चुनाव आए नजदीक पेट्रोल और डीजल हुए सस्ते

Edited By Updated: 06 Nov, 2021 03:47 AM

petrol and diesel become cheaper as elections approach

हमारी अधिकांश सरकारें धन की कमी का रोना रोती रहती हैं लेकिन चुनाव निकट आने पर वोट बटोरने के लिए उन्हें आ जाती है जनता की याद और तब वे विभिन्न रियायतों और सुविधाओं का पिटारा खोल

हमारी अधिकांश सरकारें धन की कमी का रोना रोती रहती हैं लेकिन चुनाव निकट आने पर वोट बटोरने के लिए उन्हें आ जाती है जनता की याद और तब वे विभिन्न रियायतों और सुविधाओं का पिटारा खोल देती हैं। इसी संदर्भ में जहां पिछले कुछ समय के दौरान उत्तर प्रदेश, पंजाब तथा अन्य राज्यों की सरकारों ने अनेक रियायतों की घोषणा की है वहीं केंद्र सरकार ने आम लोगों को महंगाई से कुछ राहत दिलाने के लिए 3 नवम्बर को दीपावली की पूर्व संध्या पर पैट्रोल और डीजल पर एक्साइज ड्यूटी में क्रमश: 5 और 10 रुपए कमी करने की घोषणा की है। 

यही नहीं केंद्र सरकार के आग्रह पर भाजपा शासित राज्यों कर्नाटक, गुजरात, गोवा, असम, त्रिपुरा व मणिपुर की सरकारों ने पैट्रोल और डीजल पर वैट 7 रुपए प्रति लीटर, उत्तर प्रदेश सरकार ने पैट्रोल पर 7 रुपए और डीजल पर 2 रुपए, ओडिशा सरकार ने दोनों मदों पर 3 रुपए प्रति लीटर, हिमाचल ने पैट्रोल पर 2 रुपए तथा डीजल पर 4.60 रुपए, उत्तराखंड सरकार ने पैट्रोल और डीजल पर 2 रुपए प्रति लीटर तथा मध्य प्रदेश सरकार ने 4 प्रतिशत प्रति लीटर कटौती कर दी है। बिहार सरकार ने पैट्रोल पर 1.30 रुपए व डीजल पर 1.90 रुपए प्रति लीटर वैट घटा दिया है। नागालैंड सरकार, केंद्र शासित जम्मू-कश्मीर तथा चंडीगढ़ प्रशासन ने भी पैट्रोल व डीजल पर वैट 7 रुपए प्रति लीटर घटा दिया है। 

केंद्र द्वारा एक्साइज व राज्यों द्वारा वैट में कटौती के बाद विभिन्न राज्यों में अब डीजल 17 रुपए और पैट्रोल 12 रुपए प्रति लीटर तक सस्ता हो जाने से वाहन चालकों को कुछ राहत मिलेगी वहीं विभिन्न वस्तुओं की महंगाई में भी कुछ कमी आ सकती है। गत 6 वर्षों में पैट्रोल पर एक्साइज ड्यूटी में 250 प्रतिशत व गत पांच वर्षों में देश में पैट्रोल की कीमत में लगभग 58.6 प्रतिशत की वृद्धि हुई है जिससे अनेक राज्यों में डीजल 100 रुपए तथा पैट्रोल 120 रुपए प्रति लीटर से ऊपर पहुंच गया। 

डीजल और पैट्रोल की लगातार बढ़ती कीमतों के कारण दैनिक इस्तेमाल की अन्य वस्तुओं की कीमतों में भी भारी वृद्धि हो जाने से लोगों की नाराजगी बढ़ रही थी जिस कारण अगले वर्ष होने वाले पांच राज्यों पंजाब, उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड, गोवा और मणिपुर के चुनावों में भाजपा की चुनावी संभावनाओं पर प्रश्नचिन्ह लग गया था। यही नहीं 5 नवम्बर को उत्तराखंड के दौरे पर केदारनाथ धाम पहुंचे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जहां आदि शंकराचार्य की प्रतिमा का अनावरण किया वहीं सरस्वती नदी पर घाट के निर्माण, तीर्थ पुरोहितों के आवास, मंदाकिनी नदी पर सुरक्षा दीवार और गरुड़ चट्टी पैदल मार्ग पर पुल के निर्माण सहित लगभग 400 करोड़ रुपए की योजनाओं का शिलान्यास और लोकार्पण किया है जिसका आगामी चुनावों में भाजपा को कुछ लाभ पहुंचे। 

उल्लेखनीय है कि केंद्र सरकार ने डीजल-पैट्रोल की कीमतें उस समय घटाई हैं जब गत एक वर्ष में ईंधन के दाम रिकार्ड स्तर पर पहुंच गए और हाल ही में हुए उपचुनावों में भाजपा की हार के लिए हिमाचल के मुख्यमंत्री श्री जयराम ठाकुर ने महंगाई को ही जिम्मेदार बताया था। कांग्रेस प्रवक्ता रणदीप सुर्जेवाला ने डीजल व पैट्रोल पर एक्साइज ड्यूटी में कमी के निर्णय को हाल ही के उपचुनावों में भाजपा की हार का नतीजा बताते हुए कहा है कि मोदी सरकार को सबक सिखाने के लिए देशवासियों को बधाई। प्रजातंत्र में ‘वोट की चोट’ से भाजपा को सच का आइना दिखा ही दिया है। 

बहरहाल, चाहे मजबूरी में ही सही, जनता को सुविधाएं देना अच्छी बात है और इसीलिए हम बार-बार लिखते रहते हैं कि चुनाव पांच वर्ष की बजाय अमरीका और जर्मनी जैसे विकसित देशों की तरह प्रत्येक चार वर्ष बाद ही होने चाहिएं। इससे सरकारों के काम में चुस्ती आएगी, लोगों को सुविधाएं मिलने के अलावा उनके रुके काम जल्दी होने लगेंगे और देश के विकास में तेजी आएगी।—विजय कुमार 

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