साक्षी महाराज द्वारा 4 बच्चों के सुझाव के बाद अब शंकराचार्य नरेंद्रानंद सरस्वती ने दिया 10 बच्चों का सुझाव

Edited By ,Updated: 01 Jun, 2016 12:33 AM

sakshi maharaj suggested by children 4

देश की स्वतंत्रता के समय हमारी जनसंख्या 33 करोड़ थी जो अब बढ़कर 130 करोड़ हो गई है और इसी ...

देश की स्वतंत्रता के समय हमारी जनसंख्या 33 करोड़ थी जो अब बढ़कर  130 करोड़ हो गई है और इसी अनुपात में समस्याएं भी बढ़ गई हैं जिनसे समूचा देश जूझ रहा है। इसके बावजूद कुछ समय से भाजपा तथा उसके सहयोगी संगठनों के नेता हिन्दुओं को अपनी जनसंख्या बढ़ाने के सुझाव दे रहे हैं जिनसे अनावश्यक विवाद उत्पन्न हो रहे हैं : 

7 जनवरी, 2015 को भाजपा सांसद साक्षी महाराज ने कहा, ‘‘धर्म की रक्षा करने के लिए हिन्दू महिलाओं को कम से कम 4 बच्चे पैदा करने चाहिएं।’’ 19 जनवरी को बद्रिकाश्रम के शंकराचार्य श्री वसुदेवानंद सरस्वती ने कहा, ‘‘प्रत्येक हिन्दू परिवार कम से कम 10 बच्चे पैदा करे।’’इसी दिन अयोध्या के एक धर्मगुरु कन्हैया दास बोले, ‘‘हम दो हमारे दो का नारा नहीं चलेगा। हर हिन्दू दम्पति के कम से कम 8 बच्चे हों।’’

2 फरवरी को भाजपा नेता साध्वी प्राची ने एक कार्यक्रम में बोलते हुए कहा, ‘‘प्रत्येक हिन्दू 4 बच्चे पैदा करे, 40 पिल्ले नहीं।’’4 अप्रैल को विहिप के महासचिव चंपत राय ने कहा कि ‘‘हिन्दुओं को ज्यादा बच्चे पैदा करने होंगे, नहीं तो देश पर मुसलमानों का कब्जा हो जाएगा।’’ 7 सितम्बर को विश्व ‘हिदू परिषद के अंतर्राष्ट्रीय कार्यकारी अध्यक्ष प्रवीण तोगडिय़ा ने कहा,  ‘‘हम रोगों के कारण बच्चे पैदा करने में असमर्थ ‘हिदू का इलाज करवा कर उन्हें 4 बच्चे पैदा करने के लिए प्रोत्साहित करेंगे।’’ 

7 जनवरी, 2016 को काशी सुमेर पीठ के शंकराचार्य नरेंद्रानंद सरस्वती महाराज ने परिवार नियोजन का विरोध करते हुए कहा, ‘‘यदि परिवार नियोजन होता तो हम कृष्ण और बलराम की लीला नहीं देख पाते।’’ और अब 30 मई को उन्होंने हिन्दुओं को 10 बच्चे पैदा करने की सलाह देते हुए कहा है कि‘‘जहां-जहां हिन्दुओं की संख्या घटी, वहां-वहां आतंकवाद बढ़ा है। अत: परिवार नियोजन की बात करने वाला मूर्ख है।’’ 
 
‘‘यदि दशरथ परिवार नियोजन अपनाते तो भरत जैसा भाई कैसे मिलता? जो 800 आई.ए.एस.,1800 इंजीनियर और 5200 डाक्टर देशसेवा कर रहे हैं वे अपने मां-बाप की चौथी-पांचवीं संतान हैं। जिनकी 2 से अधिक संतानें हैं, वे उन्हें हमें दे दें। हम उन्हें भारतीय संस्कृति के वाहक बनाएंगे।’’भारतीय धर्म गुरुओं द्वारा अधिक बच्चे पैदा करने संबंधी बयानों की गूंज विदेशों में भी सुनाई देने लगी है और संयोग ही है कि 30 मई को ही तुर्की के राष्ट्रपति व स्वयं 4 बच्चों के पिता तैयप एरदोगन ने कहा,‘‘महिलाएं बच्चा पैदा करने के लिए ही होती हैं। 
 
बच्चे पैदा करना उनका पहला कामऔर ज्यादा से ज्यादा बच्चे पैदा करना मुसलमानों का पवित्र कत्र्तव्य है। मुसलमानों को परिवार नियोजन अपनाने की जरूरत नहीं है। यह अल्लाह का काम है।’’ ऐसे बयान पूर्णत: अप्रासंगिक तथा ‘छोटा परिवार सुखी परिवार’ की सरकार की नीति के भी विपरीत हैं। केवल जनसंख्या बढ़ाकर मजबूती नहीं लाई जा सकती। भारत में जनसंख्या विस्फोट हमारी समस्याओं के अनेक कारणों में से एक है। जनसंख्या बढऩे के साथ-साथ ही बेरोजगारी और गरीबी भी बढ़ती है। 
 
 अत: सबसे पहले तो हमारे संत-महात्माओं को आपस में मिल-बैठकर यह फैसला कर लेना चाहिए कि ङ्क्षहदुओं को कितने बच्चे पैदा करने चाहिएं क्योंकि कोई 4, कोई 8 और कोई 10 बच्चे पैदा करने का आह्वïान कर रहे हैं। दूसरे, आज जमाना बदल चुका है। शिक्षित व्यक्ति चाहे वह किसी भी धर्म का क्यों न हो, अपने बच्चों को उच्च शिक्षा व अच्छी जीवनोपयोगी सुविधाएं उपलब्ध करवाने की खातिर 2 से अधिक बच्चे नहीं चाहता ताकि वे उच्च शिक्षा प्राप्त कर देश के श्रेष्ठï नागरिक बनें और सुखमय तथा सम्मानजनक जीवन बिता सकें।
 
इसीलिए आज पढ़े-लिखे मुस्लिम भी कम बच्चे पैदा कर रहे हंै तथा अब पढ़ी-लिखी महिलाएं भी 2 से अधिक बच्चे पैदा नहीं करना चाहतीं और वैसे भी अधिक बच्चे पैदा करने से महिलाओं के स्वास्थ्य पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ता है। आज समाज को ऐसे बयानों की नहीं बल्कि शिक्षा को बढ़ावा देने तथा परिवार नियोजन के प्रति जनजागरण के प्रयासों की जरूरत है ताकि जनसंख्या विस्फोट पर रोक लगाई जा सके तथा महंगाई, लाकानूनी, बेरोजगारी आदि समस्याओं में और वृद्धि न हो जिनसे पहले ही देशवासियों का जीना दूभर हो रहा है।                           —विजय कुमार 

Related Story

    IPL
    Chennai Super Kings

    176/4

    18.4

    Royal Challengers Bangalore

    173/6

    20.0

    Chennai Super Kings win by 6 wickets

    RR 9.57
    img title
    img title

    Be on the top of everything happening around the world.

    Try Premium Service.

    Subscribe Now!