Year Ender Business News: 2025 बना भारतीय स्टार्टअप्स के लिए ‘नकदी का साल’, IPO से रिकॉर्ड निकासी

Edited By Updated: 24 Dec, 2025 01:50 PM

2025 becomes the year of cash for indian startups with record exits through

लंबे समय तक फंडिंग में सुस्ती के बाद 2025 भारतीय स्टार्टअप इकोसिस्टम के लिए नकदी सृजन का वर्ष बनकर उभरा है। सार्वजनिक निर्गम (IPO) गतिविधियों में जोरदार वापसी, सौदों की गुणवत्ता में सुधार और अनुशासित ग्रोथ की ओर साफ झुकाव देखने को मिला। जहां 2023 को...

बिजनेस डेस्कः लंबे समय तक फंडिंग में सुस्ती के बाद 2025 भारतीय स्टार्टअप इकोसिस्टम के लिए नकदी सृजन का वर्ष बनकर उभरा है। सार्वजनिक निर्गम (IPO) गतिविधियों में जोरदार वापसी, सौदों की गुणवत्ता में सुधार और अनुशासित ग्रोथ की ओर साफ झुकाव देखने को मिला। जहां 2023 को ‘फंडिंग विंटर’ और 2024 को सतर्क आशावाद का साल माना गया, वहीं 2025 को सार्वजनिक बाजारों के जरिए ऐतिहासिक निकासी के लिए याद किया जाएगा।

स्टार्टअप और निजी कंपनियों पर डेटा व विश्लेषण देने वाली फर्म ट्रैक्सन के मुताबिक, 2025 में भारतीय टेक स्टार्टअप्स ने 10.5 अरब डॉलर जुटाए, जो 2024 के 12.7 अरब डॉलर से 17 फीसदी और 2023 के 11 अरब डॉलर से चार फीसदी कम है। हालांकि कुल फंडिंग घटी लेकिन औसत मिड-स्टेज डील साइज लगभग दोगुना होकर 14 लाख डॉलर पहुंच गया, जो निवेशकों की बढ़ती परिपक्वता को दर्शाता है।

बड़े सौदे कम लेकिन गुणवत्ता बेहतर

10 करोड़ डॉलर या उससे अधिक के फंडिंग राउंड्स की संख्या घटकर 14 रह गई, जो 2024 में 19 थी। इसके बावजूद एरिशा ई-मोबिलिटी (1 अरब डॉलर), जेप्टो (45 करोड़ डॉलर) और ग्रीनलाइन (27.5 करोड़ डॉलर) जैसे बड़े सौदे देखने को मिले।

IPO से नकदी सृजन में उछाल

कम फंडिंग के बावजूद नकदी सृजन में तेज बढ़ोतरी दर्ज की गई, जिसका नेतृत्व IPO की जोरदार वापसी ने किया। लेंसकार्ट, ग्रो, मीशो और फिजिक्सवाला सहित 18 स्टार्टअप्स ने शेयर बाजार में लिस्ट होकर कुल 41,000 करोड़ रुपए (करीब 4.5 अरब डॉलर) जुटाए। इसके मुकाबले 2024 में IPO के जरिए 29,000 करोड़ रुपए जुटाए गए थे।

विशेषज्ञों की राय

ट्रैक्सन की सह-संस्थापक नेहा सिंह ने कहा, “2025 को मैं नकदी का वर्ष कहूंगी। यह IPO का साल रहा, जिसमें वीसी और पीई समर्थित कंपनियां रिकॉर्ड संख्या में बाजार में पहुंचीं।”

वहीं EY इंडिया के बाजार एवं दूरसंचार प्रमुख प्रशांत सिंघल ने बताया कि भारत अब अमेरिका और चीन के बाद दुनिया का तीसरा सबसे बड़ा स्टार्टअप इकोसिस्टम बन चुका है। इस साल करीब 44,000 नए स्टार्टअप जुड़े, जबकि 11 नए यूनिकॉर्न बने।

2026 को लेकर उम्मीदें

विशेषज्ञों के मुताबिक, 2026 में फंडिंग 2025 से बेहतर रहने की संभावना है। आने वाले साल में AI निवेश, D2C ब्रांड्स और व्यापक उपभोक्ता बाजार निवेशकों के लिए प्रमुख आकर्षण बने रहेंगे।

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