को गिरफ्तार करके उनके कब्जे से 2000 रुपए वाले 98,000 रुपए के 49 नकली नोट कब्जे में लिए। गोगी के घर से कम्प्यूटर, लैपटाप, फोटोस्टेट मशीन, सी.पी.यू., यू.पी.एस., नकली नोट बनाने वाली डाई तथा अन्य काफी सामान भी कब्जे में लिया गया है। पुलिस के अनुसार यह गिरोह काफी समय से नकली नोट बनाने का धंधा कर रहा था। गोगी का गिरोह यह नकली करंसी लुधियाना में चलाता था। 

मात्र एक सप्ताह में उत्तर भारत में ही जाली नोट बनाने वाले 2 गिरोहों का पकड़ा जाना प्रमाण है कि स्थिति कितनी गंभीर है जबकि आई.बी. के अनुसार पहले ही पाकिस्तान और बंगलादेश से नकली नोटों की खेप नेपाल और पश्चिम बंगाल के रास्ते भारत में आ रही है और सरहद पार अभी भी नकली भारतीय करंसी छापने वाले कारखाने काम कर रहे हैं। नकली करंसी के रूप में समानांतर अर्थव्यवस्था चलाना देशद्रोह से कम नहीं है। अत: केंद्र सरकार नकली करंसी के व्यापारियों को कठोरतम दंड का प्रावधान करके जितनी जल्दी इस पर लगाम लगा पाएगी देश की अर्थव्यवस्था के लिए उतना ही अच्छा होगा।—विजय कुमार 

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