नहीं भूलता मुझे वह ‘दिन’

Edited By ,Updated: 26 Jan, 2020 01:49 AM

i dont forget that day

मुझे याद आ गया है अभी सुबह हुई ही थी, फिर भी मैं करवटें बदल रहा था। बारली फील्ड हाऊस नं. 26 के बाहर खड़ा हूं। सुनसान सड़क सांप की जीभ जैसे दिखाई दे रही है। आज मुझे किसी के घर पर ब्रेकफास्ट के लिए जाना है। मुझे बुलाने वाले ने यह आग्रह किया था कि आप...

मुझे याद आ गया है अभी सुबह हुई ही थी, फिर भी मैं करवटें बदल रहा था। बारली फील्ड हाऊस नं. 26 के बाहर खड़ा हूं। सुनसान सड़क सांप की जीभ जैसे दिखाई दे रही है। आज मुझे किसी के घर पर ब्रेकफास्ट के लिए जाना है। मुझे बुलाने वाले ने यह आग्रह किया था कि आप जल्दी आ जाना, फिर मुझे काम पर जाना है। बुलाने वाले का घर करीब आधे घंटे की दूरी पर स्थित है। सुबह-सुबह मुझे भूख नहीं लगती। 

मैं खड़ा-खड़ा यह सोच रहा हूं कि मैं मेजबान को यह कहूंगा कि मैं सुबह-सुबह चाय के साथ बिस्कुट ले लूंगा। ये मास्टर लोग भी अजीब लोग हैं। यदि चुस्ती दिखाते हैं तब जवाब नहीं देते। और जब सुस्ती मारते हैं तब भी कोई जवाब नहीं देते पर वह एक अच्छा इंसान है जो मेरे साथ हर जगह चला जाता है। मास्टर हरचरण सिंह पगड़ी बांध रहे हैं। जब मैं बाहर आया तो आधी रात अभी बाकी थी। वह  बोले-आ गए आ गए, चलो अच्छा हुआ। मास्टर जी ने कार स्टार्ट की तब अपने आप ही रेडियो चल पड़ा। अंग्रेजी में गोरी महिलाओं की खबरें सुन कर मास्टर परेशान सा हो गए। एकदम ही वह बोलने लग पड़े ओह! ओह..ओह माई गॉड...वैरी बैड। मैंने पूछा क्या हुआ मास्टर जी मुझे भी तो बताओ। वह बोले ठहरो-ठहरो, मुझे सुनने दो। उन्होंने अपने मुंह पर उंगली रखी और मुझे चुप करने का इशारा किया। 

कोई अपना बच्चा ढूंढ रहा था तो कोई पत्नी पति को
खबरें इतनी गर्मागर्म थीं कि सुनते ही आग लग जाए। वह बोले चलो उतरो, घर चलें। हम कार से उतरे। मुझे अभी भी पता नहीं चल रहा था कि आखिर हुआ क्या है? बस इतना समझ सका कि कोई  बड़ा हादसा हुआ है। मास्टर जी ने झट से टी.वी. ऑन किया। वह बोले टी.वी. चीख-पुकार कर बोल रहा है। अच्छी-भली सुबह हुई थी कि एकदम सा अंधेरा छा गया। टी.वी. दिखा रहा है कि कैसे गगनचुम्बी इमारतों पर तीरों की तरह विमान टकराया। वे देखते ही देखते धराशायी हो गईं। 

आग की ऊंची-ऊंची लपटें उठीं और सब इमारतें धुएं से घिर गईं। सीमैंट से बने बैंच के नीचे दुबका एक पंछी जो इस कदर उदास है जैसे दुनिया भर के पंछियों का आसमान छीन लिया गया हो। गोरे पत्रकारों के कैमरों की आंख इतनी तेज है कि उन्होंने पल भर में यह सब अपने कैमरे में कैद कर लिया। जब आसमान ही नहीं रहा तो वे उड़ान कहां भरेंगे। सारा अमरीका ही जैसे हिल गया हो। टोरंटो में सायरन गूंज रहे हैं। पुलिस की गाड़ियां इधर-उधर घूम रही हैं। प्रत्येक टी.वी. चैनल पर यही कुछ दिखाया जा रहा है। घर के किसी व्यक्ति की तरह टी.वी. रोता है और चुप नहीं करता है। टी.वी. पर मारे गए अनगिनत लोग दिखाई दे रहे हैं तथा जान बचाने के लिए भी लोग भाग रहे हैं। चीखो-पुकार हर तरफ सुनाई दे रही है। 

कोई अपना बच्चा ढूंढ रहा है तो कोई पत्नी पति को ढूंढ रही है। कहीं कोई प्रेमिका अपने प्रेमी को ढूंढ रही है। कहीं कोई बेटा अपनी मां को ढूंढ रहा है और मदद की गुहार लगा रहा है। कोई सोता ही रह गया। और कोई चलता-चलता मौत की नींद सो गया। मेरी आंखें आंसुओं में डूब गईं। मन भर गया। फोन की घंटी के स्वर भी कहीं गुम हो चुके थे। बहुत दुखभरी घटना हो गई। सारी दुनिया के विमान रुक गए। आतंकियों का क्या पता होता है कि वे किधर को चल पड़ें। सारा का सारा कनाडा चौकस हो गया। 

सभी ओर पुलिस की पूछताछ शुरू हो गई। टेक केयर मैं काम पर जा रहा हूं, यह कह कर मास्टर जी चले गए। सोचता हूं कि अपना वतन ही अच्छा है। वापसी कर लूं। सायरन की डरावनी तथा दुखभरी आवाज मुझ से बर्दाश्त नहीं हो रही। विमान बंद हो चुके हैं और मन करता है कि कोई रेल ही मेरे वतन को जाती हो और मैं उसमें बैठ जाऊं। गांव में फोन करने को मेरा दिल कर आया। और आखिरकार मैं कमरे में सोने के लिए चल पड़ा। मैं कनाडा में हूं पर मुझे नींद नहीं आई और आंखों के सामने अमरीका का 11 सितम्बर, 2001 का दिन घूमने लगा।-मेरा डायरीनामा निंदर घुगियाणवी 
 

Let's Play Games

Game 1
Game 2
Game 3
Game 4
Game 5
Game 6
Game 7
Game 8

Trending Topics

IPL
Royal Challengers Bengaluru

190/9

20.0

Punjab Kings

184/7

20.0

Royal Challengers Bengaluru win by 6 runs

RR 9.50
img title
img title

Be on the top of everything happening around the world.

Try Premium Service.

Subscribe Now!