Edited By jyoti choudhary,Updated: 10 Apr, 2018 11:31 AM
वडोदरा स्थित एक कंपनी द्वारा कथित तौर पर विभिन्न बैंकों से 2,654 करोड़ रुपए की धोखाधड़ी के सिलसिले में दर्ज मामले में प्रवर्तन निदेशालय ने कई जगह तलाशी अभियान चलाया।
अहमदाबादः वडोदरा स्थित एक कंपनी द्वारा कथित तौर पर विभिन्न बैंकों से 2,654 करोड़ रुपए की धोखाधड़ी के सिलसिले में दर्ज मामले में प्रवर्तन निदेशालय ने कई जगह तलाशी अभियान चलाया।
अधिकारियों ने कहा कि वडोदरा में 7 जगहों तथा डायमंड पावर इंफ्रांस्ट्रक्चर लिमिटेड (डीपीआईएल) के परिसरों की तलाशी ली गई। उन्होंने कहा कि शहर के गोरवा इलाके में कंपनी के कॉरपोरेट दफ्तर, वडडाला और रानोली में कारखानों तथा निजामपुरा और न्यू अलकापुरी में कार्यकारियों के आवासीय परिसरों पर छापेमारी की गई। हाल में सी.बी.आई. द्वारा दर्ज कराई गई एफ.आई.आर. के आधार पर धन शोधन निरोधक अधिनियम (पीएमएलए) के तहत मामला दर्ज करने के बाद एजेंसी ने यह कार्रवाई की।
अधिकारियों का कहना है कि निदेशालय की कार्रवाई दिन भर जारी रही लेकिन कंपनी का कोई अधिकारी पूछताछ के लिए कहीं नहीं मिला। अधिकारी के अनुसार, ‘दिन भर की कार्रवाई में कंपनी का कोई प्रवर्तक हमें नहीं मिला। ऐसा लगता है कि मामला सामने आते ही वे लोग गायब हो गए हैं।’ प्रवर्तन निदेशालय इस बात की जांच कर रहा है कि कर्ज की इस रकम का इस्तेमाल कहीं अवैध रूप से संपत्ति खरीदने या दूसरी गड़बडिय़ों में तो नहीं किया गया।
सी.बी.आई. ने आरोप लगाया कि इलेक्ट्रिक केबल और उपकरण बनाने वाली कंपनी डीपीआईएल का मालिकाना हक एस एन भटनागर और उनके बेटों अमित भटनागर व सुमित भटनागर के पास है जो इस कंपनी में एक्जीक्यूटिव हैं। सी.बी.आई. ने कहा , आरोप है कि अपने प्रबंधन के जरिए डीपीआईएल ने 11 बैंकों के समूह (सरकारी और निजी दोनों) से वर्ष 2008 से साख (क्रेडिट) की सुविधा हासिल की और 29 जून 2016 को बकाया कर्ज 2,654.40 करोड़ हो गया। उसने कहा कि वर्ष 2016-17 में 2,654 करोड़ रुपए के कर्ज को गैर निष्पादित संपत्ति घोषित कर दिया गया।