कोरोना के खिलाफ ‘योगी मॉडल’

Edited By ,Updated: 13 Apr, 2020 02:57 AM

yogi against corona

कोरोना से लड़ाई में उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री आदित्यनाथ उसी तरीके से जुटे दिख रहे हैं जैसे एक समय वह पूर्वांचल की सबसे बड़ी महामारी इंसेफेलाइटिस से जूझ रहे थे। योगी जिस तरीके से फैसले ले रहे हैं, कमजोर वर्गों के लिए घोषणाएं कर रहे हैं, लॉकडाऊन ...

कोरोना से लड़ाई में उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री आदित्यनाथ उसी तरीके से जुटे दिख रहे हैं जैसे एक समय वह पूर्वांचल की सबसे बड़ी महामारी इंसेफेलाइटिस से जूझ रहे थे। योगी जिस तरीके से फैसले ले रहे हैं, कमजोर वर्गों के लिए घोषणाएं कर रहे हैं, लॉकडाऊन तोडऩे वालों से सख्ती कर रहे हैं, वह देशभर में एक मॉडल बन रहा है। 

एक वक्त था जब गोरखपुर से लेकर पूर्वांचल और बिहार के मासूमों के लिए इंसेफेलाइटिस यमदूत बनकर माताओं की कोख सूनी कर रहा था। तमाम सरकारें आईं और गईं लेकिन महामारी बन चुकी इंसेफेलाइटिस पर कोई प्रभावी अंकुश नहीं लगा। योगी आदित्यनाथ ने सत्ता संभालते ही सबसे पहले इंसेफेलाइटिस के खिलाफ एक जंग छेड़ दी। जिस तरह जंग से पहले एक रणनीति तैयार होती है ठीक उसी तरह योगी आदित्यनाथ ने भी एक रणनीति तैयार की। यह रणनीति थी ‘संघे शक्ति’। यानी सरकार के सभी विभाग मिलकर इस महामारी से एक साथ जंग लड़ेंगे। 

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने एक ऐसी टीम गठित की जो लखनऊ के पंचम तल से लेकर पूर्वांचल के छोटे कस्बे में खड़ी नजर आई। नतीजा बड़ा ही सकारात्मक रहा, इंसेफेलाइटिस हारा और टीम योगी जीती। आज कोरोना वैश्विक महामारी का रूप धारण कर चुका है ऐसे में देश और दुनिया की सरकारें अपने नागरिकों को बचाने तथा हर तरह की सुविधाएं देने के लिए अपने-अपने स्तर पर हर तरह के कार्य कर रही हैं। पूरी दुनिया कोरोना से जंग लड़ रही है। इस दरम्यान देश के सबसे बड़े राज्य उत्तर प्रदेश के मुखिया योगी आदित्यनाथ एक योद्धा की तरह दिन-रात 24 घंटे इस जंग के खिलाफ डट गए। उन्होंने प्रदेश के चुनिंदा 11 वरिष्ठ अधिकारियों की एक टीम बनाकर हर व्यक्ति तक सरकार की पहुंच को यकीनी बनाया। 

टीम-11 के हर एक सदस्य ने अपने स्तर पर टीम-11 तैयार की। यह टीम प्रदेश के शीर्ष यानी पंचम तल से लेकर जिले के कस्बे तक में तैयार हो गई जिससे मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की रणनीति का लाभ अंतिम पायदान पर खड़े व्यक्ति तक पहुंचा। एक तरफ जहां मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ टीम-11 के साथ प्रतिदिन अपने आवास पर समीक्षा बैठक कर कोरोना से निपटने के लिए अधिकारियों को आदेश-निर्देश दे रहे थे, वहीं योगी स्वयं ग्राऊंड पर भी उतर आए। उन्होंने प्रदेश के सबसे ज्यादा संक्रमित जिले नोएडा (गौतमबुद्ध नगर) पहुंच कर अधिकारियों का बेहतर कार्य करने के लिए हौसला बढ़ाया तो लापरवाही बरतने वाले जिलाधिकारी को हटाने का कार्य भी किया। 

मुख्यमंत्री योगी यहीं रुकने वाले नहीं थे, उन्होंने लखनऊ में एस.जी.पी. जी.आई. का दौरा कर कोविड-19 से लडऩे के लिए बनाए गए अस्पताल और आइसोलेशन वार्ड  का भी निरीक्षण किया। कम्युनिटी किचन जाकर स्वयं मुआयना किया कि भोजन की पर्याप्त व्यवस्था हो रही है कि नहीं। एक तरफ जहां सभी लोग अपने घरों में खुद को सुरक्षित महसूस कर रहे थे, वहीं मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ लखनऊ-आगरा एक्सप्रैस-वे पर पैदल ही घर वापस आ रहे मजदूरों से बातचीत करने मोहान स्थित टोल प्लाजा पहुंच गए। 

दिल्ली से जब उत्तर प्रदेश और बिहार के मजदूरों को भगा कर उत्तर प्रदेश की सीमा में धकेल दिया गया तो मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ द्रवित हो उठे। उन्होंने रात भर जागकर करीब 3 लाख मजदूरों को बसों द्वारा उनके गंतव्य तक पहुंचाया। उन्होंने इस संकट की घड़ी में प्रदेश की 23 करोड़ जनता तक अपनी पहुंच बनाकर हर जरूरतमंद को सभी सुविधाएं मुहैया करवाईं। मुख्यमंत्री को हर गांव-हर कस्बे के प्रत्येक व्यक्ति को लेकर चिंता है इसलिए वह प्रतिदिन प्रदेश के सभी जिलाधिकारियों, मंडलायुक्तों और पुलिस अधिकारियों से वीडियो कांफ्रैंसिंग के जरिए संवाद स्थापित कर उन्हें लगातार आवश्यक दिशा-निर्देश जारी कर रहे हैं। 

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और उनकी टीम-11 के अथक प्रयास का सकारात्मक परिणाम रहा कि उत्तर प्रदेश में कोरोना के फैलने की गति कम रही। लेकिन दिल्ली से वापस आए तब्लीगी जमातियों के कारण अचानक कोरोना पॉजीटिव के केस बढऩे लगे जिसे गंभीरता से लेते हुए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने अधिकारियों को तब्लीगी जमातियों से सख्ती से निपटने के निर्देश दिए। यही नहीं, प्रदेश सरकार इन तब्लीगी जमातियों को क्वारंटाइन कर रही है, इनके सैंपल ले रही है  जिससे इनका इलाज शुरू किया जा सके। 

एक कुशल योद्धा की तरह कोरोना से लड़ रहे योगी ने मुसीबत की इस घड़ी में गरीबों के लिए सरकारी खजाना भी खोल दिया है जिससे हर गरीब को भरण-पोषण भत्ता के तहत एक हजार रुपए उनके बैंक खाते में भेजे जा रहे हैं, साथ ही सरकार उन्हें राशन भी मुहैया करवा रही है। शहर या गांव हर जगह गरीबों को भोजन वितरित किया जा रहा है। देश की सबसे बड़ी आबादी उत्तर प्रदेश में होने के बावजूद इस तरीके का सप्लाई सिस्टम विकसित किया गया है कि गरीब से गरीब तथा कमजोर से कमजोर व्यक्ति इस लॉकडाऊन में अपने जीवन की रक्षा कर सके और कोरोना फैलने  से रोकने में अपना योगदान दे सके। मनमर्जी करने वालों के साथ सख्ती तथा गरीबों, कमजोरों के साथ सहानुभूति व मदद का भाव ही योगी मॉडल है जिसे देश में दूसरे राज्य भी अपनाने लगे हैं।-महावीर जायसवाल

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