‘जानलेवा दुर्घटनाएं रोकने के लिए’‘जर्जर पुलों पर तुरन्त ध्यान देने की जरूरत’

Edited By ,Updated: 26 Sep, 2023 04:38 AM

dilapidated bridges need immediate attention

उत्तराखंड लोक निर्माण विभाग द्वारा गत वर्ष किए गए विभागीय ऑडिट में बताया गया था कि राज्य में असुरक्षित पाए जाने वाले 36 पुलों पर अभी भी यातायात जारी है।

उत्तराखंड लोक निर्माण विभाग द्वारा गत वर्ष किए गए विभागीय ऑडिट में बताया गया था कि राज्य में असुरक्षित पाए जाने वाले 36 पुलों पर अभी भी यातायात जारी है। यही स्थिति अन्य राज्यों में भी है तथा देश में सुरक्षा ऑडिट में अनेक पुलों के यात्रा के लिए असुरक्षित पाए जाने के बावजूद उन पर आवागमन जारी रहने के कारण दुर्घटनाओं में लोग मर रहे हैं। ऐसी ही एक दुर्घटना में गत वर्ष 30 अक्तूबर को गुजरात के मोरबी में 142 वर्ष पुराना जर्जर केबल पुल (झूला पुल) टूटने से कम से कम 134 लोगों की मौत हो गई थी, जो 21 वर्षों में 15वीं बड़ी पुल दुर्घटना थी। 

इस दुर्घटना ने देश के जर्जर पुलों की ओर सरकार का ध्यान दिलाया है, परंतु जर्जर पुलों को सुधार कर दुर्घटनाएं रोकने की दिशा में अभी तक कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया। इसी कड़ी में अब 24 सितम्बर को गुजरात के सुरेंद्रनगर जिले में ‘वस्तादी’ गांव के निकट बड़ा हादसा हो गया। राष्ट्रीय राजमार्ग को चूड़ा से जोडऩे वाला पुल ढह जाने के कारण एक ट्रक सहित कई वाहन नदी में जा गिरे तथा 10 लोग भी पानी में डूब गए। 

हालांकि इस घटना में अधिकांश लोगों को बचा लिया गया, परंतु इस दुर्घटना ने एक बार फिर देश के खस्ताहाल पुलों की ओर सरकार का ध्यान दिलाया है कि यदि जर्जर पुलों की तुरंत सुध न ली गई तो भविष्य में कोई बड़ी दुर्घटना भी हो सकती है। उल्लेखनीय है कि कुछ समय पहले तक हमारे जनप्रतिनिधि रेल और सड़क मार्गों से भी यात्रा कर लिया करते थे, जिससे उन्हें रेल और सड़क परिवहन की त्रुटियों का पता चलता रहता था, परन्तु इन दिनों उनके पास रेलों और बसों में यात्रा करने का समय न होने के कारण इनकी वास्तविक हालत का  पता ही नहीं चल पाता।-विजय कुमार 

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