Edited By prachi,Updated: 22 Jul, 2018 06:25 PM
बिहार सरकार स्वास्थ्य सुविधाओं को लेकर लाख दावे कर रही है। इसके बावजूद मरीजों को राज्य के अस्पतालों में मूलभूत आवश्यकताएं नहीं मिल पा रही हैं जिसके कारण लोगों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। मानवता को शर्मसार करता और सरकार के स्वास्थ्य...
बेगूसराय: बिहार सरकार स्वास्थ्य सुविधाओं को लेकर लाख दावे कर रही है। इसके बावजूद मरीजों को राज्य के अस्पतालों में मूलभूत आवश्यकताएं नहीं मिल पा रही हैं जिसके कारण लोगों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। मानवता को शर्मसार करता और सरकार के स्वास्थ्य सुविधाओं के दावों की पोल खोलता एक मामला बेगूसराय जिले से सामने आया है।
जानकारी के अनुसार, जिले के नीमाचांदपुरा थाना क्षेत्र के चांदपुरा गांव निवासी बृहस्पति दास की बेटी को शनिवार की देर रात गंभीर अवस्था में सदर अस्पताल में भर्ती करवाया गया। नर्स ने बच्ची को तीन इंजेक्शन लगाए। रविवार की सुबह बच्ची ने पेट में दर्द की शिकायत की। परिजनों ने पेट दर्द की सूचना नर्स को दी और साथ ही डॉक्टर से मिलवाने की बात भी कही। इसी बीच बच्ची ने दर्द से कहराते हुए दम तोड़ दिया।
स्वास्थ्य कर्मियों ने परिजनों को शव को अस्पताल से ले जाने के लिए कह दिया। सदर अस्पताल प्रबंधन द्वारा शव को ले जाने के लिए ना तो शव वाहन की व्यवस्था की और ना ही शव को अस्पताल से बाहर लाने के लिए स्ट्रेचर उपलब्ध करवाया गया। इसके चलते मृतक बच्ची का चाचा मुकेश दास अपनी 12 वर्षीय भतीजी को कंधे पर उठा कर घर ले जाने लगा। जैसे ही यह खबर मीडिया में फैली सदर अस्पताल प्रबंधन ने तुरंत मृतक के परिजनों को शव वाहन उपलब्ध करवाया और बच्ची के शव को घर पहुंचाया गया।