Edited By ,Updated: 29 Jul, 2023 04:26 AM
इन दिनों खेलों से जुड़े अधिकारियों और खेल कोचों पर महिला खिलाडिय़ों का यौन उत्पीडऩ करने के मामले जोरों पर हैं। इन में भारतीय कुश्ती महासंघ के निवर्तमान अध्यक्ष और संसद सदस्य बृजभूषण शरण सिंह भी शामिल हैं। इसी सिलसिले में गत दिवस इंदौर में जब...
इन दिनों खेलों से जुड़े अधिकारियों और खेल कोचों पर महिला खिलाडिय़ों का यौन उत्पीडऩ करने के मामले जोरों पर हैं। इन में भारतीय कुश्ती महासंघ के निवर्तमान अध्यक्ष और संसद सदस्य बृजभूषण शरण सिंह भी शामिल हैं। इसी सिलसिले में गत दिवस इंदौर में जब पत्रकारों ने उनसे इस बारे बात की तो उन्होंने इस विषय में कुछ भी कहने से इंकार कर दिया और बोले :
‘‘मेरे विरुद्ध लगे आरोप न्यायपालिका में विचाराधीन हैं। इसलिए मैं इस विषय में कुछ नहीं बोलूंगा। लेकिन आप मेरा चेहरा देखें कि क्या आपको ये आरोप दिखाई दे रहे हैं? अदालत ने कहा है कि (महिला पहलवानों के कथित यौन उत्पीडऩ के मामले में) मीडिया ट्रायल मत कराइए और सच्चाई अदालत में रखिए।’’
बहरहाल अभी यह मामला चल ही रहा है कि महिला खिलाडिय़ों के यौन उत्पीडऩ का एक और मामला सामने आ गया। कैथल (हरियाणा) में वुशू कोच और ‘जिला कैथल वुशू एसोसिएशन’ के सचिव दीपक कुमार लोट के विरुद्ध एक महिला खिलाड़ी ने बलात्कार का प्रयास करने का आरोप लगाया है। इस महिला खिलाड़ी ने 3 मई, 2023 को उक्त कोच के विरुद्ध लिखित शिकायत में कोच पर उसे घर बुला कर कोल्ड ड्रिंक में नशीला पदार्थ देकर उसके प्राइवेट पार्ट के साथ छेड़छाड़ करने सहित कई आरोप लगाए थे।
इस खिलाड़ी के अनुसार घटना वाले दिन 2 अन्य खिलाड़ी भी कोच के घर आ गईं जिसकी वजह से वह बच गई। इसके बाद कोच ने उसे इस बारे किसी को बताने पर गेम से बाहर करने की धमकी दी थी। 27 जुलाई को महिला सरकारी कोच के साथ आधा दर्जन से अधिक महिला खिलाड़ी उक्त कोच के विरुद्ध कार्रवाई की मांग को लेकर एस.पी. अभिषेक जोरवाल से मिलीं। इन्होंने कोच पर उनका यौन शोषण करने व लाखों रुपए हड़पने के आरोप लगाने के अलावा कहा कि कोच उन्हें अकेले पाकर उनके साथ सैक्स और गुप्तांग की बात करता था तथा बुरी नीयत से छूता था।
ऐसा उसने एक लड़की के साथ नहीं बल्कि कई लड़कियों के साथ किया। कुछ लड़कियों ने कोच दीपक कुमार पर पैसे लेने के आरोप भी लगाए और कहा कि राष्ट्रीय स्तर पर खिलाने के पैसे भी लिए जाते थे। महिला खिलाडिय़ों ने यह भी कहा कि उन्होंने लगभग 2 महीने पहले कैथल के महिला थाने में भी इस कोच के विरुद्ध शिकायत दी थी। तब कोच ने सभी खिलाडिय़ों से लिखित माफी मांगी और भविष्य में कोई भी संबंध न रखने की बात कही थी। इस पर खिलाडिय़ों ने शिकायत वापस ले ली थी। इस बीच हरियाणा के मंत्री संदीप सिंह द्वारा एक जूनियर महिला कोच के साथ छेड़छाड़ के मामले में एस.आई.टी. को दोनों के बीच चैट के महत्वपूर्ण सबूत मिल गए हैं।
सी.एफ.एस.एल. के विशेषज्ञों ने इन दोनों के मोबाइल से डिलीट डाटा रिकवर कर लिया है। इनके मोबाइल की काल डिटेल भी पुलिस को मिल चुकी है जिसका विश्लेषण किया जा रहा है। एस.आई.टी. के सूत्रों के अनुसार पुलिस अदालत में मंत्री के विरुद्ध 7 से 10 दिन के अंदर चार्जशीट दायर करेगी। ऐसे न जाने और कितने केस हो रहे होंगे जो प्रकाश में नहीं आ पाते। निश्चय ही यह अत्यंत गंभीर मामला है और प्रश्न उत्पन्न होता है कि आखिर इस समस्या का क्या इलाज हो? यदि महिला खिलाडिय़ों की शिकायतों का समाधान न किया गया और उनका उत्पीडऩ इसी प्रकार जारी रहा तो या तो वे ऐसा अन्याय बर्दाश्त करने के लिए मजबूर होंगी या तंग आकर खेलों से ही संन्यास ले लेंगी।
चूंकि उक्त तीनों ही मामलों के साथ केंद्र सरकार और राज्य सरकार जुड़ी हैं, अत: दोनों को ही इस बारे संज्ञान लेकर महिला खिलाडिय़ों को तुरंत न्याय और सुरक्षित वातावरण प्रदान करना चाहिए। यदि ऐसा नहीं किया गया तथा महिला खिलाड़ी खेल छोडऩे को मजबूर हुईं तो इससे भारतीय खेल जगत को ही घाटा पड़ेगा।—विजय कुमार