Edited By ,Updated: 31 Mar, 2024 04:41 AM
आज जहां उत्तरी कोरिया अपने वर्तमान सनकी शासक ‘किम-जोंग-उन’ की अदूरदर्शी नीतियों के कारण विश्व के गरीब देशों में गिना जाता है, वहीं इसके विपरीत ‘शांत सुबह की भूमि’ के रूप में मशहूर दक्षिण कोरिया राष्ट्रपति ‘यूं सुक योल’ के नेतृत्व में लगातार तरक्की...
आज जहां उत्तरी कोरिया अपने वर्तमान सनकी शासक ‘किम-जोंग-उन’ की अदूरदर्शी नीतियों के कारण विश्व के गरीब देशों में गिना जाता है, वहीं इसके विपरीत ‘शांत सुबह की भूमि’ के रूप में मशहूर दक्षिण कोरिया राष्ट्रपति ‘यूं सुक योल’ के नेतृत्व में लगातार तरक्की कर रहा है। दक्षिण कोरिया की राजधानी सियोल दुनिया का दूसरा सबसे बड़ा महानगरीय क्षेत्र और एक प्रमुख अंतरराष्ट्रीय शहर है। यह विश्व की 13वीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था है। यहां 15 अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे व 500 विश्वविद्यालय हैं।
हर तरह से सुविधा-सम्पन्न होने के बावजूद चीन, जापान, स्विट्जरलैंड, सिसिली, आयरलैंड, ग्रीस आदि देशों की भांति ही दक्षिण कोरिया भी जन्म दर में गिरावट की समस्या से जूझ रहा है। इसी को देखते हुए वहां जनसंख्या बढ़ाने के लिए अनेक योजनाएं चलाई जा रही हैं। दक्षिण कोरिया की प्रजनन दर विश्व में सबसे कम होने का कारण यह बताया जाता है कि अधिकांश महिलाओं ने अपने करियर और बच्चों के पालन-पोषण पर आने वाले भारी खर्च की ङ्क्षचता के कारण बच्चे पैदा न करने या देर से पैदा करने का फैसला कर रखा है। इसी के दृष्टिगत देश की बेहद कम जन्म दर को बेहतर बनाने के लिए दक्षिण कोरियाई कम्पनी ‘बूयांग ग्रुप’ ने अपने कर्मचारियों को हर बार बच्चा पैदा होने पर 100 मिलियन कोरियाई वॉन यान (लगभग 75,000 डालर) का बोनस देने की घोषणा की है।
इस योजना के अंतर्गत ‘बूयांग ग्रुप’ ने तो उन 70 कर्मचारियों को भी, जिनके 2021 के बाद से बच्चे हुए हैं, उन्हें 5.25 मिलियन डालर (लगभग 43 करोड़ रुपए) नकद देने की घोषणा की है। इस बीच कुछ लोगों का कहना है कि यदि दक्षिण कोरिया में जनसंख्या का इतना ही संकट पैदा हो गया है तो वहां के शासकों को अपने देश में आव्रजन के नियमों में ढील दे देनी चाहिए ताकि दूसरे देशों से लोग आकर यहां बस सकें और देश में जनसंख्या की कमी से पैदा हो रही समस्या किसी सीमा तक दूर की जा सके।—विजय कुमार