क्या अमरीकी मध्यावधि चुनाव गेमचेंजर होंगे

Edited By ,Updated: 07 Nov, 2022 06:41 AM

will the us midterm elections be a game changer

8 नवम्बर को होने वाले अमरीकी मध्यावधि चुनाव राष्ट्रीय राजनीति के परिदृश्य को एक नया आकार देंगे। विशेष तौर पर तब यदि नतीजे हाऊस ऑफ रिप्रैंजेंटेटिव्स का नियंत्रण डैमोक्रेट से रिपब्लिकन

8 नवम्बर को होने वाले अमरीकी मध्यावधि चुनाव राष्ट्रीय राजनीति के परिदृश्य को एक नया आकार देंगे। विशेष तौर पर तब यदि नतीजे हाऊस ऑफ रिप्रैंजेंटेटिव्स का नियंत्रण डैमोक्रेट से रिपब्लिकन के पास चला जाता है। यह चुनाव हाऊस ऑफ रिप्रैंजेंटेटिव्स में 435 सीटों के लिए होगा तथा सीनेट में 100 सीटों की एक-तिहाई 35 सीटों से ज्यादा पर होगा। इसके अलावा कुछ स्थानीय चुनाव भी होने हैं। 

नतीजों के विशलेषण करने के दौरान एक महत्वपूर्ण कारक दिमाग में रखना होगा कि 2020 के जनमत संग्रह के बाद एक प्रमुख पुनर्वितरण प्रक्रिया आयोजित की गई थी जिसके नतीजे में राज्य प्रशासन द्वारा वोटिंग जिलों की सीमाओं का फिर से निर्धारण किया गया था। इसके बाद कुछ आरोप भी सामने आए थे। कुछ मामलों के तहत सत्ताधारी पार्टी के पक्ष में न रहने वाले कुछ जिलों में जानबूझ कर बहुमत को कमजोर किया गया था। 

मध्यावधि चुनाव डैमोक्रेट्स के लिए बड़ी हिस्सेदारी पेश करते हैं जिनका कांग्रेस तथा व्हाइट हाऊस में जोरदार तरीके से नियंत्रण है। प्रवेक्षक सुझाते हैं कि ऐसा जोखिम है कि हाऊस में वे अपना बहुमत खो देंगे। इस संदर्भ में एक प्रासंगिक तथ्य यह है कि  व्हाइट हाऊस पर नियंत्रण न रखने वाली पार्टी को हाऊस झटका देता है। डोनाल्ड ट्रम्प, बराक ओबामा तथा जॉर्ज डब्ल्यू. बुश जैसे तीन पूर्व राष्ट्रपतियों के दौरान ऐसा हो चुका है। प्रवेक्षकों का कहना है कि मध्यावधि चुनाव आमतौर पर वर्तमान राष्ट्रपति के लिए एक जनमत संग्रह साबित होंगे। अमरीका भर में डैमोक्रेटिक मतदाता चुनाव के दिन भारी मात्रा में जुटेंगे। 

यह भी अस्पष्ट है कि सीनेट चुनावों के बाद किसकी ओर झुकेगी। दूसरा कारक यह है कि चुनावी नतीजों पर पुनर्वितरण का असर पड़ेगा। कैपिटोल बिल्डिंग पर डोनाल्ड ट्रम्प के कथित समर्थकों के धावे तथा दंगों का भी इन चुनावों पर असर पड़ सकता है। अमरीकियों में ‘ट्रम्पवाद’ का समर्थन अभी भी कायम है।  8 नवम्बर को जिस किसी पार्टी को भी चुनावी फायदा होता है वह इस तथ्य को नहीं बदल सकती कि पूरे विश्व के साथ-साथ अमरीका भी आर्थिक तौर पर एक बुरे दौर से गुजर रहा है। 

इस पर कोविड-19 महामारी का प्रभाव अभी भी देखा जा सकता है जिसने व्यावसायिक गतिविधियों तथा वैश्विक सप्लाई चेन को बाधित कर रखा है। दूसरी ओर देखें तो यूक्रेन पर रूसी हमले ने भी आर्थिक व्यवस्था को अस्त-व्यस्त कर रखा है। इसके अलावा एक साधारण अमरीकी को अपराध, आव्रजन , पर्यावरण बदलाव के साथ-साथ प्रजनन अधिकारों  से भी जूझना पड़ रहा है। हालांकि हाल के महीनों में बेरोजगारी की दर में तेजी से गिरावट आई है मगर अर्थव्यवस्था को मंदी ने घेर रखा है। खाद्य तथा ऊर्जा से संबंधित समस्याओं ने घरेलू खर्चे की लागत को और आगे धकेल रखा है। 

हाल के महीनों में अमरीकी राष्ट्रपति जो बाइडेन ने अपने कार्यालय में बहुत अच्छी तरह से कार्य नहीं किया है। अब उन्हें इन जटिल नीति संबंधित चुनौतियों से निपटना होगा। ऐसा भी लगता है कि मध्यावधि चुनावों के नतीजे वाशिंगटन में गतिरोध बढ़ाएंगे यदि हाऊस रिपब्लिकन पार्टी को मिल जाता है।

इस परिदृश्य में व्हाइट हाऊस को शायद अपने एजैंडे को लेकर समझौता करने के लिए बाध्य होना पड़े। इसके साथ-साथ उसे विपक्ष के साथ भी समझौतों में कटौती करनी पड़े जिसके चलते अर्थव्यवस्था के लिए इसकी वास्तविक नीति को और कमजोर होना पड़ सकता है। मतदाताओं की पसंद को अन्य महत्वपूर्ण मुद्दे भी प्रभावित कर सकते हैं जिसमें से यूक्रेन के प्रति अमरीकी नीति शामिल है। इसके साथ-साथ आपराधिक न्याय प्रणाली, अमरीकी लोकतंत्र की गुणवत्ता तथा पक्षपातपूर्ण संघर्ष का निरंतर कायम रहना भी शामिल है। यूक्रेन को लेकर अमरीकी राष्ट्रपति जो बाइडेन के नेतृत्व में अमरीका यूरोप में अपने सहयोगियों के साथ मजबूती से खड़ा है।

अमरीका चाहता है कि रूसी क्षेत्रीय विस्तार के खिलाफ कीव की मदद की जाए। इसके विपरीत केविन मैकार्थी जैसे कुछ रिपब्लिकन अमरीकी कांग्रेस के खिलाफ हैं। यूक्रेन को अमरीकी मदद के लिए उन्होंने इसे एक यूक्रेन को दिया जाने वाला ‘ब्लैंक चैक’ बताया है। न्यायिक नियुक्तियों की बात करें तो बाइडेन ने अभी तक 75 के करीब जजों को नामांकित करने में सफलता हासिल की है जोकि ट्रम्प तथा ओबामा के राष्ट्रपति कार्यकालों के दौरान की गई नियुक्तियों से ज्यादा है। डैमोक्रेट्स के लिए इस प्रकार की प्रगति थम सकती है यदि हाऊस रिपब्लिकन के पक्ष में चला जाता है जो व्हाइट हाऊस के सभी नामांकनों को ब्लाक कर सकते हैं। 

अंतत: यदि रिपब्लिकन हाऊस पर अपना कब्जा कर लेते हैं तो इससे ट्रम्प द्वारा समर्थित उम्मीदवार आगे बढ़ेंगे जिन्होंने कि 2020 के राष्ट्रपति चुनाव के नतीजों की वैधता को नकारा था। इसके अलावा लोअर चैंबर द्वारा बाइडेन के व्हाइट हाऊस के व्यवहार के लिए जांचों के द्वार भी खोल दिए जाएंगे। क्या यह मध्यावधि चुनाव अमरीका के लिए गेमचेंजर साबित होंगे?-नारायण लक्ष्मण

IPL
Chennai Super Kings

176/4

18.4

Royal Challengers Bangalore

173/6

20.0

Chennai Super Kings win by 6 wickets

RR 9.57
img title
img title

Be on the top of everything happening around the world.

Try Premium Service.

Subscribe Now!