Edited By jyoti choudhary,Updated: 27 Apr, 2019 07:26 PM
चुनावी माहौल के बीच भारत के लिए खुशखबरी है। अमेरिका की करीब 200 कंपनियां अपना मैन्युफैक्चरिंग सेंटर आम चुनाव के बाद चीन से भारत ले जाना चाहती है। अमेरिका और भारत के संबंधों को मजबूत बनाने की पैरवी करने वाले स्वयंसेवी समूह
वॉशिंगटनः चुनावी माहौल के बीच भारत के लिए खुशखबरी है। अमेरिका की करीब 200 कंपनियां अपना मैन्युफैक्चरिंग सेंटर आम चुनाव के बाद चीन से भारत ले जाना चाहती है। अमेरिका और भारत के संबंधों को मजबूत बनाने की पैरवी करने वाले स्वयंसेवी समूह यूएस-इंडिया स्ट्रेटजिक ऐंड पार्टनरशिप फोरम (USISPF) ने यह बात कही है। फोरम ने कहा कि चीन की जगह कोई अन्य विकल्प तलाश कर रही कंपनियों के लिए भारत में शानदार अवसर उपलब्ध हैं।
इस बारे में यूएस-इंडिया स्ट्रेटजिक ऐंड पार्टनरशिप फोरम के चेयरमैन मुकेश अघी ने कहा कि चीन में काम कर रही अमेरिका की कई कंपनियों से उनकी बात हो रही है। कंपनियों का कहना है कि भारत में निवेश किस तरह से किया जाए इस बात पर वो विचार कर रहे हैं क्योंकि आने वाले वक्त में चीन के विकल्प में भारत को तैयार किया जा सकता है।
मुकेश अघी का यह भी कहना है कि यूएस-इंडिया स्ट्रेटजिक ऐंड पार्टनरशिप फोरम इस बारे में सरकार से बात करेगा और निर्णय लेने की प्रक्रिया में पारदर्शिता का सुझाव देगा। मुकेश अघी ने आगे बताया कि अमेरिकी कंपनियां ई-कॉमर्स, डेटा स्टोरेज जैसे क्षेत्रों को स्थानीय कारक न मानकर अंतरराष्ट्रीय कारक मान रही हैं। इसलिए इस पर गंभीरता से विचार किया जा रहा है।
मीडिया से बात करते हुए मुकेश अघी ने कहा कि निवेश आकर्षित करने के लिए भारत में आने वाली नई सरकार को निर्णय लेने की प्रक्रिया में पारदर्शिता और अधिक पक्षों के साथ विचार-विमर्श पर जोर देना चाहिए।