‘कब ब्रेक लगेगी’ ‘नेताओं के अवांछित बयानों पर’

Edited By ,Updated: 26 Jan, 2021 04:59 AM

when will there be a break on unsolicited statements of politicians

इस समय जबकि देश आंतरिक और बाहरी दोनों ही मोर्चों पर समस्याओं से जूझ रहा है, कुछ नेतागण बिना सोचेे अवांछित बयान देकर हालात को और बिगाड़ रहे हैं जो निम्र चंद ताजा उदाहरणों से...

इस समय जबकि देश आंतरिक और बाहरी दोनों ही मोर्चों पर समस्याओं से जूझ रहा है, कुछ नेतागण बिना सोचेे अवांछित बयान देकर हालात को और बिगाड़ रहे हैं जो निम्र चंद ताजा उदाहरणों से स्पष्ट है :

* 13 जनवरी को भोपाल से सांसद साध्वी प्रज्ञा सिंह ठाकुर (भाजपा) ने  दिग्विजय सिंह (कांग्रेस) द्वारा महात्मा गांधी के हत्यारे नाथू राम गोडसे को ‘आतंकवादी’ कहने के जवाब में ‘अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद’ के समारोह में कहा, ‘‘कांग्रेस ने देशभक्तों को हमेशा गालियां दी हैं।’’ 
* 16 जनवरी को बंगला फिल्म अभिनेत्री तथा तृणमूल कांग्रेस की सांसद नुसरत जहां ने ‘चौबीस परगना’ के मुस्लिम बहुल इलाके में भाषण देते हुए कहा, ‘‘आप लोग अपनी आंखें खोल कर रखें। भाजपा जैसा खतरनाक वायरस घूम रहा है। यह पार्टी धर्म के नाम पर भेदभाव और दंगे करवाती है। यदि भाजपा सत्ता में आई तो मुसलमानों की उलटी गिनती शुरू हो जाएगी।’’ 

* 17 जनवरी को उत्तर प्रदेश सरकार में ‘संसदीय कार्य राज्यमंत्री’ आनंद स्वरूप शुक्ला ने पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी बारे कहा, ‘‘बंगाल विधानसभा के चुनावों के बाद ममता बनर्जी को बंगलादेश में शरण लेनी पड़ेगी। ममता का भारतीयता में कोई विश्वास नहीं है, वह इस्लामी आतंकवादी हैं और बंगलादेश के इशारे पर चल रही हैं।’’ 
* 19 जनवरी को ममता बनर्जी ने कहा, ‘‘भाजपा माओवादियों से भी अधिक खतरनाक है। यह हमारी सभाओं में अव्यवस्था फैलाती है। अब हम भी भाजपा और माकपा की बैठकों में बाधा डालने और हंगामा करने के लिए अपने लोगों को भेजेंगे।’’ 

* 19 जनवरी को तृणमूल कांग्रेस की एक रैली में ‘बंगाल के गद्दारों को गोली मारो*** ***’  नारे लगाए गए। 
* इसके अगले दिन 20 जनवरी को हुगली में भाजपा में शामिल हुए पूर्व मंत्री शुभेंदु अधिकारी की रैली में भाजपा समर्थकों ने ‘‘देश के गद्दारों को...गोली मारो***’’ के नारे लगाए। 
* 20 जनवरी को ही राजस्थान की भाजपा सांसद जसकौर मीणा ने कहा, ‘‘किसान आंदोलन में ए.के. 47 लेकर आतंकवादी बैठे हैं।’’ 

* 20 जनवरी को तृणमूल कांग्रेस के नेता मदन मित्रा ने कहा, ‘‘यदि शुभेंदु अधिकारी जीते तो मैं अपना पंजा काट लूंगा। मैं ईमानदार हूं, गद्दार नहीं।’’
* 22 जनवरी को ‘आल इंडिया युनाईटेड डैमोक्रेटिक फ्रंट’ के चीफ बदरुद्दीन अजमल ने कहा, ‘‘भाजपा दोबारा सत्ता में आई तो मस्जिदों को तबाह कर देगी और मुस्लिम महिलाओं के बुर्के पर भी पाबंदी लगा देगी।’’ 
* 23 जनवरी को तमिलनाडु के ‘धारापुरम’ में राहुल गांधी बोले, ‘‘नागपुर के ‘निक्कर वाले’ कभी भी तमिलनाडु का भविष्य तय नहीं कर सकते। हम नरेंद्र मोदी को भारत की नींव नष्ट नहीं करने देंगे।’’
* 24 जनवरी को भाजपा सांसद साक्षी महाराज ने कहा, ‘‘सुभाष चंद्र बोस को समय से पहले ही काल के गाल में भेज दिया गया। उनकी हत्या कांग्रेस ने ही करवाई थी।’’ 

* 24 जनवरी को ही असम के वरिष्ठ भाजपा नेता और मंत्री हिमंता बिस्वा शर्मा ने कहा, ‘‘कांग्रेस तथा अन्य क्षेत्रीय पाॢटयों का एकमात्र उद्देश्य राज्य में बाबर का शासन लाना है, परंतु जब तक भाजपा के हनुमान यहां मौजूद हैं, तब तक हम राम के आदर्शों के साथ आगे बढ़ते जाएंगे।’’
* 24 जनवरी को तृणमूल कांग्रेस की सांसद महुआ मोयत्रा बोलीं, ‘‘बंदरों के झुंड में ममता दीदी एकमात्र शेरनी हैं।’’
* 25 जनवरी को बलिया से भाजपा विधायक सुरेंद्र सिंह ने कहा, ‘‘ममता बनर्जी के डी.एन.ए. में दोष है। वह राक्षसी प्रवृत्ति की हैं।’’ 

हमारे नेताओं द्वारा इस तरह की बयानबाजी से ही क्षुब्ध होकर हाल ही में दिल्ली हाईकोर्ट ने यह कठोर टिप्पणी की है कि : ‘‘नेताओं को इससे मतलब नहीं है कि लोग परेशान हो रहे हैं। वे अपने राजनीतिक एजैंडे को आगे बढ़ाने के लिए गैर जिम्मेदाराना बयान देने में लगे हैं। अगर ऐसे ही चलता रहा तो हैरानी नहीं होगी कि इसमें शामिल नेताओं को जनता सरेआम पीटना शुरू कर दे।’’निश्चय ही यह टिप्पणी हमारे नेताओं के लिए एक चेतावनी है जिस पर उन्हें अवश्य विचार करना चाहिए।-विजय कुमार

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