Edited By ,Updated: 06 Aug, 2023 03:58 AM
पूज्य पिता लाला जगत नारायण जी ने 4 मई, 1948 को 3000 प्रतियों के साथ हमारे पहले अखबार उर्दू दैनिक ‘हिंद समाचार’ का प्रकाशन जालंधर से शुरू किया जो 13 मई, 1984 को 1,01,475 प्रतियों का आंकड़ा छू कर देश का सर्वाधिक प्रसारित उर्दू दैनिक बन गया। बहरहाल,...
पूज्य पिता लाला जगत नारायण जी ने 4 मई, 1948 को 3000 प्रतियों के साथ हमारे पहले अखबार उर्दू दैनिक ‘हिंद समाचार’ का प्रकाशन जालंधर से शुरू किया जो 13 मई, 1984 को 1,01,475 प्रतियों का आंकड़ा छू कर देश का सर्वाधिक प्रसारित उर्दू दैनिक बन गया। बहरहाल, छठे दशक में लाला जी ने समय का रुख देखकर 13 जून,1965 को 6000 प्रतियों के साथ हिन्दी दैनिक ‘पंजाब केसरी’ आरंभ किया। आज यह अनेक शहरों से प्रकाशित होकर औसत 6,67,487 प्रतियों की प्रसार संख्या पार कर चुका है जबकि आई.आर.एस. के अनुसार इसकी पाठक संख्या 1.17 करोड़ से अधिक है।
इसके बाद 21 जुलाई, 1978 को पंजाबी दैनिक ‘जग बाणी’ का प्रकाशन मात्र 8000 प्रतियों के साथ शुरू किया गया जिसकी प्रकाशन संख्या इस समय ए.बी.सी. के अनुसार औसतन प्रतिदिन 2,05,943 प्रतियां है जबकि आई.आर.एस. के अनुसार इसकी पाठक संख्या 39.77 लाख है। 10 वर्ष पूर्व 6 अगस्त, 2013 को नई दिल्ली से ‘पंजाब केसरी समूह’ (जालंधर) द्वारा समाचार पत्र ‘नवोदय टाइम्स’ का प्रकाशन आरंभ किया गया। मात्र 10 वर्ष की अवधि में इस समय यह दिल्ली के समाचार पत्रों में तीसरे स्थान पर पहुंच गया है। इसकी औसत प्रकाशन संख्या 1,27,752 प्रतियां प्रतिदिन है। इस बीच हमने वैब टी.वी. के साथ-साथ विभिन्न चैनल भी शुरू किए हैं।
‘पंजाब केसरी’ पत्र समूह को अपनी निष्पक्षता तथा किसी भी एक राजनीतिक विचारधारा से न जुडऩे के संकल्प के कारण उस दौर की लगभग सभी सरकारों की गलत नीतियों की आलोचना करने पर उनका कोपभाजन भी बनना पड़ा। 1974 में पंजाब के तत्कालीन मुख्यमंत्री ज्ञानी जैल सिंह ने हमारी आवाज दबाने के लिए पहले ‘हिंद समाचार’ और ‘पंजाब केसरी’ के विज्ञापन बंद किए और फिर बिजली काट दी तो हमने ट्रैक्टर की सहायता से छाप कर अपने अखबार पाठकों तक पहुंचाए। जम्मू-कश्मीर में अब्दुल्ला सरकार ने हम पर प्रतिबंध लगाए और हरियाणा सरकार ने हमारे विज्ञापन बंद कर दिए। फिर 26 जून, 1975 से 21 मार्च, 1977 तक भारत में लागू आपातकाल के दौरान पूज्य लाला जी को गिरफ्तार कर लिया गया। आपातकाल में सबसे पहले उन्हीं की गिरफ्तारी की गई थी।
अपनी इस संघर्ष यात्रा के दौरान ‘पंजाब केसरी समूह’ ने आतंकवाद के विरुद्ध भी संघर्ष किया और अपने 2 मुख्य संपादकों पूज्य पिता लाला जगत नारायण तथा श्री रमेश चंद्र के अलावा 2 समाचार सम्पादक और उप-संपादक, 60 अन्य संवाददाता, छायाकार, ड्राइवर, एजैंट और हॉकर खोए। जहां पूज्य पिता लाला जगत नारायण के मार्गदर्शन में मैंने अखबारों के काम में हाथ बंटाया वहीं मेरे पुत्रों चिरंजीव अविनाश और चिरंजीव अमित ने मेहनत करके प्रभु के आशीर्वाद और आप सबके सहयोग से चारों अखबारों को स्वतंत्र, निष्पक्ष और राष्ट्रवाद की भावना से ओतप्रोत समाचार पत्र बनाकर इन्हें आगे बढ़ाया है।
अब इस कार्य में मेरे तीनों पोते चिरंजीव अभिजय, आरूष और अविनव तथा पोती आमिया भी योगदान दे रहे हैं। इनकी व स्टाफ की मेहनत का ही परिणाम है कि आज जहां ये सभी समाचार पत्र पाठकों द्वारा अत्यंत पसंद किए जाते हैं वहीं कई घरों में दो-दो अखबार भी मंगवाए जाते हैं। इतना स्नेह देने के लिए हम ‘नवोदय टाइम्स’ के साथ-साथ ‘हिंद समाचार’, ‘पंजाब केसरी’ और ‘जग बाणी’ के पाठकों, संरक्षकों और विज्ञापनदाताओं का आभार व्यक्त करते हैं।
समाचार पत्रों के साथ-साथ हमने समाज सेवा में यथासंभव योगदान दिया है और शहीद परिवार फंड सहित हमारी ओर से अनेक योगदान कुल मिलाकर 70 करोड़ रुपए से अधिक हो चुके हैं। 10,500 के लगभग परिवारों को सीधी सहायता दी जा चुकी है और विस्थापितों को 750 ट्रकों के लगभग सामग्री सौंपी जा चुकी है। हम प्रार्थना करते हैं कि प्रभु हमें शक्ति दें कि स्वतंत्र, निर्भीक और निष्पक्ष पत्रकारिता के जिन आदर्शों को लेकर ये समाचार पत्र आरंभ किए गए हैं भविष्य में भी हम उन आदर्शों पर कायम रहें।—विजय कुमार