Edited By ,Updated: 16 Sep, 2023 03:24 AM
इन दिनों डेंगू देश के विभिन्न राज्यों उत्तर प्रदेश, पश्चिम बंगाल, उत्तराखंड, तमिलनाडु, हरियाणा, हिमाचल, पंजाब आदि को अपनी चपेट में ले रहा है और वहां इसके मामले बढ़ रहे हैं। इसके परिणामस्वरूप अस्पतालों में रोगियों की संख्या बढ़ रही है तथा कुछ मौतें...
इन दिनों डेंगू देश के विभिन्न राज्यों उत्तर प्रदेश, पश्चिम बंगाल, उत्तराखंड, तमिलनाडु, हरियाणा, हिमाचल, पंजाब आदि को अपनी चपेट में ले रहा है और वहां इसके मामले बढ़ रहे हैं। इसके परिणामस्वरूप अस्पतालों में रोगियों की संख्या बढ़ रही है तथा कुछ मौतें भी हुई हैं। डेंगू विषाणुजनित रोग है। इससे तेज बुखार, सिरदर्द, बदन दर्द, जोड़ों व पीठ में दर्द, भूख न लगना तथा शरीर में लाल चकत्ते उभरने आदि की तकलीफ होती है। कभी-कभी रोगी के शरीर में आंतरिक रक्तस्राव भी होता है। इसके साथ ही कमजोरी व चक्कर भी आते हैं।
प्लटलैट्स घटने या ब्लड प्रैशर कम होने का भी खतरा बढ़ जाता है। रोगी को खून आना शुरू हो जाता है। अगर पानी पीने और कुछ भी खाने में दिक्कत हो और बार-बार उल्टी आए तो डी-हाईड्रेशन का खतरा पैदा हो जाता है। डेंगू ‘एडीज’ नामक मादा मच्छर के काटने से होता है। डेंगू का मच्छर गंदे पानी की बजाय साफ पानी में पनपता है, इसलिए घर के अंदर या घर के आसपास पानी जमा नहीं होने देना चाहिए। बरसात में गमलों, कूलरों, पुराने टायरों आदि में एकत्रित पानी में यह मच्छर अधिक पाया जाता है। उत्तर प्रदेश के नोएडा में डेंगू का खतरनाक वेरिएंट डेन-2 स्ट्रेन पाया गया है, जो काफी घातक बताया जाता है, जिसे देखते हुए स्वास्थ्य विभाग ने लोगों को सावधानी बरतने की सलाह दी है। इसी बीच महाराष्ट्र में जीका वायरस ने दस्तक दे दी है। यह भी एडीज मच्छर के काटने से फैलने वाली बीमारी है तथा महाराष्ट्र के कोल्हापुर में जीका के 2 केस मिलने के बाद प्रशासन सतर्क हो गया है। विश्व स्वास्थ्य संगठन के अनुसार एडीज मच्छर के काटने से ही डेंगू, चिकनगुनिया और यैलो फीवर फैलता है। अमरीका के सैंटर फार डिजीज कंट्रोल एंड प्रिवेंशन के अनुसार जीका की कोई वैक्सीन या इलाज नहीं है।
विशेषज्ञों का कहना है कि जीका से संक्रमित होने के बाद लगातार आराम और पर्याप्त मात्रा में पानी पीते रहना जरूरी है। इसके लक्षणों में शरीर पर लाल चकत्ते उभरना, बुखार, मांसपेशियों, जोड़ों और सिर में दर्द शामिल हैं। जैसे कि इतना ही काफी नहीं था, दक्षिण भारत में केरल के कोझिकोड में निपाह वायरस के बढ़ते मामलों के बीच 14 सितम्बर को सभी स्कूल-कालेज 2 दिनों के लिए बंद रखने का आदेश जारी कर दिया गया। यहां निपाह वायरस से 2 लोगों की मौत भी हो चुकी है। एक 9 वर्षीय बच्चा आई.सी.यू. में भर्ती है। एक स्वास्थ्य कर्मचारी के अलावा एक 39 वर्षीय व्यक्ति में भी निपाह वायरस की पुष्टि हुई है। केरल में निपाह के अब तक 6 मामले सामने आ चुके हैं। केरल की स्वास्थ्य मंत्री वीना जॉर्ज के अनुसार प्रदेश में जिस वायरस की पुष्टि हुई है, वह इंसानों से इंसानों में फैलने तथा अधिक मृत्यु दर वाला बंगलादेशी वेरिएंट है।
केरल में बढ़ते निपाह के खतरे को देखते हुए अन्य राज्यों को भी अलर्ट किया गया है। स्वास्थ्य विभाग से जुड़े लोगों का कहना है कि यह वायरस अतिरिक्त खतरनाक हो सकता है, इसलिए संक्रमण के जोखिमों को देखते हुए सभी लोगों को विशेष सावधानी बरतने की आवश्यकता है। स्वास्थ्य विशेषज्ञों ने चमगादड़ों के सैम्पल इकट्ठा करने की मुहिम तेज कर दी है। उनका कहना है कि चमगादड़ से मनुष्य में संक्रमण का जोखिम अधिक होने के कारण उन स्थानों पर जाने से बचने की आवश्यकता है, जहां चमगादड़ अधिक हों। कुल मिलाकर भारत इन दिनों 3 रोगों के जोखिम में है, जिनसे बचाव के लिए जहां लोगों को अधिकतम सावधानी बरतने की जरूरत है, वहीं संबंधित राज्यों की सरकारों को भी इस संबंध में तुरंत सुरक्षा प्रबंध तेज करने चाहिएं।—विजय कुमार