रामलीलाओं में मुस्लिम श्रद्धालु दे रहे धार्मिक सद्भाव का संदेश

Edited By ,Updated: 08 Oct, 2019 12:47 AM

muslim devotees giving message of religious harmony in ramlila

विजय दशमी पर्व के अवसर पर देश में शारदीय नवरात्रि आरंभ होते ही रामकथा के मंचन के लिए रामलीलाओं के आयोजन शुरू हो जाते हैं जिनमें पिछले वर्षों की भांति ही इस वर्ष भी मुस्लिम व सिख समुदाय के श्रद्धालु भाग लेकर धार्मिक सौहार्द और भाईचारे का संदेश दे रहे...

विजय दशमी पर्व के अवसर पर देश में शारदीय नवरात्रि आरंभ होते ही रामकथा के मंचन के लिए रामलीलाओं के आयोजन शुरू हो जाते हैं जिनमें पिछले वर्षों की भांति ही इस वर्ष भी मुस्लिम व सिख समुदाय के श्रद्धालु भाग लेकर धार्मिक सौहार्द और भाईचारे का संदेश दे रहे हैं। दिल्ली में मंचित की जा रही एक अन्य रामलीला में रावण की भूमिका में फिल्म अभिनेता शहबाज खान दिखाई दिए। लखनऊ स्थित ‘बख्शी का तालाब’ के दशहरा मेले में होने वाली ऐतिहासिक रामलीला 47 वर्षों से हिन्दू-मुस्लिम एकता की मिसाल बनी हुई है जिसमें आधे से अधिक मुसलमान कलाकार काम करते हैं। 

इसकी विशेषता यह है कि यहां होने वाली रामलीला का मंचन किसी रामलीला कम्पनी के कलाकारों द्वारा नहीं किया जाता बल्कि गांव (रूदही) के ही पढ़े-लिखे युवाओं द्वारा किया जाता है। अनाज के व्यापारी मोहम्मद साबिर के निर्देशन में 8 से 10 अक्तूबर तक चलने वाली इस रामलीला में राम की भूमिका में सलमान व लक्ष्मण की भूमिका में अरबाज नामक कलाकार हैं। श्रीगंगानगर के विजयनगर में ‘श्री महावीर रामलीला युवा क्लब’ की ओर से 50 वर्षों से रामलीला का मंचन किया जा रहा है। इसमें मुस्लिम कलाकारों सरद्दाम हुसैन और काका खान ने भी अभिनय किया है। 

सहारनपुर में ‘भारतीय कला संगम श्री रामलीला सभा’ की रामलीला में 5 मुस्लिम कलाकारों मो. अली, मो. सलीम, अली हैदर, अजीम व समीर खान ने रावण, देवर्षि नारद, बाणासुर, खरदूषण आदि की भूमिकाएं निभाईं। सब्जी मंडी फतेहगढ़ स्थित मंदिर पर रामलीला की शुरूआत गणेश पूजन और भूमि पूजन के साथ की गई जिसमें मुसलमान बंधुओं ने भी भाग लिया। कुरुक्षेत्र में लक्ष्मी रामलीला ड्रामाटिक क्लब द्वारा आयोजित रामलीला में 48 वर्षों से सिख समुदाय से संबंधित श्री कुलवंत सिंह भट्टी हनुमान जी की भूमिका निभा रहे हैं जो पेशे से एक मोटर मैकेनिक हैं। उनके पोते हर्षदीप सिंह ने श्री हनुमान जी के पुत्र मकरध्वज की भूमिका में उनका साथ दिया। श्री कुलवंत सिंह भट्टी यह भूमिका निभाने के लिए 40 दिन भूमि पर सोते हैं और गृहस्थ जीवन से दूर रहते हैं। 

राजधानी दिल्ली में कला जगत और रंगमंच से जुड़े कुछ कलाकार उर्दू में रामलीला करने की तैयारी कर रहे हैं जिसमें हिन्दू और मुसलमान लेखकों द्वारा रामायण के विभिन्न प्रसंग पेश किए जाएंगे। यह रामलीला दशहरा के बाद 16 अक्तूबर को श्री राम सैंटर में आयोजित की जाएगी। अम्बरनाथ के इब्राहिम शेख नामक एक मुस्लिम भक्त कई वर्षों से माता के मंदिर में सेवा करते आ रहे हैं और माता की पूजा करने के अलावा मंदिर में आए हुए श्रद्धालुओं को प्रसाद का वितरण भी करते हैं। बंगला फिल्मों की अभिनेत्री नुसरत जहां अपने पति के साथ महाअष्टïमी के अवसर पर कोलकाता के दुर्गा पूजा पंडाल में दर्शन करने पहुंचीं। उन्होंने वहां मां दुर्गा की आराधना की, ढोल बजाया और नृत्य किया। 

भाईचारे और सौहार्द के बंधनों को मजबूत करने वाले लोगों के सद्प्रयासों के ये तो चंद उदाहरण हैं जबकि इसके अलावा भी इसी दिशा में न जाने कितने संगठन एवं व्यक्ति सक्रिय होकर अपना योगदान दे रहे हैं। आज अपने पाठकों को विजय दशमी की बधाई देते हुए हम आशा करते हैं कि जब तक हमारे देश में इस प्रकार की सकारात्मक सोच के लोग मौजूद हैं तब तक विभाजनकारी शक्तियां हमारे भाईचारे के पारंपरिक ताने-बाने को छिन्न-भिन्न करने में सफल नहीं हो सकेंगी और सदा ही असत्य पर सत्य की और दुर्भावना पर सद्भावना की विजय होती रहेगी।—विजय कुमार 

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