घाटे में चल रहीं 19 सरकारी कंपनियां होंगी बंद

Edited By jyoti choudhary,Updated: 26 Jun, 2019 11:40 AM

19 government companies going for losses

मोदी सरकार की ओर से एच.एम.टी., हिंदुस्तान केबल्स और इंडियन ड्रग्स जैसी सार्वजनिक क्षेत्र की 19 कम्पनियों को बंद करने की मंजूरी दी जा चुकी है। ये सभी कम्पनियां घाटे में चल रही हैं। सरकार की ओर से यह जानकारी कांग्रेस के लोकसभा सांसद एडवोकेट अदूर...

नई दिल्लीः मोदी सरकार की ओर से एच.एम.टी., हिंदुस्तान केबल्स और इंडियन ड्रग्स जैसी सार्वजनिक क्षेत्र की 19 कम्पनियों को बंद करने की मंजूरी दी जा चुकी है। ये सभी कम्पनियां घाटे में चल रही हैं। सरकार की ओर से यह जानकारी कांग्रेस के लोकसभा सांसद एडवोकेट अदूर प्रकाश के सवाल के जवाब में दी गई है।

दरअसल लोकसभा में कांग्रेस के सांसद एडवोकेट अदूर प्रकाश ने भारी उद्योग और लोक उद्यम मंत्रालय से पब्लिक सैक्टर की कम्पनियों का ब्यौरा मांगा है, इसमें उन्होंने कुछ सवाल पूछे। अदूर प्रकाश का पहला सवाल था कि क्या सरकार घाटे में चल रहे पब्लिक सैक्टर अंडरटेकिंग (पी.एस.यू.) को बंद करने या उनके निजीकरण पर विचार कर रही है। 

इसके अलावा उन्होंने सवाल किया कि क्या नीति आयोग ने निजीकरण के लिए पी.एस.यू. की एक नई सूची तैयार की है। यही नहीं अदूर प्रकाश ने निजीकरण के लिए प्रस्तावित सभी पी.एस.यू. के मुनाफा या नुक्सान का भी ब्यौरा मांगा। इन सवालों का जवाब देते हुए मंत्रालय के मंत्री अरविंद गणपत सांवत ने अलग-अलग विभागों की घाटे में चल रही कम्पनियों के बारे में जानकारी दी। इसके साथ ही उन्होंने उन 19 पी.एस.यू. कम्पनियों की सूची भी जारी की जिसे बंद करने की कवायद हो रही है। 

ये हैं बंद होने वाली कम्पनियां
मंत्रालय की ओर से दी गई जानकारी के मुताबिक भारी उद्योग विभाग-तुंगभद्रा स्टील प्रोडक्ट्स लिमिटेड, एच.एम.टी. वॉचेज लिमिटेड, एच.एम.टी. चिनार वॉचेज लिमिटेड, एच.एम.टी. बियरिंग्स लिमिटेड, हिंदुस्तान केबल्स लिमिटेड, एच.एम.टी. लिमिटेड की ट्रैक्टर यूनिट और इंस्ट्रूमैंटेशन लिमिटेड की कोटा यूनिट को बंद करने की मंजूरी सरकार की ओर से दे दी गई है।
इसी तरह जहाजरानी मंत्रालय के अधीन आने वाले केन्द्रीय अंतर्देशीय जल परिवहन निगम लिमिटेड भी घाटे में चल रही है जबकि फार्मास्यूटिकल्स विभाग के इंडियन ड्रग्स और राजस्थान ड्रग्स एंड फार्मास्यूटिकल्स लिमिटेड को भी सरकार द्वारा बंदी के लिए अनुमोदित की जा चुकी है। इसके अलावा जिन कम्पनियों को सरकार बंद करने की मंजूरी दे चुकी है उनमें पैट्रोलियम, पर्यावरण, रेल मंत्रालय के अधीन आने वाली कम्पनियां भी शामिल हैं। 

नके अलावा आई.ओ.सी.एल.-क्रेडा बायोफ्यूल्स, के्रडा एच.पी.सी.एल. बायोफ्यूल्स, अंडेमान निकोबार दीप समूह वन और पौधरोपण विकास निगम पोर्ट ब्लेयर, भारत वैगन एंड इंजीनियरिंग कंपनी, बर्न स्टैंडर्ड कंपनी, सी.एन.ए./एन 2 ओ 4 प्लांट को छोड़कर हिंदुस्तान आर्गैनिक कैमिकल्स लि. की रसायई इकाई में सभी संयंत्रों का  संचालन बंद होगा। नैशनल जूट मैन्युफैक्चरर्स कार्पो., बर्डस जूट एंड एक्सपोर्ट, एस.टी.सी.एल. भी बंद होंगी। हालांकि सरकार की ओर से जिन कंपनियों को विनिवेश की मंजूरी दी गई है उनमें 25 से ज्यादा कंपनियां शामिल हैं। इन कंपनियों में सेल, एच.पी.एल. और हिंदुस्तान कॉर्पोरेशन लिमिटेड जैसी कंपनियां शामिल हैं।

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