Edited By jyoti choudhary,Updated: 13 Nov, 2021 02:01 PM
रेटिंग एजेंसी क्रिसिल ने कहा कि 20 प्रतिशत सबसे अमीर आबादी को 20 प्रतिशत सबसे गरीब आबादी के मुकाबले महंगाई का अधिक सामना करना पड़ रहा है। क्रिसिल ने कहा कि 20 प्रतिशत सबसे गरीब आबादी खाद्य वस्तुओं पर अधिक खर्च करती है, जिसमें अक्टूबर 2021 के दौरान...
बिजनेस डेस्कः रेटिंग एजेंसी क्रिसिल ने कहा कि 20 प्रतिशत सबसे अमीर आबादी को 20 प्रतिशत सबसे गरीब आबादी के मुकाबले महंगाई का अधिक सामना करना पड़ रहा है। क्रिसिल ने कहा कि 20 प्रतिशत सबसे गरीब आबादी खाद्य वस्तुओं पर अधिक खर्च करती है, जिसमें अक्टूबर 2021 के दौरान कमी हुई। दूसरी ओर 20 प्रतिशत सबसे अमीर आबादी गैर-खाद्य वस्तुओं पर अधिक खर्च करती है, जो बीते महीने महंगी हुईं।
खर्च का हिस्सा सभी वर्गों में अलग
क्रिसिल का तर्क इस तथ्य पर आधारित है कि मुद्रास्फीति का बोझ अलग-अलग इनकम ग्रुप में भिन्न होता है, क्योंकि भोजन, ईंधन और मुख्य कैटेगरी पर खर्च का हिस्सा सभी वर्गों में अलग होता है। गौरतलब है कि अक्टूबर 2021 में खुदरा मुद्रास्फीति बढ़कर 4.5 प्रतिशत हो गई, जो इससे पिछले महीने 4.3 प्रतिशत थी। यह आंकड़ा अक्टूबर 2020 में 7.6 प्रतिशत था।
कौन किस पर ज्यादा खर्च करता है
राष्ट्रीय नमूना सर्वेक्षण संगठन (एनएसएसओ) के 2011-12 के उपभोक्ता खर्च के मुताबिक, सबसे गरीब 20 प्रतिशत आबादी अपनी इनकम का ज्यादातर हिस्सा भोजन पर खर्च करती है, जबकि सबसे अमीर 20 प्रतिशत मुख्य वस्तुओं पर ऐसा करते हैं। एनएसएसओ डेटा का इस्तेमाल करते हुए, क्रिसिल ने तीन इनकम ग्रुप में औसत खर्च पैटर्न का अनुमान लगाया है। इसमें नीचे 20, मध्य 60, और ऊपरी 20 प्रतिशत के मुताबिक अनुमान लगाया है। इसमें उन्हें मौजूदा मुद्रास्फीति के ट्रेंड के साथ मैप किया गया। इसमें यह पाया गया कि शहरी क्षेत्र में ऊपरी 20 प्रतिशत कैटेगरी के लोगों ने अक्टूबर में ज्यादा महंगाई का सामना किया।