Edited By jyoti choudhary,Updated: 22 Nov, 2022 06:08 PM
कंपनियों के निदेशक मंडल (बोर्ड) में महिलाओं की संख्या बढ़ रही है। हालांकि, इसकी रफ्तार बेहद धीमी है। एक अध्ययन के मुताबिक इस साल मार्च के अंत में एनएसई में सूचीबद्ध शीर्ष 500 कंपनियों में महिलाओं की हिस्सेदारी लगभग 18 प्रतिशत थी।
नई दिल्लीः कंपनियों के निदेशक मंडल (बोर्ड) में महिलाओं की संख्या बढ़ रही है। हालांकि, इसकी रफ्तार बेहद धीमी है। एक अध्ययन के मुताबिक इस साल मार्च के अंत में एनएसई में सूचीबद्ध शीर्ष 500 कंपनियों में महिलाओं की हिस्सेदारी लगभग 18 प्रतिशत थी। सलाहकार फर्म इंस्टिट्यूशनल इन्वेस्टर एडवाइजरी सर्विसेज (आईआईएएस) ने मंगलवार को अपनी रिपोर्ट में कहा कि वैश्विक स्तर पर कॉरपोरेट निदेशक मंडल में औसतन 24 प्रतिशत महिला प्रतिनिधित्व है। रिपोर्ट के मुताबिक इसमें सुधार जारी है।
‘कॉरपोरेट इंडिया: वूमेन ऑन बोर्ड्स' शीर्षक वाले अध्ययन में कहा गया, ‘‘भारत में कंपनी के निदेशक मंडल बोर्ड में महिलाओं की नियुक्ति में प्रगति हुई है- 2014 में छह प्रतिशत से पांच साल पहले तक 14 प्रतिशत। इस समय निफ्टी-500 कंपनियों के निदेशकों में 17.6 प्रतिशत महिलाएं हैं।'' रिपोर्ट में कहा गया कि महिला निदेशकों की संख्या बढ़ रही है लेकिन पिछले तीन वर्षों में इसकी रफ्तार सिर्फ एक प्रतिशत रही है।
मौजूदा दर के आधार पर भारत में महिलाओं की 30 प्रतिशत हिस्सेदारी हासिल करने में 2058 तक का समय लगेगा। इस साल मार्च में निफ्टी-500 कंपनियों में 4,694 निदेशक थे, जिनमें से 827 या 17.6 प्रतिशत महिलाएं थीं। आईआईएएस के प्रबंध निदेशक अमित टंडन ने कहा कि कॉरपोरेट जगत को बोर्ड में महिलाओं का कम से कम 30 प्रतिशत प्रतिनिधित्व हासिल करने के लिए कदम उठाने चाहिए।