Edited By prachi,Updated: 29 Jun, 2018 07:29 PM
वर्ष 2019 के लोकसभा चुनाव को लेकर बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के अगले राजनीतिक कदम के ‘कयास’ ने न सिर्फ राजग में सरगर्मी बढ़ा दी है बल्कि महागठबंधन के दो अहम घटक राजद और कांग्रेस के सुर भी बिगाड़ दिए हैं। मुम्बई में इलाज करा रहे राजद प्रमुख...
पटनाः वर्ष 2019 के लोकसभा चुनाव को लेकर बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के अगले राजनीतिक कदम के ‘कयास’ ने न सिर्फ राजग में सरगर्मी बढ़ा दी है बल्कि महागठबंधन के दो अहम घटक राजद और कांग्रेस के सुर भी बिगाड़ दिए हैं। मुम्बई में इलाज करा रहे राजद प्रमुख लालू प्रसाद यादव की मिजाजपुरसी के लिए जदयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष एवं मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के फोन पर बात करने की खबर और उससे पहले के कुछ बयानों के कारण उनके अगले राजनीतिक कदम को लेकर कयासों का दौर शुरू हो गया है।
कुमार के अगले राजनीतिक कदम को लेकर जहां राजग के घटक दल थोड़े सशंकित नजर आ रहे हैं वहीं महागठबंधन के दो प्रमुख घटक राजद और कांग्रेस एक दूसरे के खिलाफ खड़े दिख रहे हैं। राजद प्रमुख लालू यादव के छोटे पुत्र तेजस्वी यादव के उस बयान पर कांग्रेस ने कड़ी आपत्ति जताई जिसमें कहा गया था कि नीतीश कुमार के लिए महागठबंधन का दरवाजा बंद है।
कांग्रेस के विधान पार्षद प्रेम चन्द्र मिश्रा ने कहा कि तेजस्वी नेता प्रतिपक्ष के तौर पर अच्छा काम कर रहे हैं लेकिन उन्हें गठबंधन के संबंध में बयान देते समय संयम बरतना चाहिए। गठबंधन में कौन शामिल होगा इसका फैसला कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष राहुल गांधी और राजद के राष्ट्रीय अध्यक्ष करेंगे इसलिए इस मामले में बेवजह की बयानबाजी ठीक नहीं है।