Edited By Supreet Kaur,Updated: 27 Dec, 2019 10:50 AM
सरकारी बैंकों को वित्त वर्ष 2018-19 में जुलाई-जून अवधि में 1.2 लाख शिकायतें मिलीं जिसमें भारतीय स्टेट बैंक (एसबीआई) पहले स्थान पर रहा। भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) द्वारा जारी रिपोर्ट के अनुसार निजी बैंकों के मुकाबले सरकारी बैंकों की काफी शि...
नई दिल्लीः सरकारी बैंकों को वित्त वर्ष 2018-19 में जुलाई-जून अवधि में 1.2 लाख शिकायतें मिलीं जिसमें भारतीय स्टेट बैंक (एसबीआई) पहले स्थान पर रहा। भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) द्वारा जारी रिपोर्ट के अनुसार निजी बैंकों के मुकाबले सरकारी बैंकों की काफी शिकायतें मिलीं। ज्यादातर शिकायतें क्रैडिट या डैबिट कार्ड को लेकर हैं।
रिपोर्ट के मुताबिक बैंकों में नियमों का पालन न करने को लेकर शिकायतें दूसरे नंबर पर रही हैं। सरकारी बैंकों से ग्राहक काफी परेशान दिखे। इस रिपोर्ट के अनुसार सरकारी बैंकों में पहले स्थान पर एसबीआई रहा, जबकि दूसरे स्थान पर पंजाब नैशनल बैंक और तीसरे स्थान पर बैंक ऑफ बड़ौदा रहा। एसबीआई के खिलाफ जितनी शिकायतें मिलीं वे सभी 18 सरकारी बैंकों के मुकाबले आधी हैं।
निजी बैंकों की मिलीं 55,000 शिकायतें
वहीं निजी बैंकों की अगर बात की जाए तो कुल 55,000 शिकायतें आरबीआई को मिलीं। इनमें एचडीएफसी बैंक पहले स्थान पर, आईसीआईसीआई बैंक दूसरे और एक्सिस बैंक तीसरे स्थान पर रहा। इन बैंकों के खिलाफ ग्राहकों ने बिना बताए खाते से पैसा काटने की शिकायतें दर्ज की हैं। ज्यादातर शिकायतें बड़े शहरों से हैं। आरबीआई द्वारा चलाए जा रहे ग्राहक अवेयरनैस कार्यक्रमों से ग्राहक ज्यादा शिकायतें दर्ज कर रहे हैं। हालांकि शिकायतों की संख्या में पिछले साल के मुकाबले 32,311 की बढ़ौतरी देखी गई है।