निजी क्षेत्र का ‘जी.वी.के. थर्मल प्लांट’ खरीदने का पंजाब सरकार का ऐतिहासिक फैसला

Edited By ,Updated: 04 Jan, 2024 06:12 AM

gvk  punjab government s historic decision to buy  thermal plant

पंजाब ने सदैव ही विभिन्न क्षेत्रों में अपना नाम कमाया है और नए-नए मील-पत्थर रख कर पंजाब का नाम राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर रोशन किया है। वर्ष 2024 के शुभ आगमन पर पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान ने ईमानदारी और दृढ़ हौसले को जारी रखते हुए निजी...

पंजाब ने सदैव ही विभिन्न क्षेत्रों में अपना नाम कमाया है और नए-नए मील-पत्थर रख कर पंजाब का नाम राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर रोशन किया है। वर्ष 2024 के शुभ आगमन पर पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान ने ईमानदारी और दृढ़ हौसले को जारी रखते हुए निजी क्षेत्र के जी.वी.के. थर्मल प्लांट गोइंदवाल साहिब को 1080 करोड़ रुपए में खरीद कर एक नया इतिहास बनाया है। इस थर्मल प्लांट का नाम तीसरे गुरु साहिब के नाम पर श्री गुरु अमरदास थर्मल पावर प्लांट रखा गया है और यह प्लांट पंजाब का अपना तीसरा थर्मल प्लांट होगा। जी.वी. के. थर्मल प्लांट से वर्ष 2016 से 2023 तक पंजाब के बिजली उपभोक्ताओं के लिए 11165 मिलियन यूनिट बिजली खरीदी गई। इसके लिए पावरकॉम की ओर से 7902 करोड़ रुपए का भुगतान भी किया गया। 

उल्लेखनीय है कि पंजाब सरकार की ओर से निजी क्षेत्र का जी.वी.के. थर्मल प्लांट गोइंदवाल साहिब और पंजाब के अन्य राज्यों के इतिहास में पहला थर्मल प्लांट है जो किसी प्रदेश की सत्ताधारी सरकार की ओर से निजी क्षेत्र का थर्मल प्लांट खरीदा गया हो। पंजाब स्टेट पावर कार्पोरेशन लिमिटेड (पी.एस.पी.सी.एल.) द्वारा यह थर्मल प्लांट सबसे कम कीमत पर किया गया समझौता है। यह भी उल्लेखनीय है कि 600 मैगावाट की सामथ्र्य वाले कोरबा वैस्ट जोकि वर्ष 2019 में 3 करोड़ रुपए प्रति मैगावाट, झाबुआ पावर एन.टी.पी.सी. की ओर से वर्ष 2022 में 3.18 करोड़ रुपए प्रति मैगावाट और वर्ष 2023 में लैंको अमरकंटक जैसे पावर प्लांट 3.03 करोड़ रुपए प्रति मैगावाट क्रमवार 1804 और 1910 करोड़ रुपए  व 1818 करोड़ रुपए में खरीदे गए। इसके अतिरिक्त वर्ष 2023 में 700 मैगावाट की सामथ्र्य वाला इंड बर्थ उत्कल थर्मल प्लांट 3.07 करोड़ रुपए प्रति मैगावाट के साथ खरीदा गया। 

उल्लेखनीय है कि पी.एस.पी.सी.एल. की ओर से 540 मैगावाट की सामथ्र्य वाला जी.वी.के. थर्मल प्लांट गोइंदवाल साहिब 2 करोड़ रुपए प्रति मैगावाट के हिसाब से खरीदा गया है। यह भी पता चला है कि वर्तमान समय में नए थर्मल प्लांट से बिजली की पैदावार की लागत 8.50 करोड़ रुपए प्रति मैगावाट आती है। इस थर्मल प्लांट के खरीदने से पंजाब में बिजली की दर में प्रति यूनिट 1 रुपए की कटौती करने में मदद मिलेगी जिससे 300 से 350 करोड़ रुपए की वार्षिक बचत होगी। इसके साथ गोइंदवाल साहब के साथ लगते क्षेत्रों में रहते नागरिकों का आर्थिक विकास भी होगा। इससे पंजाब के बिजली उपभोक्ताओं को राहत भी मिलेगी। इस थर्मल प्लांट से पंजाब के नौजवानों के लिए रोजगार मिलेगा जिससे पंजाब में विकास की अन्य संभावनाएं बढ़ेंगी जिससे राज्य की और तरक्की होगी और खुशहाली आएगी। 

पछवाड़ा कोयला खान जोकि पहले ही पंजाब के लिए वरदान साबित हुई है, इस खान का कोयला सिर्फ सरकारी बिजली प्लांटों के लिए इस्तेमाल में लाया जा सकता है। पंजाब की ओर से इस थर्मल प्लांट की खरीद के साथ अब पछवाड़ा कोयला खान के कोयले से इस थर्मल प्लांट से बिजली की पैदावार होगी। जी.वी.के. थर्मल प्लांट का इस्तेमाल औसतन 34 प्रतिशत रहा है। पछवाड़ा कोयला खान के कोयले के साथ पी.एस.पी.सी.एल. इस थर्मल प्लांट की क्षमता को 75 से 80 प्रतिशत बढ़ा सकता है जिससे पंजाब की अर्थव्यवस्था और मजबूत होगी। 

पी.एस.पी.सी.एल. ने 11 अन्य कम्पनियों के मुकाबले में इसे खरीद लिया था। पावरकाम ने जी.वी. के. थर्मल प्लांट को 1080 करोड़ रुपए में खरीदा जिसे राष्ट्रीय कंपनी लॉ ट्रिब्यूनल, हैदराबाद की ओर से स्वीकृति दी गई है। 10 निजी कंपनियों के पास कोयले का कोई प्रबंध नहीं था। पछवाड़ा कोयला खान एक बार फिर से पंजाब के लिए लाभदायक सिद्ध हो गई है। पी.एस.पी.सी.एल. की ओर से इस थर्मल प्लांट से संबंधित सभी अदालती केस खत्म हो जाएंगे। इस थर्मल प्लांट की 1100 एकड़ जमीन में से 700 एकड़ जमीन इस्तेमाल में है। बाकी की 400 एकड़ जमीन थर्मल प्लांट की भविष्य में बिजली की पैदावार बढ़ाने के लिए इस्तेमाल में लाई जा सकती है। पावरकॉम के इंजीनियरों के संगठन की ओर से पंजाब सरकार के इस फैसले का स्वागत किया गया है।-मनमोहन सिंह(उपसचिव लोकसंपर्क, पी.एस.पी.सी.एल.)
 

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