Edited By Mansa Devi,Updated: 17 Dec, 2025 12:22 PM

नया साल करीब है और टेक्नोलॉजी की दुनिया में 2026 को एक बड़े बदलाव का साल माना जा रहा है। आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस की तेज़ रफ्तार तरक्की ने यह साफ कर दिया है कि आने वाला वक्त रोबोट्स के नाम रहने वाला है। खासतौर पर ह्यूमनॉइड रोबोट्स को लेकर जबरदस्त...
नेशनल डेस्क: नया साल करीब है और टेक्नोलॉजी की दुनिया में 2026 को एक बड़े बदलाव का साल माना जा रहा है। आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस की तेज़ रफ्तार तरक्की ने यह साफ कर दिया है कि आने वाला वक्त रोबोट्स के नाम रहने वाला है। खासतौर पर ह्यूमनॉइड रोबोट्स को लेकर जबरदस्त उत्साह देखने को मिल रहा है। दावा किया जा रहा है कि ये रोबोट सिर्फ फैक्ट्रियों और गोदामों तक सीमित नहीं रहेंगे, बल्कि घरों में भी दिखाई देंगे और रोज़मर्रा की ज़िंदगी का हिस्सा बन सकते हैं।
इंसानों की सुरक्षा सबसे बड़ी चुनौती
ह्यूमनॉइड रोबोट्स कई काम खुद करने में सक्षम हो चुके हैं, लेकिन इंसानों के साथ उनका सुरक्षित तरीके से काम करना अब भी एक बड़ी चुनौती बना हुआ है। फिलहाल इन रोबोट्स को फैक्ट्रियों और वेयरहाउस में दीवारों या बैरिकेड्स के पीछे रखा जाता है ताकि किसी तरह की दुर्घटना न हो। अगर किसी तकनीकी खराबी या सॉफ्टवेयर गड़बड़ी की वजह से रोबोट किसी इंसान को नुकसान पहुंचा दे, तो इसके नतीजे बेहद गंभीर हो सकते हैं।
कंपनियां ऐसी तकनीक पर काम कर रही हैं जिससे रोबोट इंसानों को पहचान सकें और उनके आसपास सुरक्षित तरीके से काम कर सकें, लेकिन विशेषज्ञ मानते हैं कि यह तकनीक अभी पूरी तरह भरोसेमंद नहीं है। जब तक सुरक्षा से जुड़े इन सवालों का ठोस समाधान नहीं होता, इंसानों और रोबोट्स का साथ काम करना जोखिम भरा बना रहेगा।
घरों में रोबोट और निजता का खतरा
जैसे ही रोबोट्स घरों में एंट्री करेंगे, प्राइवेसी को लेकर चिंताएं और गहरी हो जाएंगी। घर एक निजी जगह होती है, जहां परिवार, बच्चे, पालतू जानवर और कीमती सामान मौजूद रहते हैं। ऐसे में कैमरा और माइक्रोफोन से लैस रोबोट का हर वक्त घर में मौजूद रहना लोगों को असहज कर सकता है। चूंकि ये रोबोट इंटरनेट से जुड़े होते हैं, इसलिए डेटा लीक और हैकिंग का खतरा भी बना रहता है।
इंसान जैसे दिखने वाले रोबोट्स को लेकर यह डर भी है कि कहीं वे निगरानी का ज़रिया न बन जाएं। कंपनियां भले ही यह भरोसा दिला रही हों कि यूज़र डेटा शेयरिंग को सीमित कर सकते हैं या घर के कुछ हिस्सों में रोबोट की एंट्री रोक सकते हैं, लेकिन आम लोग इन्हें अपने निजी जीवन में कितना स्वीकार करेंगे, यह अभी साफ नहीं है।
ऊंची कीमत बनेगी बड़ी रुकावट
ह्यूमनॉइड रोबोट्स की कीमत फिलहाल इतनी ज्यादा है कि आम परिवार इनके बारे में सोच भी नहीं सकता। कंपनियां दावा कर रही हैं कि समय के साथ इनके दाम कम होंगे, लेकिन 2026 तक यह तकनीक अमीर वर्ग और बड़ी कंपनियों तक ही सीमित रहने की संभावना है। अगर रोबोट्स सिर्फ चुनिंदा लोगों तक सिमट कर रह गए, तो तकनीक और आम जनता के बीच की दूरी और बढ़ सकती है।
नौकरियों पर मंडराता खतरा
सबसे गंभीर चिंता रोज़गार को लेकर है। ह्यूमनॉइड रोबोट्स को इस तरह तैयार किया जा रहा है कि वे इंसानों जैसे कई काम कर सकें। कंपनियों का कहना है कि ये रोबोट वही काम करेंगे जिन्हें लोग करना नहीं चाहते, लेकिन सच्चाई यह है कि यही काम लाखों लोगों की रोज़ी-रोटी का साधन भी हैं।
चमत्कार और चुनौतियों के बीच 2026
2026 तकनीक के लिहाज़ से चमत्कारों से भरा साल साबित हो सकता है। रोबोट्स जीवन को आसान बनाने की पूरी क्षमता रखते हैं, लेकिन उनके साथ जुड़ी सुरक्षा, निजता, कीमत और रोजगार जैसी चुनौतियों का समाधान उतना ही जरूरी है। जब तक इन सवालों के स्पष्ट जवाब नहीं मिलते, यह तय करना मुश्किल है कि रोबोट्स भविष्य के सबसे अच्छे साथी बनेंगे या एक नई और बड़ी चुनौती।