Op Sindoor: CDS अनिल चौहान का बड़ा बयान, तीनों स्तर पर सेना तैयार.. ऑपरेशन सिंदूर अभी भी है जारी

Edited By Updated: 25 Jul, 2025 03:25 PM

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चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ (CDS) जनरल अनिल चौहान ने ऑपरेशन सिंदूर को लेकर बड़ा बयान दिया है। उन्होंने कहा कि ऑपरेशन सिंदूर अभी भी जारी है और देश की सैन्य तैयारियों का स्तर बहुत ऊंचा होना चाहिए।

नेशनल डेस्क: चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ (CDS) जनरल अनिल चौहान ने ऑपरेशन सिंदूर को लेकर बड़ा बयान दिया है। उन्होंने कहा कि ऑपरेशन सिंदूर अभी भी जारी है और देश की सैन्य तैयारियों का स्तर बहुत ऊंचा होना चाहिए। जनरल चौहान ने कहा कि तैयारियां ऐसी होनी चाहिए कि देश की सेना चौबीसों घंटे और पूरे 365 दिन पूरी तरह मुस्तैद रहे। यह बात उन्होंने राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में आयोजित एक रक्षा संगोष्ठी के दौरान कही।

सीडीएस ने आगे बताया कि युद्ध के बदलते परिदृश्यों में भविष्य के सैनिक को सूचना, तकनीक और युद्ध कौशल का ऐसा समन्वय रखना होगा जो उसे सच्चे वॉरियर के रूप में तैयार करे। उन्होंने कहा कि सेना के लिए ‘शस्त्र’ यानी युद्ध और ‘शास्त्र’ यानी ज्ञान दोनों का होना आवश्यक है।

तीनों स्तर पर दक्षता जरुरी
जनरल अनिल चौहान ने आधुनिक युद्ध की बदलती रणनीतियों पर भी चर्चा की। उन्होंने कहा कि आज की लड़ाइयां पारंपरिक सीमाओं तक सीमित नहीं हैं, बल्कि ये पारदर्शी, तीव्र, बहु-क्षेत्रीय और तकनीकी रूप से अत्यंत जटिल हो चुकी हैं। उन्होंने इस बदलाव को तीसरी सैन्य क्रांति बताया और कहा कि आज का युद्ध केवल बंदूक और टैंक तक सीमित नहीं रह गया है।

सीडीएस के अनुसार, आज के सैनिक को सामरिक, परिचालन और रणनीतिक तीनों स्तरों पर दक्ष होना आवश्यक है। साथ ही, थल, जल, वायु के साथ साइबर और कॉग्निटिव वारफेयर जैसे नए युद्धक्षेत्रों में भी सक्षम होना होगा। यह युग ऐसा है जहां ड्रोन हमले, साइबर अटैक, नैरेटिव वार और अंतरिक्ष में बाधाएं एक-दूसरे से जुड़ी हुई हैं।

‘कन्वर्जेंस वॉरफेयर’ का जिक्र
जनरल चौहान ने ‘कन्वर्जेंस वॉरफेयर’ शब्द का इस्तेमाल करते हुए बताया कि काइनेटिक (पारंपरिक) और नॉन-काइनेटिक (डिजिटल) युद्ध अब आपस में पूरी तरह मेल खा गए हैं। पहली और दूसरी पीढ़ी के युद्ध अब तीसरी पीढ़ी के साइबर और AI आधारित युद्ध के साथ सम्मिलित हो चुके हैं।

‘हाइब्रिड वॉरियर’ का मतलब समझाया
सीडीएस ने भविष्य के ‘हाइब्रिड वॉरियर’ की परिकल्पना भी पेश की। ऐसे योद्धा जो सीमा पर लड़ सकेंगे, रेगिस्तान में रणनीति बना सकेंगे, शहरी इलाकों में काउंटर-इंसर्जेंसी ऑपरेशन कर सकेंगे, ड्रोन और साइबर हमलों का मुकाबला कर सकेंगे और प्रभावशाली सूचना अभियान भी चला सकेंगे। जनरल चौहान ने कहा कि आने वाले समय में तीन प्रकार के योद्धाओं की जरूरत होगी टेक वॉरियर्स, इंफो वॉरियर्स और स्कॉलर वॉरियर्स।

जहां टेक वॉरियर्स AI और साइबर ताकत का उपयोग करेंगे, वहीं इंफो वॉरियर्स नैरेटिव्स का निर्माण करेंगे और फर्जी सूचनाओं का मुकाबला करेंगे। स्कॉलर वॉरियर्स रणनीति और युद्ध विज्ञान की गहरी समझ के साथ निर्णायक भूमिका निभाएंगे। सीडीएस के अनुसार, भविष्य के युद्धों में सैनिकों के लिए इन तीनों भूमिकाओं में दक्षता अनिवार्य होगी। यही आधुनिक युद्ध की नई परिभाषा है।

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