‘ऑस्ट्रेलिया और फेसबुक में लड़ाई’

Edited By Updated: 22 Feb, 2021 05:01 AM

battle in australia and facebook

आस्ट्रेलियाई प्रधानमंत्री मॉरिसन ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को अपने मीडिया कोड के लिए समर्थन बढ़ाने के प्रयासों को व्यापक करने के लिए कहा है जो सामग्री के लिए बड़ा टैक भुगतान करना चाहते हैं। दाव पर क्या लगा है और

आस्ट्रेलियाई प्रधानमंत्री मॉरिसन ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को अपने मीडिया कोड के लिए समर्थन बढ़ाने के प्रयासों को व्यापक करने के लिए कहा है जो सामग्री के लिए बड़ा टैक भुगतान करना चाहते हैं। दाव पर क्या लगा है और आगे क्या छिपा है? जनवरी में गूगल ने आस्ट्रेलिया से अपने सर्च इंजन को हटाने की धमकी दे डाली थी और फेसबुक ने चेतावनी दी थी कि वह समाचार ङ्क्षलक पोस्ट करने या सांझा करने से आस्ट्रेलियाई उपयोगकत्र्ताओं को रोक सकता है। आस्ट्रेलियाई प्रधानमंत्री स्कॉट मॉरिसन ने एक ट्वीट में कहा कि उन्होंने एक दिन पहले मुद्दों को लेकर भारतीय प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी से बात की तथा उन्होंने अपने मीडिया प्लेटफार्म बिल की प्रगति पर भी चर्चा की। 

मॉरिसन ने इंटरनैट दिग्गजों गूगल और फेसबुक को अपने प्लेटफार्म पर प्रकाशित होने वाली समाचार सामग्री के लिए मीडिया कम्पनियों को भुगतान  हेतु बाध्य करने के आस्ट्रेलिया के प्रस्तावित कानून का समर्थन करने के लिए एक वैश्विक कूटनीतिक आक्रामक शुरूआत की है। उन्होंने कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो से भी बात करनी है। 

पहल और पीछे धकेलना : प्रस्तावित कानून, ‘समाचार मीडिया और डिजिटल प्लेटफार्म अनिवार्य सौदेबाजी संहिता बिल 2020’, एक सौदेबाजी कोड को अनिवार्य करता है जिसका उद्देश्य गूगल और फेसबुक को अपनी सामग्री का उपयोग करने के लिए मीडिया कम्पनियों को क्षतिपूर्ति करने के लिए बाध्य करना है। यह कानून भौगोलिक क्षेत्रों में सोशल मीडिया को विनियमित करने में एक मिसाल कायम  करता है और दुनिया भर में इसे बारीकी से देखा जा सकता है। आस्ट्रेलिया की विपक्षी लेबर पार्टी ने बुधवार को हाऊस ऑफ रिप्रैजैंटेटिव में विधेयक का समर्थन किया जिससे सीनेट को मंजूरी देने और संभवत: जल्द ही कानून बनाने का मार्ग प्रशस्त हुआ है। इस बीच यहां तक कि गूगल ने रूपर्ट मर्डोक के न्यूज कार्प, फेसबुक से एक समझौते पर हस्ताक्षर किए हैं। इसके आस्ट्रेलिया में 17 मिलियन यूजर्स हैं। 

वीरवार को फेसबुक पोस्ट पर मॉरिसन ने बड़ी तकनीकी फर्मों के बारे में लिखा कि, ‘‘वे दुनिया को बदल सकते हैं लेकिन इसका मतलब यह नहीं है कि उन्हें इसे चलाना चाहिए। हम बिग टैक द्वारा धमकाने के इस कृत्य से भयभीत नहीं होंगे और संसद पर दबाव बनाने की कोशिश कर रहे हैं क्योंकि यह हमारे महत्वपूर्ण समाचार मीडिया सौदेबाजी संहिता पर वोट देता है।’’ उन्होंने आगे लिखा कि हम अन्य राष्ट्रों के नेताओं के साथ नियमित रूप से सम्पर्क में हैं। हम भयभीत नहीं होंगे। वैसे ही जब एमेजॉन ने देश को छोडऩे की धमकी दी थी और आस्ट्रेलिया ने अन्य देशों को एक साथ लाकर सोशल प्लेटफार्म पर आतंकवाद सामग्री के प्रकाशन से निपटने के लिए आकर्षित किया था। 

आस्ट्रेलिया का विधान : 2017 में आस्ट्रेलियाई प्रतिस्पर्धा और उपभोक्ता आयोग (ए.सी.सी.सी.) ने प्रमुख डिजिटल प्लेटफार्मों और मीडिया व्यवसायों के बीच बातचीत को संबोधित करने के उद्देश्य से एक स्वैच्छिक कोड की सिफारिश की थी। इन सिफारिशों के आधार पर आस्ट्रेलियाई सरकार ने 2019 में विभिन्न हितधारकों और ए.सी.सी.सी. को इस स्वैच्छिक कोड को विकसित करने के लिए कहा था। हालांकि अप्रैल 2020 में ए.सी.सी.सी. ने बताया कि व्यवसायों के स्वैच्छिक रूप से एक समझौते पर पहुंचने की संभावना नहीं थी। सरकार ने तब इसे एक अनिवार्य कोड का मसौदा तैयार करने के लिए कहा था। मसौदा कानून पिछली जुलाई में जारी किया गया था और सरकार ने बाद में कुछ महत्वपूर्ण संशोधनों को करने के बाद विधेयक पेश किया। 

गूगल और फेसबुक को मीडिया कम्पनियों के साथ भुगतान वार्ता में प्रवेश करने के प्रावधान की आवश्यकता है। यदि कोई समझौता नहीं हुआ तो एक मध्यस्थ को बाध्य होना चाहिए या उसे भारी जुर्माने का सामना करना चाहिए। छोटे प्रकाशकों के लिए मध्यस्थ महत्वपूर्ण माना जाता है जो प्लेटफार्मों के साथ एक बातचीत का सामना कर सकता है। गूगल अब पीछे हट गया है मगर दोनों कम्पनियों का मूल तर्क यह है कि मीडिया उद्योग पहले से ही डिजिटल प्लेटफार्म द्वारा उनके लिए  लाभान्वित हो रहा था और प्रस्तावित नियम इंटरनैट कम्पनियों को वित्तीय और परिचालन जोखिम के असहनीय खतरों को उजागर करेंगे। मीडिया बाजार ने यह रिपोर्ट दी थी कि फेसबुक की योजना अपने न्यूज टैब फीचर (अमरीका में 2019 से ही उपलब्ध है) को शुरू करने की है जिसके लिए वह ‘द गार्डियन’, ‘द इकोनॉमिस्ट’ तथा ‘द इंडीपैंडैंट’ के साथ संभावित गठजोड़ कर सकता है। 

वहीं गूगल अपने समाचार वाले प्लेटफार्म ‘गूगल न्यूज शोकेज’ का प्रस्ताव भी रख रहा है। इन दोनों प्लेटफार्मों का मुख्य लक्ष्य न्यूज आऊटलैट्स के साथ भुगतान सौदों को अंतिम रूप देना है। गूगल ने कहा कि न्यूज शोकेज जिसमें स्टोरी पैनल के माध्यम से भाग लेने वाले प्रकाशकों के पैकेज और कहानियां शामिल होंगी व गूगल के न्यूज प्रोडक्ट्स के भीतर प्रकट होंगे। गूगल के न्यूज प्रोडक्ट्स के एक दर्जन देशों में 450 पब्लिकेशन्स हैं। वास्तव में आस्ट्रेलिया में यह लड़ाई उस स्थान पर केन्द्रित है कि कम्पनियां अपनी भुगतान प्रक्रिया को कायम रखने के लिए किस तरह नियंत्रण करेंगी।-प्रणव मुकुल,अनिल ससी

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