1 लाख करोड़ के माइनिंग जुर्माने ने झकझोरा केंद्र व कंपनियों को

Edited By Punjab Kesari,Updated: 22 Feb, 2018 12:45 PM

1 lakh crores mining fines to centers and companies

सुप्रीम कोर्ट के एक फैसले जिस अधीन ज्यादा माइनिंग करने वाली कंपनियों को भारी जुर्माना लगाने का प्रबंध किया गया है, ने केंद्र तथा माइनिंग कंपनियों को झकझोर कर रख दिया है। केंद्र सरकार अब  कंपनियों को बचाने के लिए ऑर्डीनैंस लाने बारे सोच रही है।

नई दिल्लीः सुप्रीम कोर्ट के एक फैसले जिस अधीन ज्यादा माइनिंग करने वाली कंपनियों को भारी जुर्माना लगाने का प्रबंध किया गया है, ने केंद्र तथा माइनिंग कंपनियों को झकझोर कर रख दिया है। केंद्र सरकार अब  कंपनियों को बचाने के लिए ऑर्डीनैंस लाने बारे सोच रही है।

सुप्रीम कोर्ट के उक्त फैसले का असर झारखंड व छत्तीसगढ़ जैसे राज्यों में स्थित माइनिंग कंपनियों पर मुख्य रूप से पड़ेगा। उन्हें 1 लाख करोड़ रुपए तक जुर्माना देना पड़ेगा। सरकार इस कारण चिंतित है। सरकार की चिंता का कारण यह भी है कि पब्लिक सैक्टर अंडरटेकिंग (पी.एस.यू.) अधीन उसकी अपनी एक कंपनी के.ओ.आई.एल. भी इस अधीन आ गई है। इस कंपनी को स्टील मंत्रालय की ओर से चलाया जाता है। इस कंपनी पर 1400 करोड़ रुपए का जुर्माना लगाया गया है जबकि उसकी कुल संपत्ति 400 करोड़ रुपए ही है। यदि सुप्रीम कोर्ट ने अपने आदेश में कोई संशोधन न किया तो इस कंपनी को बंद करना पड़ सकता है।

कई सरकारी कंपनियां बिन इजाजत कर रही माइनिंग
पब्लिक सैक्टर अंडरटेकिंग की एक अन्य बड़ी कंपनी ‘सेल’ ने अब तक ओडिशा सरकार के पास 100 करोड़ रुपए जुर्माने के तौर पर जमा करवाए थे। कई सरकारी मिलकियत वाली कंपनियां बिना योग्य लाइसैंस पर माइनिंग कर रही हैं। उन्हें भी मोटा जुर्माना हो सकता है। प्रधानमंत्री कार्यालय, स्टील, माइन, कोयला तथा अन्य मंत्रालयों के  अधिकारी दिन-रात इस मामले का हल ढूंढने के लिए प्रयत्न कर रहे हैं। मौजूदा खान मंत्री नरिंद्र सिंह तोमर चाहते हैं कि सरकार ऑर्डीनैंस जारी करे। कानून मंत्रालय भी इस संबंधी रणनीति तैयार कर रहा है। ओडिशा केंद्र सरकार पर बहुत खुश है।

उसे अभी तक माइनिंग कंपनियों से 10,000 करोड़ रुपए जुर्माने के तौर पर मिल चुके हैं जबकि कुल जुर्माना 60,000 करोड़ रुपए का है। यदि सुप्रीम कोर्ट का आदेश लागू रहता है तो कई अन्य राज्य सरकारों को 40,000 करोड़ रुपए मिल सकते हैं। झारखंड ने अलग-अलग प्राइवेट कंपनियों से बकाया वसूलना शुरू कर दिया है। ये सब उस समय हो रहा है जब इस बात की संभावना है कि केंद्र सरकार कोई ऑर्डीनैंस जारी कर सकती है। सुप्रीम कोर्ट के आदेशों के बाद अलग-अलग राज्यों में 150 कंपनियां बंद हो चुकी हैं। उक्त कंपनियों को 2000 से 2010 तक के बीच ज्यादा माइनिंग करने पर जुर्माने किए गए थे।

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