Edited By ,Updated: 21 May, 2025 05:17 AM
स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय के अनुसार भारत में ‘कोरोना महामारी’ की पहली लहर जनवरी, 2020 से फरवरी, 2021 तक रही। इस दौरान ‘कोरोना’ के 1.08 करोड़ मामले सामने आए और औसतन रोजाना 412 मौतों के हिसाब से लगभग 1.55 लाख लोगों की मौतें...
स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय के अनुसार भारत में ‘कोरोना महामारी’ की पहली लहर जनवरी, 2020 से फरवरी, 2021 तक रही। इस दौरान ‘कोरोना’ के 1.08 करोड़ मामले सामने आए और औसतन रोजाना 412 मौतों के हिसाब से लगभग 1.55 लाख लोगों की मौतें हुर्ईं।
‘कोरोना’ की दूसरी लहर (मार्च, 2021 से मई, 2021) में 1.69 लाख मौतें तथा तीसरी लहर (दिसम्बर, 2021 से फरवरी, 2022) के दौरान 50.05 लाख नए मामले दर्ज किए गए और 10,465 मौतें हुईं। और अब एक बार फिर भारत सहित ‘दक्षिण एशिया’ के कई देशों में ‘कोरोना’ की नई लहर (वेरिएंट) का खतरा मंडराने लगा है। ‘हांगकांग’ और ‘सिंगापुर’ में ‘कोरोना वायरस’ के मामले बढऩे लगे हैं।
जहां ‘हांगकांग’ में अभी तक सामने आए ‘कोरोना’ के 81 मामलों में 30 लोगों की मौत हो चुकी है, वहीं ‘सिंगापुर’ में 1 मई तक ‘कोरोना’ के मामलों की संख्या बढ़कर 14,200 हो गई। वहां 1 से 19 मई के बीच इसके 3,000 नए मरीज सामने आए हैं। ‘सिंगापुर’ व ‘हांगकांग’ के बाद ‘चीन’ और ‘थाईलैंड’ में भी इसके मामले बढऩे लगे हैं तथा अलर्ट जारी कर दिया गया है। वहां के स्वास्थ्य अधिकारियों ने चेतावनी दी है कि यह महामारी एक बार फिर गंभीर रूप ले सकती है और इसका असर ‘एशिया’ के अन्य हिस्सों में भी हो सकता है।
‘हांगकांग’ में संक्रामक रोगों के स्वास्थ्य अधिकारी ‘अलबर्ट’ के अनुसार ‘कोरोना वायरस’ के मामले बड़ी तेजी से बढ़ रहे हैं, अत: सांस की तकलीफ वाले रोगियों के ‘कोरोना पाजिटिव’ पाए जाने की आशंका इस वर्ष बहुत अधिक बढ़ सकती है जिसे लेकर भारत में भी चिंता पैदा हो गई है। हालांकि भारत में अभी कोरोना की कोई बड़ी लहर दिखाई तो नहीं दे रही है परन्तु स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय के अनुसार 1 जनवरी से 19 मई तक देश में कोरोना के 257 मामले सामने आ चुके हैं। इनमें से अकेले मुम्बई में ही 53 मामले सामने आए हैं तथा मुम्बई के के.ई.एम. अस्पताल में 19 मई को 2 कोरोना पीड़ितों की मौत भी हो चुकी है। हालांकि सरकार स्थिति को नियंत्रण में बता रही है लेकिन मुम्बई में डाक्टरों ने ‘कोरोना’ के और भी हल्के लक्षणों वाले मामले देखे हैं। ‘विश्व स्वास्थ्य संगठन’ (डब्ल्यू.एच.ओ.) के अनुसार इस बार संक्रमण के लिए ‘ओमिक्रोन’ के नए वेरिएंट ‘जे.एन.1’ तथा उसके साथ ‘वेरिएंट्स एल.एफ. 7’ और एन.बी. 1.8 को जिम्मेदार माना जा रहा है।
जे.एन.1 वेरिएंट काफी तेजी से फैलता है। इंगलैंड के स्वास्थ्य विशेषज्ञों का कहना है कि ‘कोरोना’ के जे.एन. 1 सब-वेरिएंट से संक्रमित लोगों ने कुछ संकेत बताए हैं जिनमें गले में खराश, नींद न आने की समस्या, एंग्जाइटी, नाक का बहना, खांसी, सिरदर्द, कमजोरी या थकान, मांसपेशियों में दर्द आदि शामिल हैं। इंगलैंड के डाक्टरों के अनुसार इनमें से खांसी, गले में खराश, छींकें आना, थकान और सिरदर्द सबसे अधिक बताए गए लक्षणों में शामिल हैं, परन्तु चूंकि ये ‘इन्फ्लूएंजा’ के लक्षण भी हो सकते हैं इसलिए पहले टैस्ट करवाना आवश्यक है।
भारतीय स्वास्थ्य विशेषज्ञों ने पड़ोसी देशों में ‘कोरोना’ के बढ़ते मामलों को देखते हुए लोगों को सावधानी बरतने और वैक्सीन लेने की सलाह दी है। हालांकि उनका कहना है कि अब तक ऐसा कोई सबूत नहीं मिला है जिससे लगे कि ये ‘नए वेरिएंट’ पहले से अधिक खतरनाक या तेजी से फैलने वाले हैं परन्तु उनका मानना है कि यह लहर ‘कमजोर इम्युनिटी’ वाले लोगों पर अपना असर दिखा सकती है। दूसरी ओर ‘चाइनीज सैंटर फॉर डिजीज एंड प्रिवैंंशन’ के आंकड़ों के अनुसार ‘कोरोना’ की लहर जल्द ही तेज हो सकती है तथा ‘थाईलैंड’ में भी 2 अलग-अलग इलाकों में तेजी से इसके केस बढऩे के मामले सामने आए हैं, अत: इससे पहले कि हालात बेकाबू हों, समय रहते ही सरकार द्वारा तुरन्त बचावात्मक उपाय करना आवश्यक है।—विजय कुमार